रिपब्लिक TV के सीईओ को मुंबई की कोर्ट ने 2 दिन की पुलिस रिमांड में भेजा, टीआरपी स्कैम में हुई है गिरफ्तारी

रिपब्लिक टीवी सीईओ विकास खानचंदानी

मुंबई के चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने रिपब्लिक टीवी के सीईओ विकास खानचंदानी को दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। खानचंदानी को आज (13 दिसंबर 2020) सुबह टीआरपी स्कैम के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। रिपब्लिक ने उनकी गिरफ्तारी को ‘अवैध’ बताते हुए कहा था कि मुंबई पुलिस बिना किसी कागजात के उनको गिरफ्तार करने पहुँची थी।

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विकास खानचंदानी और मुख्य वित्तीय अधिकारी शिवसुब्रमण्यम सुंदरम ने गुरुवार (10 दिसंबर, 2020) को अग्रिम जमानत के लिए सत्र न्यायालय का रुख किया था। इस पर सोमवार को सुनवाई होनी थी। बता दें यह गिरफ्तारी रिपब्लिक टीवी के सीईओ की अंतरिम जमानत की सुनवाई से ठीक एक दिन पहले हुई है। उनका कहना था कि पूछताछ दबाव बनाने और डरा-धमका कर एआरजी तथा अर्नब गोस्वामी को फँसाने के लिए किया जा रहा है। उन्हें कि लगातार सहयोग करने के बावजूद इस मामले में उनकी गिरफ्तारी हो सकती है।

इसमें कहा गया था कि टीआरपी मामले में क्राइम ब्रांच द्वारा किए जा रहे जाँच से उन्हें स्पष्ट हो गया था कि यह बदले की भावना से किया जा रहा है। पहले एफआईआर के संबंध में तलब किए जाने से लगभग दो महीने बाद दिसंबर में पहली बार आवेदक को फर्जी पूछताछ के लिए सीआरपीसी की धारा 41 ए के तहत नोटिस मिलना शुरू हुआ था।

गौरतलब है कि रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के सीईओ की ‘अवैध गिरफ्तारी’ के खिलाफ महाराष्ट्र मानवाधिकार आयोग (MHRC) के समक्ष याचिका दायर की गई है। इसमें मामले पर तत्काल विचार करने और हस्तक्षेप की माँग की गई है।

मुंबई के पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने 8 अक्टूबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि मुंबई पुलिस को नए टेलीविज़न रेटिंग पॉइंट्स (TRP) से जुड़े एक नए रैकेट के बारे में पता चला है। परम बीर सिंह ने विशेष रूप से उल्लेख किया था कि हंसा रिसर्च ने पुलिस में यह शिकायत दर्ज की थी। दिलचस्प बात यह है कि हंसा रिसर्च द्वारा दर्ज की गई इस एफआईआर में एक बार भी रिपब्लिक टीवी का जिक्र नहीं किया गया था। जिस चैनल का जिक्र कई बार किया गया वह इंडिया टुडे था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया