जमात-ए-इस्लामी की ₹100 करोड़ की संपत्ति जब्त, जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग की कमर तोड़ने के लिए बड़ी कार्रवाई: कुल 188 संपत्तियाँ जद में

SIA की सिफारिश पर सरकार ने जमात-ए-इस्लामी की 100 करोड़ रुपए की संपत्तियों को किया सील (फाइल फोटो, साभार: Jammu Bulletin)

जम्मू-कश्मीर पुलिस की राज्य जाँच एजेंसी (SIA) की सिफारिश पर सरकार ने जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग हिस्सों में प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी (JEI) की लगभग 100 करोड़ रुपए की अनेक संपत्तियों को सील किया है।

SIA ने शनिवार (17 दिसंबर, 2022) को जारी एक बयान में कहा है कि केंद्र शासित प्रदेश के बारामूला, बांदीपोरा, गांदरबल और कुपवाड़ा में एसआईए की सिफारिश पर बारामूला, बांदीपोरा, गांदरबल और कुपवाड़ा के जिला मजिस्ट्रेट द्वारा अधिसूचित किए जाने के बाद लगभग 100 करोड़ रुपए की संपत्तियों के उपयोग और प्रवेश पर रोक लगाई गई है। ये संपत्तियाँ अलग-अलग जगहों (एक दर्जन से अधिक स्थानों) पर थीं।

एक अधिकारी ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी गतिविधियों के लिए धन की उपलब्धता को रोकने व देश विरोधी तत्वों और आतंकी नेटवर्क के पारिस्थितिकी तंत्र को खत्म करने के उद्देश्य से यह कार्रवाई की गई।

इस कार्रवाई को लेकर अधिकारियों का कहना है कि जमात-ए-इस्लामी से जुड़ी हुई संपत्तियों को सील करने के साथ ही संबंधित राजस्व रिकॉर्ड में इन्हें ‘रेड एंट्री’ दी गई है। इसके अलावा, अधिकारी ने यह भी कहा है कि जब्ती की कार्यवाही के दौरान, यह पाया गया है कि कुपवाड़ा और कंगन (गांदरबल में) कस्बों में करीब दो दर्जन व्यावसायिक प्रतिष्ठान जमात-ए-इस्लामी की संपत्ति पर किराए से चल रहे थे।

इसलिए, जाँच पूरी होने के बाद यह निर्णय लिया गया है कि जिन लोगों को जमात-ए-इस्लामी से कोई संबंध न हो, उन पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जाएगी। क्योंकि, ऐसे लोग सामान्य किराएदार थे। SIA ने अपने बयान में कहा है, “जमात-ए-इस्लामी के खिलाफ हुई यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर में बढ़ रही टेरर फंडिंग के खतरे को काफी हद तक खत्म कर देगी। साथ ही यह कानून व्यवस्था और समाज में फैले डर को समाप्त करने की दिशा में बड़ा कदम है।”

बयान में यह भी कहा गया है कि जम्मू कश्मीर पुलिस की राज्य जाँच एजेंसी (SIA) ने जम्मू-कश्मीर में जमात-ए-इस्लामी की 188 संपत्तियों की पहचान की थी। इन सभी संपत्तियों को या तो नोटिफाई किया जा चुका है या फिर ऐसी संपत्तियों पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया