पाकिस्तानी नैरेटिव के लिए वाड्रा कॉन्ग्रेस और एंटी-रिपब्लिक ने की थी बैटिंग, देशहित से किया था खिलवाड़: अर्णब

इमरान खान को रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर-इन-चीफ अर्णब गोस्वामी का जवाब

रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर-इन-चीफ अर्णब गोस्वामी (Arnab Goswami) ने पिछले कुछ दिनों से उन पर लगाए जा रहे तमाम आरोपों का मुँहतोड़ जवाब दिया है। दरअसल, यह विवाद अर्णब गोस्वामी के व्हाट्सएप्प संदेशों के लीक होने से शुरू हुआ और आरोप लगाए गए कि अर्णब को बालाकोट पर वायुसेना की एयरस्ट्राइक की जानकारी पहले से ही थी।

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इन संदेशों की जो भ्रामक व्याख्या भारत के कुछ ‘फैक्ट चेकर्स’ द्वारा की गई, उसके ही आधार पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी अब भारत सरकार पर सैन्य ऑपरेशंस का इस्तेमाल चुनाव जीतने के लिए करने जैसे आरोप लगाए हैं।

रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क ने अर्णब गोस्वामी (Arnab Goswami) की ओर से एक बयान जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद बालाकोट वाली जवाबी कार्रवाई का इन्तजार सिर्फ एक ही व्यक्ति को नहीं बल्कि पूरे भारत को था और सभी राष्ट्रभक्त नागरिक जानते थे कि केंद्र सरकार कुछ ‘बड़ा’ कर सकती है।

अर्णब गोस्वामी ने कहा कि इमरान खान ने शुरू में किसी भी तरह की एयरस्ट्राइक से मना किया था लेकिन बाद में स्वीकार किया कि भारत ने कार्रवाई की और बाद में कहा कि बालाकोट फर्जी ‘फ्लैग ऑपरेशन’ नहीं थे।

उन्होंने लिखा कि मुझे यह देखकर ज्यादा हैरानी हुई है कि वाड्रा कॉन्ग्रेस के साथ मिलकर रिपब्लिक मीडिया विरोधियों ने पाकिस्तान के नैरेटिव को हवा देने की कोशिश की। अर्णब ने अपने इस जवाब का अंत ‘सत्यमेव जयते’ के सन्देश के साथ किया है।

गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर ऑल्ट न्यूज़ नाम के कथित फैक्ट चेकर गिरोह द्वारा लगातार ही अर्णब की चैट की भ्रामक व्याख्या की जा रही हैं। इन्हीं का फायदा उठाकर कॉन्ग्रेस ने भी सरकार के खिलाफ माहौल खड़ा करने की कोशिश की और इन सबका फायदा कुल मिलाकर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने उठाया है।

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अर्णब गोस्वामी की चैट ‘लीक’ होने के बाद बढ़ा विवाद

लीक हुई व्हाट्सएप्प चैट अर्णब गोस्वामी और BARC के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता के बीच चर्चा से संबंधित है। हाल ही में इंटरनेट पर लीक हुई चैट ‘चमत्कारिक रूप से’ सामने आई है और मीडिया में विपक्षी दलों एवं उनके कठपुतलियों के बीच हॉट डिबेट का विषय रहा है। अब ये बात सामने आ गई है कि निजी चैट को मुंबई पुलिस ने ही लीक किया था।

अपनी आदत के अनुसार विपक्षी दल मोदी सरकार के खिलाफ जाते हुए चैट को लेकर जाँच की माँग कर रहे हैं। वो चैट के जिन हिस्सों को लेकर जाँच की माँग कर रहे हैं, वह बालाकोट एयरस्ट्राइक से संबंधित है।

विपक्षी दलों के अनुसार, अर्णब गोस्वामी को हवाई हमलों से तीन दिन पहले ही पता था कि भारत सरकार, पाकिस्तान के खिलाफ कोई ‘बड़ी कार्रवाई’ करने वाली है। लीक हुई चैट में अर्णब कहते हैं, “एक सामान्य हवाई हमले से भी बड़ा हमला होने वाला है और इसी समय कश्मीर पर कुछ बड़ा होने वाला है। पाकिस्तान पर भारत सरकार इस तरह से हमला करने के लिए आश्वस्त है, जिससे लोगों को गौरव महसूस होगा।”

यहाँ एकमात्र समस्या यह है कि विपक्षी दल के राजनेता जो भी आरोप लगा रहे हैं, वह किसी भी आरोप को साबित नहीं करता है। कॉन्ग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ट्विटर पर कहा, “अगर मीडिया का एक वर्ग रिपोर्टिंग कर रहा है, तो यह सही है, यह बालाकोट हवाई हमलों और 2019 के आम चुनावों के बीच सीधे संबंध की ओर इशारा करता है। क्या राष्ट्रीय सुरक्षा को चुनावी उद्देश्यों के लिए नजरअंदाज कर दिया गया था? जेपीसी जाँच की जरूरत है।”

पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से पूछा, “क्या एक पत्रकार (और उनके दोस्त) को वास्तविक एयर स्ट्राइक से तीन दिन पहले बालाकोट शिविर में जवाबी हमले के बारे में पता था? यदि हाँ, तो इस बात की क्या गारंटी है कि उनके ‘सोर्स’ ने दूसरों के साथ-साथ पाकिस्तान के लिए काम करने वाले जासूसों या मुखबिरों के साथ जानकारी साझा नहीं की? ‘For Your Eyes Only’ निर्णय सरकार-समर्थक पत्रकार के पास कैसे पहुँचा?”

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने टिप्पणी की, “व्हाट्सएप्प चैट का ट्रांसक्रिप्ट स्पष्ट रूप से दिखाता है कि सरकार ने बालाकोट हमलों और धारा 370 को खत्म करने वाले दोनों निर्णय के बारे में टीवी एंकर को पूर्व सूचना दी थी। क्या हो रहा है? क्या मैं अकेली हूँ जो सोचती है कि मोदी-शाह हमें जवाब देते हैं?”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया