कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के द्वारा अदालत में शपथ-पत्र दायर कर गलत बयान स्वीकार करने के बावजूद एक पत्रकार ट्विटर पर इस मसले के बारे में झूठ फैलाता पकड़ा गया। अपने ट्वीट में पत्रकार ने यह दावा किया कि 22 पन्नों के राहुल गाँधी के शपथ-पत्र में उसे एक भी बार क्षमा (apology) या खेद (regret) नहीं मिले। जवाब में लोगों ने राहुल गाँधी के शपथ-पत्र के प्रासंगिक अंशों के सीएनएन-न्यूज़ 18 के वॉटरमार्क वाले स्क्रीनशॉट पोस्ट करने शुरू कर दिए जिनमें खेद का उपयोग रेखांकित किया हुआ था।
रोहिणी सिंह को दिया था जवाब
पत्रकार अरविन्द गुणशेखर ने यह ट्वीट द वायर से जुड़ीं पत्रकार रोहिणी सिंह के ट्वीट के उत्तर में किया था। सिंह ने ट्वीट कर अदालत कवर करने वाले पत्रकारों से पूछा था कि क्या राहुल गाँधी ने अपने उस दावे के लिए माफ़ी माँगी है या नहीं, जिसमें उन्होंने कहा था कि उच्चतम न्यायलय ने उनके ‘चौकीदार चोर है’ नारे का समर्थन किया था।
उनके दावे से क्षुब्ध भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने न्यायालय की आपराधिक अवमानना का मुकदमा उन पर कर दिया था। राहुल गाँधी का उपरोक्त हलफ़नामा उसी सन्दर्भ में मीनाक्षी लेखी के आरोपों का जवाब देने के लिए था।
सिंह के ट्वीट के जवाब में गुणशेखर ने लिखा कि उन्हें कॉन्ग्रेस अध्यक्ष के हलफ़नामे में खेद का कोई उल्लेख नहीं मिला। उनके इस ट्वीट के जवाब में लोगों ने स्क्रीनशॉट दे-देकर उन्हें खेद का उल्लेख दिखाना शुरू कर दिया।
रक्षा विशेषज्ञ ने ली चुटकी
अरविन्द गुणशेखर के इस ट्वीट पर दक्षिणपंथी स्तंभकार और रक्षा मामलों के जानकार अभिजित अय्यर-मित्रा ने भी चुटकी लेते हुए ट्वीट किया: