‘₹60 लाख/महीना…’: NDTV ने लोगों को नौकरी छोड़ कर क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के लिए उकसाया, विरोध होने पर डिलीट किया ‘पेड ट्वीट’

NDTV ने लोगों को क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने के लिए उकसाया (प्रतीकात्मक चित्र)

मीडिया समूह NDTV पर अक्सर फर्जी खबरों को फैलाने का आरोप लगता रहता है। इस बीच NDTV पर एक नया आरोप लगा है। वह आरोप है- लोगों को नौकरी छोड़ कर खुद को ट्रेडिंग क्रिप्टो करेंसी में शामिल करने के लिए उकसाने का आरोप।

बता दें कि क्रिप्टो करेंसी वित्तीय लेन-देन का एक जरिया है। बिल्कुल भारतीय रुपए और अमेरिकी डॉलर के समान, अंतर सिर्फ इतना है कि यह आभाषी है और दिखाई नहीं देती, न ही आप इसे छू सकते हैं। इसलिए इसे डिजिटल करेंसी भी कहते हैं। इसका पूरा कारोबार ऑनलाइन माध्यम से ही होता है। इसमें कोई मध्यस्थ नहीं होता। यही कारण है कि इसे अनियमित बाजार के तौर पर जाना जाता है, जो पल में किसी को अमीर बना देता है और एक झटके में उसे जमीन पर गिरा देता है।

NDTV ने अपने हालिया प्रोडक्शन “कॉफी एंड क्रिप्टो” में, एक लोकप्रिय क्रिप्टो क्यूरेंसी ट्रेड एक्सचेंज कॉइनस्विच के साथ पार्टरनशिप में एक शो, वर्चुअल करेंसी सिस्टम को बढ़ावा दिया और अपने दर्शकों से एक क्रिप्टो बिजनेसमैन की तथाकथित कहानी को उजागर करके उसी में निवेश करने का आग्रह किया। चैनल ने दावा किया कि उस बिजनेसमैन ने क्रिप्टो में निवेश करके काफी लाभ उठाया था।

शो की एक क्लिप 24 दिसंबर को एनडीटीवी के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर शेयर की गई थी। वीडियो में, शो की होस्ट सोनल मेहरोत्रा कपूर इस बात पर जोर देती है कि कैसे एक क्रिप्टोकरंसी ट्रेडर, (जिसका ट्विटर हैंडल @MsCryptomom1 है) ने अपनी नौकरी छोड़ कर फुलटाइम वर्चुअल करेंसी ट्रेडिंग में प्रवेश करके मोटी कमाई की। 

खिंचाई होने पर NDTV ने डिलीट किया ‘पेड ट्वीट’

NDTV द्वारा 24 दिसंबर को ट्वीट करने के बाद सोशल मीडिया यूजर्स ने उसे आड़े हाथों ले लिया और इस तरफ इशारा किया कि कैसे NDTV लोगों को उनकी नौकरी छोड़ कर इस पोंजी स्कीम में निवेश करने के लिए उकसा रहा है।

गब्बर सिंह नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा, “प्लीज इस तरह के नैरेटिव न फैलाएँ। यह बहुत ही खतरनाक है।”

लेखक हर्ष मधुसूदन ने भी लोगों को अपनी नौकरी छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए चैनल को लताड़ लगाई। उन्होंने लिखा, “NDTV के ‘पार्टनर’ को इस प्लग के लिए कितना भुगतान किया गया?” इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि SEBI, RBI, MoF और MoIB को इसकी जाँच करनी चाहिए और इस तरह के फंडिंग के लिए मानदंड होने चाहिए।

अन्य लोगों ने भी लोगों को खतरनाक रास्ते पर ले जाने के लिए NDTV और उसके पत्रकारों की आलोचना की और पूछा कि इस तरह के खुलेआम क्रिप्टोकरेंसी को बढ़ावा देने के लिए न्यूज चैनल को उनके पार्टनर से कितना पैसा मिला।

हालाँकि ‘पेड ट्वीट’ को NDTV ने हटा लिया है, लेकिन पूरे शो का वीडियो अभी भी इसके यूट्यूब चैनल पर मौजूद है।

NDTV के ट्वीट और पूरे शो से ऐसा लगता है कि वह क्रिप्टो करेंसी की PR कैंपेनिंग कर रहा है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया