क्या शरद पवार के इशारे पर रिपब्लिक टीवी को बनाया गया निशाना? अर्नब के दावे से परम बीर सिंह की ‘निष्ठा’ घेरे में

अर्नब गोस्वामी, शरद पवार, और परम बीर सिंह

रिपब्लिक टीवी के एडिटर अर्नब गोस्वामी ने शुक्रवार (अक्टूबर 9, 2020) को मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की विश्वसनीयता और राजनैतिक निष्ठा को लेकर सवाल उठाए। गोस्वामी ने अपने संस्थान पर लगे बेबुनियादी इल्जामों के बाद एक चौंकाने वाला दावा किया है।

रिपब्लिक भारत पर लाइव सत्र के दौरान गोस्वामी ने कहा कि मुंबई पुलिस कमिश्नर ने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार से शुक्रवार की सुबह मुलाकात की थी। उन्होंने गौर करवाया कि कैसे परमबीर सिंह महाराष्ट्र में अपने राजनीतिक आकाओं के इशारे पर काम कर रहे हैं।

अर्नब गोस्वामी ने जानकारी दी कि परमबीर सिंह सुबह से पत्रकारों को समन भेज रहे है। उन्होंने कहा, “मुंबई पुलिस के पास कोई और काम नहीं है। इनका अजेंडा सिर्फ़ मुझे हटाने के लिए है। तुम (परमबीर सिंह) सुबह शरद पवार से मिले? मिले थे कि नहीं? मैं एक आसान सा सवाल पूछ रहा हूँ- क्या तुम शरद पवार से सुबह मिले या नहीं मिले? पूछता है भारत।” 

उन्होंने कहा, “क्या तुम्हारे पास कोई और काम नहीं है? तुम जनता के लिए काम करना कब शुरू करोगे। तुम्हारा सिर्फ़ एक अजेंडा है? क्या मिलेगा तुम्हें यह सब करके? हम जानते हैं तुमने झूठ बोला। लेकिन क्यों?”

इंडिया टुडे पर भी अर्नब ने साधा निशाना

अर्नब गोस्वामी ने इंडिया टुडे को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “ये बहुत छोटा सा चैनल है। कोई देखता नहीं है।” उन्होंने पत्रकार रोहित सरदाना को चुनौती दी कि वह अपने शो दंगल में रिपब्लिक टीवी के ख़िलाफ़ प्रोग्राम करें। 

अर्नब गोस्वामी ने बताया कि एफआईआर में इंडिया टुडे का नाम 6 बार लिखा हुआ है। मगर, तब भी मुंबई पुलिस आयुक्त ने 12 घंटो में न्यूज चैनल को क्लीनचिट दे दी है और सारा इल्जाम रिपब्लिक टीवी पर लगा दिया। आगे गोस्वामी ने एफआईआर को छिपाने के इल्जाम भी परमबीर सिंह पर लगाए।

उन्होंने मुंबई पुलिस कमिश्नर के एकतरफा रवैया पर सवाल उठाया और पूछा, “तुमने इतनी जल्दी कैसे जाँच कर ली? क्यों अरुण पुरी और इंडिया टुडे के अन्य मालिकों को समन नहीं भेजा? तुम केस को घुमाना चाहते थे और सब मुझ पर लेकर आना चाहते थे? तुम्हारे पास रिपब्लिक और इंडिया टुडे के लिए अलग-अलग कानून कैसे हो सकते हैं।”

24 घंटे में FAKE TRP SCAM का हुआ खुलासा

गौरतलब है कि फेक टीआरपी स्कैम का मामला 24 घंटे पहले चर्चा में आया था, जब मुंबई पुलिस आयुक्त ने अपने बयान में रिपब्लिक मीडिया पर टीआरपी में गड़बड़ी का आरोप लगाया था। उनका दावा था कि रिपब्लिक टीवी ने कई घरों में पैसे देकर अवैध रूप से फर्जी टीआरपी के लिए खेल रचा।

हालाँकि गुरुवार शाम तक इस मामले में रिपब्लिक भारत ने खुलासा कर दिया कि उन्होंने एफआईआर को एक्सेस किया था और उसमें रिपब्लिक भारत का नहीं, इंडिया टुडे का नाम है। आज ज्वाइंट कमिश्नर ने भी इस बात को स्वीकारा कि इंडिया टुडे का नाम एफआईआर में है।

4 लोग मुंबई पुलिस की हिरासत में

बता दें कि इस पूरे मामले में 9 अक्टूबर तक इस केस में 4 लोगों को न्यायिक हिरासत में लिया गया है। इनके नाम विशाल भंडारी, बोमपेल्ली मिस्त्री, शिरिष पटनशेट्टी, नारायण शर्मा है। इनमें से दो हंसा रिसर्च ग्रुप के पूर्व कर्मचारी हैं जो बार-ओ-मीटर की मॉनिट्रिंग करते थे, जबकि दो अन्य मराठी चैनल के मालिक हैं। इसमें भंडारी पर बार-ओ-मीटर्स को मैनिपुलेट करने का इल्जाम लगा है।

मुंबई पुलिस ने क्लीनचिट देने से किया मना

मुंबई पुलिस का इस पूरे मामले पर कहना है कि उन्होंने किसी भी चैनल को इस स्कैम के मामले में अभी क्लीनचिट नहीं दी है। इंडिया टुडे के राहुल कंवल से बात करते हुए मुंबई पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर मिलिंद भारम्बे ने कहा:

प्राथमिकी में इंडिया टुडे का नाम उन चैनलों में से एक है, जिन्होंने टीआरपी के लिए घरों में पैसा दिया, लेकिन जाँच के अनुसार, एकत्र किए गए सबूत रिपब्लिक टीवी, फक्त मराठी (Fakt Marathi)और बॉक्स सिनेमा (Box Cinema) की ओर इशारा करते हैं। हमारी जाँच चल रही है और हमने किसी अन्य चैनल को क्लीनचिट नहीं दी है। एकत्र किए गए सबूतों के अनुसार, हम कार्रवाई करेंगे। ”

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ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया