संकट की घड़ी में ‘द लायर’ ने पेश किए देश के लोगों को डराने वाले आँकड़े, जबकि भारत की तैयारी मरीजों की तुलना में बेहतर

ICMR ने बढ़ाई टेस्टिंग (प्रतीकात्मक तस्वीर)

चीन के बुहान शहर से निकला कोरोना वायरस का कहर आज पूरे विश्व में फैल चुका है। हर कोई इसकी रोकथाम के लिए लगा हुआ है। कोई इससे बचने के उपाय बता रहा है तो कोई घरों से बाहर न निकलने की नसीहत दे रहा है। वहीं आज भारत के प्रधानमंत्री ने पूरे देश में 21 दिनों के लिए लॉकडाउन की घोषणा कर दी है, लेकिन इन सभी सकारात्मक अपील और सकारात्मक खबरों के बीच प्रोपेगेंडा फैलाने वाले पोर्टल ‘द वायर’ ने अपनी एक खबर में केन्द्र सरकार की रिपोर्ट का हवाला देते हुए लोगों के सामने डराने वाले मेडिकल से जुड़े आँकडे पेश किए हैं।

‘द वायर’ अर्थात ‘द लायर’ ने अपने लेख की शुरूआत कुछ ऐसी हेडलाइन से की है कि उसे पढ़कर कोई भी व्यक्ति इस बात से भयभीत हो सकता है कि अगर मुझे कोरोना हो भी गया तो इसका किसी भी हाल में सही तरीके से इलाज नहीं मिल पाएगा और मैं मौत के मुँह में चला जाउँगा, क्यों कि ‘द लायर’ की रिपोर्ट कुछ ऐसी है। लायर ने लिखा है कि देश के 84,000 लोगों पर एक आइसोलेशन बेड और 36,000 लोगों पर एक क्वारंटाइन बेड है। दरअसल यह आँकड़े देश की पूरी जनसंख्या के हिसाब से पेश किए गए हैं और उसी जनसनसंख्या पर आइसोलेशन के और क्वारंटाइन बेडों की गिनती कर दी गई है, जबकि लायर ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि बेड खाने की रोटी नहीं बल्कि मरीजों के बेहतर इलाज के लिए होते हैं। तो फिर आइसोलेशन और क्वारंटाइन बेड की संख्या का देश की जनसंख्या से क्या संबंध है।

वायर की रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट
द वायर ने लोगों को निराश करने वाले आँकड़े किए पेश

अगर बात करें देश में कोरोना आने से पूर्व की तो केन्द्र सरकार ने दिल्ली में सबसे पहला आइसोलेशन सेंटर बना दिया था। देश में कोरोना का मरीज पाए जाने के बाद की बात करें तो आज भी देश में कोरोना से संक्रमित लोगों की जितनी संख्या है उतनी संख्या का योगी सरकार ने गाजियाबाद के हज हाउस को आइसोलेसन सेंटर बना दिया था। तो उत्तर प्रदेश के स्थिति की बात करें तो अकेले लखनऊ में 1268 से अधिक क्वारंटाइन बेड हैं। वहीं राजस्थान में 500 बेड का आइसोलेशन बेड, छत्तीसगढ़ में 1500 मरीजों के लिए क्वारंटाइन बेड और 450 मरीजों के लिए आइसोलेशन बेड हैं, आंध्र प्रदेश की हर विधानसभा में 100 आइसोलेशन बेड की सुविधा है। झारखंड में 200 आइसोलेशन बेड की सुविधा, दिल्ली में 768 आइसोलेशन बेड की सुविधा, कर्नाटक में 1700 बेड, पश्चिम बंगाल में 150 आइसोलेशन बेड, वहीं बिहार में 500 बेड का आइसोलेशन बेड तैयार हैं।

द वायर ने लोगों को भ्रमित करने वाले दिए आँकड़े

देश में इन चिकित्सा सुविधाओं, सरकार की गंंभीरता और देश की जागरुकता का ही परिणाम है कि 133 करोड़ आबादी वाले देश में कोरोना सबसे धीमी गति से फ़ैल रहा है, लेकिन द लायर जैसे पोर्टल को शायद देश में इटली जैसी तबाही का इंतजार है। खैर, देश की जनता कोरोना से जंग लड़ने के लिए तैयार है और जल्द ही इसमें लोगों को विजय मिलेगी। आपको बता दें कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक दिन जनता कर्फ्यू लगाने के बाद 21 दिन के पूरे देश में लॉकडाउन करने की घोषणा की है, इस फैसले का देश की जनता ने स्वागत भी किया है। गौरतलब है कि कोरोना वायरस से देश में अब तक दस लोगो की मौत हो चुकी है, जबकि 519 लोग इससे संक्रमित पाए गए हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया