डिप्टी CM में ‘बेइज्जती’ खोज रहे थे राजदीप सरदेसाई, शहजाद पूनावाला ने ‘एडिटर-इन-चीफ’ वाले दिन दिलाए याद: मुस्कुराते हुई छिपाई झेंप

शहजाद ने राजदीप को समझाया पद पाने से कुछ नहीं होता (तस्वीर साभार: यदुवीर सिंह)

भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से अक्सर अपनी फजीहत करवाने वाले राजदीप सरदेसाई को एक बार फिर ऑन टीवी शर्मिंदा होना पड़ा। इस बार उन्हें पार्टी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने देवेंद्र फडणवीस का उदाहरण देकर समझाया कि कैसे भारतीय जनता पार्टी पद की भूखी नहीं है, उन्हें माँ भारती के लिए काम करने का मौका चाहिए बस।

इंडिया टुडे पर हुए इस डिबेट में राजदीप पूछ रहे थे कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि देवेंद्र फडणवीस ने दोबारा मुख्यमंत्री बनने का मौका छोड़ा और पार्टी को उनसे अनुरोध करना पड़ा की वो उप-मुख्यमंत्री बन जाएँ। इस सवाल के जवाब में शहजाद ने बताया कि आज देवेंद्र फडणवीस द्वारा ये साबित कर दिया गया है कि भारतीय जनता पार्टी के लिए सत्ता नहीं सिद्धांत महत्वपूर्ण है। उन्होंने हर कार्यकर्ता को उदाहरण दिया है कि कैसे भाजपा कार्यकर्ता के लिए प्रदेश और पार्टी पहले आते हैं और बाद में कहीं जाकर वह खुद।

शहजाद ने राजदीप को ये भी समझाया कि महाराष्ट्र में एक स्थिर सरकार को सोचते हुए यह निर्णय लिया गया। हालाँकि राजदीप ने बीच में टोंकते हुए दिखाया कि उन्हें ये सब जानने में दिलचस्पी नहीं है। वो तो बस ये जानना चाहते हैं कि आखिर ऐसा भी क्या हुआ कि भाजपा को सामने आकर ये कहना पड़ा की फडणवीस उप-मुख्यमंत्री पद को संभालें वो भी उस सरकार में जिसका नेतृत्व शिवसेना के बागी नेता करने जा रहे हैं।

पूनावाला ने राजदीप को काफी देर राजनीति के मुद्दे पर बात करके समझाया लेकिन राजदीप मानकर बैठे थे कि उन्हें ये सब नहीं जानना। अंत में शहजाद ने उन्हें उनका ही उदाहरण दिया और कहा- “आप इस संस्थान के कंसल्टिंग एडिटर हैं। आप एडिटर इन चीफ भी नहीं हैं। आपके पद में आपके सम्मान में कोई कमी है?” शहजाद पूनावाला की यह बात सुनकर राजदीप मुस्कुराते दिखाई दिए। शहजाद ने फिर समझाया- “मुझे लगता है कि एडिटर इन चीफ न होते हुए भी सिर्फ कंसल्टिंग एडिटर के लिहाज से आप इस चैनल के लिए और नेटवर्क के लिए बहुत शानदार काम कर रहे हैं। इसी तरह हमारे मन में पद की नहीं पर्फॉर्मेंस की लालसा होती है।”

राजदीप ये सुनने के बाद आँख बंद करके ये समझाते हुए दिखे कि इस तरह राजनीति और पत्रकारिता को मिलाना ठीक नहीं। शहजाद ने इस पर पूछा कि ऐसा क्यों नहीं हो सकता जबकि ये दोनों प्रोफेशन पब्लिक सर्विस से जुड़े है। इसके बावजूद राजदीप कुछ सुनने को तैयार नहीं दिखे। तब, शहजाद ने उन्हें बिहार का उदाहरण दिया और बताया कि भाजपा वहाँ भी बड़ी पार्टी थी लेकिन उन्होंने मुख्यमंत्री नीतिश कुमार को बनाया। ये बताता है कि उनकी पार्टी हमेशा बड़ा सोचती है और पद से ज्यादा सिद्धांत पर आगे बढ़ती है। उनके पार्टी के हर नेता की यही सोच है। फिर चाहे वो दीन दयाल उपाध्याय से लेकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी हों या पिर नरेंद्र मोदी से लेकर देवेंद्र फडणवीस।

एकनाथ शिंदे सीएम, देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में कल देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना के बागी विधायकों को समर्थन देकर सरकार बनाने का ऐलान किया, लेकिन साथ ही ये भी कहा कि वो सरकार से बाहर रहेंगे। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा मीडिया में आए और उन्होंने अनुरोध किया कि वह इस नई सरकार में डिप्टी सीएम के पद को संभालें। पार्टी के अनुरोध के बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने उप मुख्यमंत्री बनने की बात मान ली और कल शाम डिप्टी सीएम पद की शपथ भी ग्रहण की।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया