‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’: कन्हैया चिल्ला रहा था, कर रहा था भीड़ का नेतृत्व – पुलिस ने की पुष्टि

JNU देश-विरोधी मामले में पुलिस ने दाख़िल किया 1200 पन्नों का आरोप-पत्र

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जेएनयू के पूर्व छात्र नेता कन्हैया कुमार, सईद उमर ख़ालिद और अनिर्बन भट्टाचार्य पर सोमवार (जनवरी 14, 2019) को देशद्रोह के मामले में आपराधिक षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया है। पुलिस का आरोप है कि ये लोग 9 फरवरी 2016 को हुए प्रदर्शन में अन्य अपराधों से भी जुड़े हुए थे।

इस पूरे मामले पर पुलिस ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया के रिपोर्ट की पुष्टि करते हुए बताया कि जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व नेता कन्हैया कुमार ने ही उस दिन पूरी भीड़ का नेतृत्व किया था और बतौर छात्रसंघ नेता उसने सबको रोकने की जगह उन सबके साथ मिलकर देश-विरोधी नारेबाज़ी की थी।

दिल्ली पुलिस ने जो चार्जशीट फाइल की है, वो पूरे 1200 पन्नों का है। इसमें इस बात का ज़िक्र है कि 2016 में हुई यह घटना सोची-समझी साज़िश और पूरी प्लानिंग के साथ हुई थी। अपनी चार्जशीट में पुलिस ने इस मामले से जुड़े 90 गवाहों को साक्ष्य के तौर पर रखा है। इनमें से 30 ऐसे हैं, जो देशद्रोही नारेबाज़ी के प्रत्यक्षदर्शी हैं। इनमें से कुछ वहाँ के स्टॉफ और सुरक्षाकर्मी भी हैं।

रिपोर्ट के अनुसार सैयद उमर ख़ालिद के खिलाफ देशद्रोह के साथ-साथ आईपीसी की दो अन्य धाराएँ भी लगाई गई हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि ख़ालिद पर आरोप है कि उसने कुछ छात्रों और लोगों के नाम पर फर्जी हस्ताक्षर किए थे। खालिद पर 124ए, 323, 465, 471, 143, 147, 149 और 120 बी धारा लगाई गई है। अन्य आरोपितों पर 465 और 471 धारा को छोड़कर बाकी सारी धाराएँ लगाई गई हैं।

लगभग 3 साल पहले सैयद उमर ख़ालिद, कन्हैया कुमार और अनिर्बन भट्टाचार्य को इस पूरे मामले में मुख्य आरोपितों के रूप में गिरफ़्तार किया गया था, लेकिन बाद में सबको ज़मानत मिल गई थी। इन तीन के अलावा इस मामले में 7 कश्मीरी छात्रों – अक़ूब हुसैन, मुज़ीब हुसैन गट्टू, मुनीब हुसैन गट्टू, उमर गुल, रईस रसूल, बशरत अली और ख़ालीद बशीर भट्ट के भी नाम शामिल हैं। इन सातों आरोपितों में से उस समय किसी को भी गिरफ़्तार नहीं किया गया था।

सात कश्मीरी छात्रों में से रईस रसूल एक फ्रीलांस पत्रकार है, जबकि अक़ूब हुसैन डेंटिस्ट्री की पढ़ाई कर रहा है। बाकी के छात्र अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से या जेएनयू से है।

इस पूरी घटना के आरोपितों में से कन्हैया, उमर ख़ालिद और अनिर्बन के अलावा मुज़ीब हुसैन गट्टू जेएनयू का छात्र था। जबकि देश-विरोधी इस घटना को अंज़ाम देने के लिए कुछ लोगों को बाहर से बुलाया गया था, जिन्होंने पूरे समय अपने चेहरों पर मास्क ढक रखा था। हालाँकि पुलिस की स्पेशल सेल ने वहाँ पर मौजूद गवाहों और सोशल मीडिया के ज़रिए इन सबकी पुख़्ता पहचान कर ली है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया