‘टीपू-टीपू चिल्लाती भीड़, वो कह रहे थे – तुम्हारा क्रांतिकारी हिन्दू, उसकी मूर्ति नहीं लगने देंगे’: हावेरी विवाद में ‘द वायर’ जैसों ने हिन्दुओं को बताया ‘बदमाश’

जानिए क्या है कर्नाटक के हावेरी में हुए विवाद की असल वजह और पीछे का इतिहास

कर्नाटक के हावेरी जिले में मंगलवार (14 मार्च, 2023) को हिन्दू संगठनों द्वारा निकाली गई एक रैली में विवाद हुआ था। इस दौरान पत्थरबाजी की गई थी। मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों का आरोप है कि उनकी मस्जिद और घरों को निशाना बनाया गया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए हालात को काबू किया था। इस मामले में हिन्दू संगठन से जुड़े 20 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हुई। हावेरी मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई का गृह जिला है।

वामपंथी मीडिया की एकतरफा रिपोर्टिंग

इस पूरे मामले में वामपंथी मीडिया संस्थानों ने एकतरफा रिपोर्टिंग की। तमाम खबरों में हिन्दुओं को हमलावर बताया गया। ‘द वायर’ जैसे संस्थानों ने आरोपित हिन्दू पक्ष को ‘बदमाश’ जैसे शब्द से सम्बोधित किया। बदमाशों शब्द के ठीक नीचे प्रोफ़ाइल फोटो में भगवा रंग के झड़े दिखाए गए।

‘द वायर’ की खबर का स्क्रीनशॉट

खुद को पत्रकार बताने वाले मोहम्मद तनवीर ने हिंसा करने वालों को ‘हिन्दू भीड़’ बताया।

मोहम्मद तनवीर का ट्वीट

ऑपइंडिया ने इस पूरे मामले में आरोपित किए गए पक्ष से सम्पर्क साधा। उन्होंने हमें बताया कि 14 मार्च को हुए विवाद की वजह पिछले लम्बे समय से की गई एकपक्षीय कार्रवाई और प्रताड़ना थी। कर्नाटक के हिन्दू संगठनों ने भी मीडिया में दिख रही खबरों को एकतरफा रिपोर्टिंग बताया। सुरक्षा कारणों से हम जानकारी देने वाले व्यक्तियों के नाम को सार्वजनिक नहीं कर रहे हैं।

मुस्लिम बहुल इलाके में हिन्दू संगठनों की नो इंट्री

14 मार्च के जुलूस में शामिल रहे हिन्दू संगठन से जुड़े कुछ लोगों ने ऑपइंडिया से बात की। उन्होंने बताया कि झगड़े की मुख्य वजह उनके द्वारा निकाले गए जुलूस को मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा अपने प्रभाव वाले इलाके में जाने से रोकना बना। हमें बताया गया कि जहाँ हिंसा हुई थी, वो इलाका रेट्टीहेल्ली थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है। यहाँ मुस्लिम आबादी लगभग 40% बताई गई। रेट्टीहेल्ली में एक टीपूनगर बसा है, जो टीपू सुल्तान के नाम पर है।

हमें बताया गया कि इसी क्षेत्र में आने वाले कोटेओने इलाके में जहाँ लगभग 70% मुस्लिम आबादी है, वहाँ हिन्दू संगठनों को जुलूस ले जाने से लगातार रोका गया।

पहले धार्मिक यात्रा रोकते थे, अब देशभक्ति से भी दिक्क्त

ऑपइंडिया से बात करते हुए जुलूस में शामिल एक व्यक्ति ने बताया कि वो कोई धार्मिक जुलूस नहीं निकाल रहे थे। 14 तारीख को निकाला गया जुलूस कर्नाटक के प्रसिद्ध बलिदानी क्रांतिकारी सांगोली रायन्ना का था, जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता का युद्ध लड़ा था। स्थानीय लोगों ने हमें बताया कि रायन्ना को भारतीय गद्दारों की ही मुखबिरी के चलते ही अंग्रेजों ने फाँसी दे दी थी। जुलूस में शामिल व्यक्ति ने बताया कि रेट्टीहेल्ली के अंदर एक चौराहे पर 9 मार्च को क्रांतिकारी रायन्ना की मूर्ति लगाने का कार्यक्रम था, लेकिन उस दिन मुस्लिम समूह द्वारा यात्रा कोटेओनी में जाने से रोक दिए जाने के कारण ये संभव नहीं हो सका।

रायन्ना हिन्दू क्रांतिकरी, प्यार सिर्फ टीपू सुल्तान से

ऑपइंडिया से बात करते हुए जुलूस में शामिल व्यक्ति ने बताया, “हमसे मुस्लिमों ने कहा कि ये क्रांतिकारी रायन्ना हिन्दू है इसलिए हम विरोध करेंगे।” हमसे बातचीत के दौरान दावा किया गया कि रायन्ना की मूर्ति के आगे मुस्लिम पक्ष टीपू-टीपू का नारा लगा रहा था। दावा किया गया कि जब 9 मार्च, 2023 को हिंदू पक्ष कोटेओनी इलाके से गुजरा तब मुस्लिम पक्ष ने उन्हें रोकने के लिए हाथों में पत्थर और लोहे की रॉड ले रखी थी। हालाँकि, पुलिस ने बीच-बचाव किया और विवाद नहीं बढ़ पाया। जुलूस रोकने वालों के पीछे औरतें के भी खड़े होने का दावा किया गया है।

एक वीडियो भेज कर हमें बताया गया कि जिस इलाके में क्रांतिकारी रायन्ना की यात्रा रोकी गई थी, वहाँ मुस्लिम समाज के लोग अपने मज़हबी कार्यक्रम सड़कों पर मनाते हैं। वीडियो में पूरी सड़क पर भीड़ दिखाई दे रही है और कई सारे बड़े-बड़े म्यूजिक सिस्टम लगा कर कुछ एनाउंसमेंट किया जा रहा है। इस वीडियो में भड़काऊ बयानबाजी की भी जा रही है, जिस पर भीड़ शोर मचा कर समर्थन करती दिख रही है। यह वीडियो दिसंबर 2022 का बताया गया।

रट्टाहेल्ली का दृश्य

पहले मामले में पुलिस ने नहीं की सुनवाई

क्रांतिकारी रायन्ना की प्रतिमा ले कर निकल रहे जुलूस में शामिल व्यक्ति ने हमें बताया कि 9 मार्च को जब मुस्लिम पक्ष के लगभग 100 लोगों ने उनका रास्ता रोका, तब पुलिस में शिकायत दी गई थी। हालाँकि, पुलिस पर इस मामले में कोई भी एक्शन न लेने और शिकायत को भी गंभीरता से न लेने का आरोप लगाया गया है। हमें 9 मार्च की घटना का वीडियो प्राप्त हुआ। इस वीडियो में एक उन्मादी भीड़ पुलिस के आगे ही बैरिकेड तोड़ती दिखाई दे रही है।

9 मार्च के ही एक अन्य वीडियो में एक भीड़ पुलिस के आगे नारेबाजी करती दिखाई दे रही है।

9 मार्च को पुलिस बैरिकेड तोड़ती भीड़

क्रांतिकारी की मूर्ति दोबारा ले कर निकले हिंदू संगठन के लोग

9 मार्च को कासिम और मुम्मु द्वारा क्रांतिकारी रायन्ना की मूर्ति लगाने से रोके जाने और पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई न होने पर 5 दिनों बाद 14 मार्च, 2023 को फिर से हिन्दू संगठन वही मूर्ति ले कर निकले। दावा है कि इस जुलूस की भी 9 मार्च की तरह बाकायदा पुलिस से अनुमति ली गई थी। जुलूस में शामिल एक व्यक्ति का दावा है कि 14 मार्च के जुलूस में भारी पुलिस बल तैनात था लेकिन उस दिन मुस्लिम पक्ष के लोग ‘आओ-आओ’ कह कर चिल्ला रहे थे और दूर से ही हाथ का इशारा कर के उकसा रहे थे।

हमें बताया गया कि इसी बात से जुलूस में शामिल लोग भड़क गए और हिंसा हो गई। हालाँकि, मौके पर तैनात पुलिस फ़ोर्स ने फ़ौरन मामले को काबू कर लिया। स्थानीय लोगों ने बताया कि मुस्लिम पक्ष का नेतृत्व करने वाले व्यक्ति का नाम कासिम क़ाज़ी और मम्मू काज़ी है, जो रिश्ते में भाई लगते है। कासिम वेल्डिंग का काम करता है।

कासिम क़ाज़ी

अब तक हिन्दू संगठन के 31 लोग गिरफ्तार

हावेरी जिले के स्थानीय निवासियों और हिन्दू संगठन से जुड़े लोगों ने हमें बताया कि पुलिस ने अभी तक हिन्दू संगठन से जुड़े कुल 31 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन 31 लोगों में से कुछ लोगों की जमानत हो गई है। हिन्दू संगठन के लोगों ने हमें बताया कि इस हिंसा में कार्रवाई एकतरफा हुई है और मुस्लिम संगठन से जुड़े किसी भी व्यक्ति को 9 व 14 मार्च की घटना में नहीं पकड़ा गया।

दिसंबर 2022 में RSS के कार्यकर्ताओं की हुई थी पिटाई

स्थानीय हिन्दू संगठन से जुड़े लोगों ने हमें बताया कि जिस जगह पर क्रांतिकारी संगोळी रायन्ना का जुलूस रोका गया था, उसी जगह पर दिसम्बर 2022 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के 3 कार्यकर्ताओं की बुरी तरह से पिटाई की गई थी। जानकारी के मुताबिक, RSS के ये कार्यकर्ता पथ संचालन से पहले इलाके का रूट मैप देखने गए थे। दावा है कि कार्यकर्ताओं की पिटाई के चलते एक पीड़ित अभी भी पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाया है।

RSS कार्यकर्ताओं की पिटाई

स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस ने इस मामले में भी हमलावरों पर कोई ठोस एक्शन नहीं लिया था। हमें इस घटना का वीडियो भी भेजा गया। वीडियो में संघ कार्यकर्ताओं को पुलिस के आगे ही एक भीड़ बेरहमी से पीटती दिख रही है। वीडियो में RSS कार्यकर्ताओं को चीखते-चिल्लाते सुना जा सकता है।

धार्मिक यात्राओं में पहले भी डाले गए व्यवधान

हावेरी के एक स्थानीय व्यक्ति ने ऑपइंडिया को बताया कि दिसम्बर 2022 में RSS सदस्यों पर हमले, 9 मार्च 2023 में जुलूस में व्यवधान आदि घटनाओं से पहले भी कई बार हिन्दुओं के कार्यक्रमों में बाधा डाली गई है। हमें बताया गया कि पहले भी कई बार गणपति विसर्जन में श्रद्धालुओं पर पत्थरबाजी की गई है जिसकी वजह से सांप्रदायिक तनाव फैला था। खुद को दोहरी मार से पीड़ित व्यक्ति ने हमें बताया कि इन हिंसा की घटनाओं के बाद पुलिस भी हिन्दू संगठन के ही लोगों पर अपना गुस्सा उतारती है।

तमाम मीडिया रिपोर्ट्स में जिस मस्जिद का जिक्र बार-बार आया, वह रेट्टीहेल्ली की जामिया मस्जिद के नाम से जानी जाती है। जुलूस में शामिल रहे एक व्यक्ति ने ऑपइंडिया को बताया कि जामिया मस्जिद के आस-पास अक्सर दर्जनों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग जमा होते है और आने-जाने वाली लड़कियों से छेड़छाड़ करते हैं। उनका ये भी दावा है कि जामिया मस्जिद की जगह बहुत समय पहले हिन्दुओं का मंदिर हुआ करता था।

इस दावे की जाँच की भी माँग की गई। हमसे बातचीत के दौरान हावेरी को ‘लैंड जिहाद’ और ‘लव जिहाद’ से भी बुरी तरह से प्रभावित बताया गया। हमें यह भी जानकारी दी गई कि इलाके में मुस्लिमों की आबादी पहले इतनी नहीं थी। हालाँकि, आबादी बढ़ी कैसे इसका जवाब उनके पास नहीं था।

हमें फँसा कर जेल भिजवाना चाहते है कॉन्ग्रेसी

जुलूस में शामिल लोगो ने ऑपइंडिया से बात करते हुए कहा कि घटना के दिन हावेरी से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर कॉन्ग्रेस पार्टी से पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया मौजूद थे। उन्होंने आरोप लगाया कि 14 मार्च की घटना में हिन्दुओं पर एकतरफा कार्रवाई के पीछे सिद्धारमैया और अन्य कॉन्ग्रेसी नेता है। हमें बताया गया कि इसी दबाव के चलते FIR में ऐसे लोगों का भी नाम डाल दिया गया है, जो घटना के दौरान वहाँ मौजूद ही नहीं थे।

एक महिला का भी वीडियो ऑपइंडिया को भेजा गया, जो अपने बेटे को बेगुनाह बता कर रहम की माँग कर रही है।

अपने बेटे को बेगुनाह बताती एक हिन्दू महिला

हिन्दू कब तक सहे एकतरफा अत्याचार – VHP

‘विश्व हिन्दू परिषद (VHP)’ कर्नाटक प्रदेश के कई पदाधिकारियों ने भी ऑपइंडिया से बात करते हुए मुस्लिमों द्वारा क्रांतिकारी के सम्मान में निकले जुलूस को रोकना ही विवाद की वजह बताया। VHP के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने भी ऑपइंडिया से बात करते हुए हावेरी में हुए झगड़े को हिन्दुओं को लम्बे समय से चरमपंथी ताकतों द्वारा प्रताड़ित किए जाने का प्रतिफल बताया।

पुलिस कर रही कानूनी कार्रवाई

इस मामले पर बोलते हुए हावेरी जिले के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि रैली में शामिल लगभग 100 लोगों ने तोड़फोड़ और पत्थरबाजी की है। पुलिस के मुताबिक, आरोपितों की पहचान कर के उन पर कार्रवाई की जा रही है।

फ़िलहाल हावेरी में हालात शांतिपूर्ण हैं। जनजीवन सामान्य है। पुलिस हालात पर नजर रखे हुए है।

राहुल पाण्डेय: धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।