‘कुछ लोग चाहते हैं कि न्यायपालिका विपक्ष बन जाए’: केंद्रीय कानून मंत्री ने ‘टुकड़े-टुकड़े गिरोह’ को लताड़ा, कहा – भारत सभी लोकतंत्रों की माँ

केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने स्पष्ट किया कि न्यायपालिका को विपक्ष बनने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता (फाइल फोटो)

केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि भारतीय न्यायपालिका को कभी भी विपक्षी पार्टी की भूमिका निभाने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। हालाँकि ‘कुछ लोग’ चाहते हैं कि वह ऐसी भूमिका निभाए। टुकड़े-टुकड़े गैंग को बेहतर ढंग से समझ लेना चाहिए कि अब भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकास की नई यात्रा पर है।

दरअसल, शनिवार (4 मार्च 2023) को ओडिशा के भुवनेश्वर में सेंट्रल गवर्नमेंट लॉ ऑफिसर्स कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा “कुछ लोग देश की न्यायपालिका को विपक्षी पार्टी की भूमिका निभाने के लिए मजबूर करना चाहते हैं। भारतीय न्यायपालिका इसे कभी स्वीकार नहीं करेगी। मैं आपको बताना चाहता हूँ कि भारतीय न्यायपालिका को विपक्ष की भूमिका निभाने के लिए किए जा रहे इन प्रयासों का न्यायपालिका खुद ही विरोध करेगी। भारतीय न्यायपालिका विपक्ष की भूमिका को कभी स्वीकार नहीं करेगी।”

किरेन रिजिजू ने यह भी कहा, “न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर कोई सवाल नहीं उठा सकता। हमें इसे अपने देश में सरकार चलाने के सिद्धांत के रूप में स्वीकार करने की आवश्यकता है। भारत सभी लोकतंत्रों की माँ है और सरकार ने न्यायपालिका के फैसले पर कभी सवाल नहीं उठाया है।” हालाँकि, उन्होंने स्वीकार किया है कि न्यायाधीशों की नियुक्ति को लेकर मतभेद जरूर रहे हैं।

इसके अलावा किरेन रिजिजू ने ट्विटर के जरिए टुकड़े-टुकड़े गैंग पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा है कि इन गिरोहों को भारत के खिलाफ बोलने के लिए देश विरोधी विदेशी संस्थाओं से समर्थन मिलता है। ये लोग भारतीय लोकतंत्र, भारत सरकार, न्यायपालिका और रक्षा पर प्रश्न चिन्ह लगाते हैं। इतना ही नहीं, चुनाव आयोग, जाँच एजेंसियों जैसे सभी महत्वपूर्ण अंगों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा करते हैं।

उन्होंने कहा है, “टुकड़े-टुकड़े गैंग के सदस्यों को बेहतर ढंग से समझना चाहिए कि भारत ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकास की नई यात्रा की शुरुआत की है। हम भारत के लोग उन्हें करारा जवाब देंगे।”

अपने संबोधन के दौरान, किरेन रिजिजू ने अफसोस जताते हुए कहा है कि कैसे सोशल मीडिया पर भारतीय न्यायपालिका की नियमित रूप से आलोचना की जाती है। अक्सर अभद्र भाषा का उपयोग किया जाता है। जब न्यायपालिका पर किसी तरह का हमला होता है तो यह देश के लिए अच्छा संकेत नहीं है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया