कॉन्ग्रेस की वो महिला नेता, जिसने अर्नब गोस्वामी पर हमले के तुरंत बाद लिखा – ‘युवा कॉन्ग्रेस जिंदाबाद’

अर्नब गोस्वामी और उनकी पत्नी पर कल रात (22-23 अप्रैल की रात) बाइक सवार कॉन्ग्रेस के 2 गुंडों ने हमला किया। ये हमला ठीक उस समय हुआ जब वह रात के 10 बजे के शो के बाद की एडिट कॉल निपटा कर अपने बीवी के साथ अपने घर लौट रहे थे। मगर, घर से 500 मीटर की दूरी पर इस दौरान बाइक सवारों ने एंकर की कार के आगे अपनी मोटरसाइकिल रोक दी और फिर उन पर हमला किया। हैरानी की बात है कि इस हमले की सूचना के तुरंत बाद कॉन्ग्रेस की महिला नेता अलका लांबा ने यूथ कॉन्ग्रेस की वाह वाही में ट्वीट लिख दिया। ये ट्वीट रात के तीन बजे आया और बता दें कि अर्नब गोस्वामी पर हमला 12 से 1 बजे के बीच हुआ। जिसकी जानकारी उन्होंने वीडियो जारी करके खुद दी।

अलका लांबा ने देर रात ट्वीट में लिखा, “युवा कॉन्ग्रेस जिंदाबाद।” अब सोचने की बात है कि कॉन्ग्रेस ने ऐसा क्या किया? जो अलका लांबा को देर रात युवा कॉन्ग्रेस जिंदाबाद कहना पड़ा। तो बता दें कि अर्नब गोस्वामी की टिप्पणी के अलावा कॉन्ग्रेस कल किसी मुख्य कारण चर्चा में नहीं आई। और अलका लांबा जो ये ट्वीट कर रही हैं उससे पहले वे और राजस्थान सीएम समेत कई कॉन्ग्रेसी नेता अर्नब पर एक्शन लेने की माँग कर रहे थे। मगर जैसी ही हमले की खबर सार्वजनिक हुई। उन्होंने यूथ कॉन्ग्रेस की जय-जयकार शुरू कर दी। जिसके बाद सोशल मीडिया यूजर्स ने भी उन्हें आड़े हाथों लिया और जमकर सुनाया। लोगों ने कहा कि ये हमला अलका लांबा के कारण हुआ, क्योंकि उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को भड़काया था, इसके लिए उन्होंने 2 ट्वीट भी किए थे।

दरअसल, कल अर्नब ने अपने शो में साधुओं की लिंचिग पर सोनिया गाँधी की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा था, “सोनिया गाँधी तो खुश हैं। वो इटली में रिपोर्ट भेजेंगी कि देखो, जहाँ पर मैंने सरकार बनाई है, वहाँ पर हिन्दू संतों को मरवा रही हूँ। वहाँ से उन्हें वाहवाही मिलेगी। लोग कहेंगे कि वाह, सोनिया गाँधी ने अच्छा किया। इनलोगों को शर्म आनी चाहिए। क्या उन्हें लगता है कि हिन्दू चुप रहेंगे? आज प्रमोद कृष्णन को बता दिया जाना चाहिए कि क्या हिन्दू चुप रहेंगे? पूरा भारत भी यही पूछ रहा है। बोलने का समय आ गया है।”

https://twitter.com/LambaAlka/status/1252950681897455617?ref_src=twsrc%5Etfw

इस टिप्पणी को सुनकर कई कॉन्ग्रेसियों की प्रतिक्रिया आई। उनपर एफआईआर की गईं। उनके ख़िलाफ आवाज उठी। यहाँ तक सहमति -असहमति आम बात है। मगर अलका लांबा ने यहाँ अपने कार्यकर्ताओं को भड़काना शुरू कर दिया। पहले अलका लांबा ने लिखा कि अगर अर्नब गोस्वामी को साम्प्रदायिक हिंसा भड़काने और कॉन्ग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गाँधी जी को लेकर की गई टिप्पणी पर गिरफ्तार नहीं किया जाता, तो भारतीय युवा कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ताओं को बिना सोचे सड़कों पर उतर जाना चाहिए, वरनाकोरोना से पहले यह नफ़रत कर ज़हर देश को मार डालेगा।

इसके बाद, अलका लांबा यहीं पर नहीं रुकी। उन्होंने इसी बयान पर अपनी आगे बात रखी और फिर कहा, “देशभर के कार्यकर्ता अर्नब गोस्वामी द्वारा कॉन्ग्रेस अध्यक्षा सोनिया गाँधी जी पर दिए गए ब्यान को लेकर बेहद आहत हैं, अगर समय रहते महाराष्ट्र ने उचित क़ानूनी कार्यवाही नहीं की तो मैं यह चेतावनी दे रही हूँ कि फिर कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं को सड़कों पर उतर आने से कोई नहीं रोक पाएगा।”

https://twitter.com/bhrtshoni1/status/1253080928139857920?ref_src=twsrc%5Etfw

अब भले ही, इन ट्वीट को करने के बाद अलका लांबा अर्नब के विरोध में और सोनिया गाँधी के समर्थन में कितनी ही बातें रखें। मगर, सोशल मीडिया पर लोगों का यही मानना है कि अर्नब की टिप्पणी के बाद अलका लांबा के भड़काने के कारण उन पर हमला हुआ। हालाँकि ये बात कितनी सच है? ये भी जाँच का विषय है क्योंकि यूजर्स के इल्जाम निराधार नहीं है।

पहले लगातार अर्नब की निंदा और फिर अपने कार्यकर्ताओं को सड़क पर उकसाने की बात कहना, फिर अचानक अर्नब पर कॉन्ग्रेस के गुंडों का हमला करना और देर रात कॉन्ग्रेस नेता का ट्वीट आना… ये सब एक क्रम से होना दर्शाता है कि हमले के सोनिया गाँधी पर टिप्पणी सुनकर अलका लांबा ने हिंसा भड़काने और नियमों का उल्लंघन करने के लिए उकसाने के लिए ट्वीट किया। उन्होंने लगातार कहा कि उनके युवा नेता सड़कों पर आ जाएँगे। जबकि वो जानती है कि ये लॉकडाउन का समय है और सरकार लोगों को घर में रहने की सलाह दे रही है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया