जिस पत्रकार के लिए झूठे थे पाकिस्तानी अधिकारी, अब वही बन गया Pak का ‘एजेंट’: कहा- भारत ने छोड़े मौत के दस्ते

मुर्तज़ा हुसैन ने 'The Intercept' के जरिए फैलाया प्रोपेगंडा

जहाँ भारत में मीडिया का एक धड़ा लगातार देश को बदनाम करने में लगा रहता है, वहीं विदेशी मीडिया का एक बड़ा हिस्सा भी भारत को आगे बढ़ते हुए नहीं देखना चाहता। अब अमेरिकी NGO मीडिया संस्थान ‘The Intercept’ को ही ले लीजिए। इसमें एक लेख आया है, जिसमें दावा किया गया है कि गुप्त दस्तावेजों से पता चला है कि भारत के ‘डेथ स्क्वाड्स (मौत का दस्ता)’ की पहुँच अब वैश्विक हो गई है। इसमें कनाडा और पाकिस्तान के इस प्रोपेगंडा को आहे बढ़ाया जा रहा है कि विदेश में कई सिख एवं कश्मीरी ‘कार्यकर्ताओं’ को RAW मरवा रही है।

इस लेख को लिखा है मुर्तज़ा हुसैन और रयान ग्रीम ने। हास्यास्पद ये जानना है कि इसे किसके हवाले से लिखा गया है। इसे लिखा गया हैं ‘The Intercept’ को लीक हुए पाकिस्तानी ख़ुफ़िया रिपोर्ट के। इसमें पाकिस्तानी अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि वहाँ के स्थानीय अपराधियों और विद्रोही गुटों के साथ मिल कर भारत की ख़ुफ़िया एजेंसी RAW हत्याएँ करवा रही हैं। बता दें कि सितंबर 2023 में कनाडा सरकार ने भारत पर खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगा दिया था।

इसी तरह ‘The Intercept’ ने अमेरिका के खालिस्तानियों को भी ‘सिख कार्यकर्ता’ बताते हुए उनकी जान को ख़तरा बताया था। 1985 में एयर इंडिया फ्लाइट में बम धमाके के जिम्मेदार रिपुदमन सिंह मलिक की हत्या के लिए भी इस लेख में जिक्र किया गया है, जिसकी 75 वर्ष की आयु में 2022 में हत्या कर दी गई थी। साथ ही पाकिस्तान में लखबीर सिंह रोड समेत 2 खालिस्तानियों की हत्या की साजिश रचने का आरोप भी भारत पर लगाया गया है।

उसके कनैडियन बेटे भगत सिंह से बात कर के भी इस परिवार को भारत से ख़तरा होने की बात कही गई है। पाकिस्तान में अज्ञात लोगों द्वारा आतंकियों की हत्या के लिए भी मुर्तज़ा हुसैन के इस लेख में भारत को जिम्मेदार ठहराया गया है। बता दें कि ये वही मुर्तज़ा हुसैन है, जिसने कभी पाकिस्तानी अधिकारियों को झूठा बता चुका है। अपने ही मीडिया संस्थान का लेख शेयर करते हुए उसने लिखा था कि पाकिस्तानी अधिकारी आधा या चौथाई सच्चाई भी नहीं, बल्कि पूरा का पूरा ही झूठ बोलते हैं।

उस लेख में बताया गया था कि पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवार-उल-हक़ ने कहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध में वो किसी भी तरफ नहीं जाना चाहता, बल्कि न्यूट्रल रहना चाहता है। उन्होंने कहा था कि चीन को नियंत्रित करने की पश्चिमी देशों की कोशिशों के विरोध के लिए पाकिस्तान क्षमाप्रार्थी नहीं हैं। इसमें दावा किया गया था कि पाकिस्तान ने यूक्रेन को सैन्य साजोसामान दिया, जिसके बाद अमेरिका ने उसे IMF से 6 महीने का लोन दिलाया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया