FIR के बाद मेटा पर फँसे द वायर ने अपने ही टेक ‘एक्सपर्ट’ को बनाया ‘बकरा’, पहले सिद्धार्थ वरदराजन ने खुद कबूला था ‘फर्जीवाड़े’ में अपना हाथ

द वायर के मालिक ने सारा ठीकरा पत्रकार के सिर फोड़ा

मेटा के सहारे भाजपा को बदनाम करने की कोशिशों में बुरी तरह विफल होने के बाद अब द वायर ने खुद की छवि सुधारने के लिए एक नई तिगड़म भिड़ाई है। खबर है कि उन्होंने अपने उसी टेक एक्सपर्ट देवेश कुमार के खिलाफ शिकायत कर दी है जिसकी बदौलत वह ऐसी ‘फर्जी’ स्टोरीज गढ़ने में सफल हुए थे। देवेश के खिलाफ की गई शिकायत की सूचना ठीक तभी आई है जब भाजपा नेता अमित मालवीय ने भी संस्थान के ऊपर FIR दर्ज करवाई है और उसमें देवेश का नाम नहीं दिखा।

द वायर की शिकायत पर फिलहाल देवेश के ऊपर एफआईआर दर्ज नहीं हुई। लेकिन इस तरह अपने ‘एक्सपर्ट’ पर केस करना वामपंथी वेबसाइट के शातिर रवैये को दर्शाती है कि कैसे उन्होंने खुद को बचाने के लिए देवेश को बकरा बना दिया।

द वायर का अभी कहना है कि वह देवेश के खिलाफ शिकायत इसलिए दर्ज करवा रहे हैं क्योंकि उन्होंने संस्थान को नुकसान पहुँचाना चाहा और फर्जी के सूत्रों से रिपोर्ट बनवाई। लेकिन इन्हीं देवेश को लेकर पहले साइट के विचार कुछ और थे। जब तक इनके खिलाफ एफआईआर नहीं हुई थी तब तक देवेश को सिद्धार्थ वरदराजन का पूरा समर्थन था। 19 अक्टूबर को प्लेटफॉर्मर को दिए एक इंटरव्यू में वरदराजन ने कहा था, “ये सारा विवाद देवेश को लेकर नहीं बनाया जाना चाहिए। ये मेरे बारे में भी बराबर है। मैं भी स्टोरी से जुड़ा हुआ था।”

वरदराजन का ये पाखंड सोशल मीडिया पर खूब शेयर हो रहा है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की वरिष्ठ सलाकार ने गौर करवाया है कि सिद्धार्थ वरदराजन की बहादुरी देंखें। पहले बोला था कि ये मामला देवेश का नहीं है। इसमें वो खुद शामिल हैं और अब कह रहे हैं कि उन्होंने देवेश के ऊपर शिकायत की है क्योंकि उसने फर्जी जानकारी आगे बढ़ाई।

बता दें कि एक ओर जहाँ द वायर अपनी मनगढ़ंत कहानी के कारण बुरी तरह फँस गया है। वहीं देवेश के ऊपर सारा ठीकरा फोड़कर वो खुद को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। ये पहली बार नहीं हुआ कि द वायर ने फर्जी खबरों के सहारे केंद्र पर सवाल खड़े किए थे।

इससे पहले भी कई दफा वो झूठे दावों के साथ प्रोपेगेंडा बेच चुके हैं। मगर इस बार सारा दाव उलटा पड़ गया। भाजपा नेता ने अपनी कंप्लेन में द वायर के संस्थापक सिद्धार्थ वरदराजन, सिद्धार्थ भाटिया, एम के वेणु, डिप्टी एडिटर जाह्नवी सेन का नाम दिया है। वहीं वायर ने कंप्लेन में सिर्फ देवेश का नाम दिया है जबकि स्टोरी संस्थान के कई लोगों ने मिलकर की।

याद दिला दें कि अमित मालवीय के विरुद्ध प्रकाशित स्टोरी में जाह्नवी सेन का नाम लेखक के तौर पर है। इसके बाद 11 अक्टूबर को मेटा पर प्रकाशित खबर में भी जाह्ववी का नाम है और उनके साथ सिद्धार्थ वरदराजन का नाम साफ तौर पर स्टोरी के लेखकों के तौर पर देखा जा सकता है। वहीं 15 अक्टूबर को खुद को सही साबित करने के लिए द वायर जो अपने प्रमाण देता है उसमें हमें देवेश कुमार का नाम देखने को मिलता है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया