इंस्टाग्राम ने ‘शार्ली एब्दो’ मैग्जीन के दो पत्रकारों का अकॉउंट कई घंटों के लिए सस्पेंड कर दिया। इन दोनों पत्रकारों ने साल 2015 में शार्ली एब्दो पर हुए अटैक के मद्देनजर अपनी मैग्जीन के फ्रंट पेज की तस्वीर को शेयर किया था।
इसके जरिए उन्होंने उन लोगों को याद किया, जिन्होंने उस हमले में अपनी जान गवाई। बता दें कि साल 2015 में शार्ली एब्दो के ऑफिस पर पैगंबर मुहम्मद का कार्टून छापने के बाद हमला हुआ था।
https://twitter.com/GEsfandiari/status/1302563725635989504?ref_src=twsrc%5Etfwलॉरे डौसी (Laure Daussy) नामक पत्रकार ने अपने अकॉउंट ब्लॉक होने की सूचना दी। उन्होंने कहा, “मेरा इंस्टाग्राम अकॉउंट डिएक्टिवेट हो चुका है। मैंने जो आखिरी फोटो उस पर डाली, वह शार्ली एब्दो मैगजीन के फ्रंट पेज की थी।” उन्होंने बताया कि शायद मास रिपोर्टिंग के कारण ये सब हुआ। जो अब सेंसरशिप का नया पर्याय बन चुकी है। उन्होंने लिखा ये ‘mind blowing’ है।
https://twitter.com/LaureDaussy/status/1302322525406363648?ref_src=twsrc%5Etfwइसी प्रकार कॉरिन रे (Corrine Rey) ने अपने ट्विटर पर लिखा कि ऐसा ही उनके अकॉउंट के साथ भी हुआ। उन्होंने लिखा, “शार्ली एब्दो में मेरी सहकर्मी लॉरे डौसी की तरह मेरा अकॉउंट भी पैंगंबर मुहम्मद के कार्टून वाला कवर पेज शेयर करने के कारण डिएक्टिवेट हो गया है।” कॉरिनर ने इस हरकत को बेहद निंदनीय करार दिया है।
यहाँ बता दें कि सोशल मीडिया पर जिस तस्वीर के कारण पत्रकारों के अकॉउंट ब्लॉक किए जा रहे हैं, उसे लेकर शार्ली एब्दो (satirical newspaper) का कहना है कि उन्होंने इसकी 2,00,000 कॉपी प्रिंट करवाई थी। जो सामान्य संख्या से तीन गुना ज्यादा थी। बावजूद इसके सारी कॉपी बिक गई और उन्हें दोबारा वो एडिशन पब्लिश करवाना पड़ा।
https://twitter.com/cocoboer/status/1302508039061360640?ref_src=twsrc%5Etfwअखबार का कहना है कि उन्होंने यह प्रयोग पिछले हफ्ते से शुरू किया और पेपर में उन लोगों को याद करने के लिए उस कार्टून को दोबारा से प्रकाशित किया, जो 2015 हमले में मारे गए थे। इसके लिए फ्रांस के राष्ट्रपति इम्मैनुअल मैक्रोन भी अखबार के समर्थन में आए और दोबारा कार्टून को छापने से रोकने से मना कर दिया।