सुवर्णा न्यूज के पत्रकारों पर बेंगलुरु पुलिस ने नहीं, संप्रदाय विशेष की भीड़ ने किया था हमला: एडिटर्स गिल्ड के झूठ की चैनल ने खोली पोल

सुवर्णा न्यूज ने एडिटर्स गिल्ड के झूठ की खोली पोल

बेंगलुरु में हुई हिंसा के बाद सुवर्णा न्यूज 24×7 ने एडिटर्स गिल्ड के फेक न्यूज की पोल खोली है। न्यूज चैनल ने अपना बयान उस समय दिया है जब एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने हाल में दिल्ली और बेंगलुरु में मीडिया कर्मियों पर हुए हमले की निंदा की।

सुवर्णा न्यूज ने इस बात को स्पष्ट किया कि उनके पत्रकारों पर पुलिस ने कोई हमला नहीं किया, बल्कि वह तो उपद्रवी भीड़ का शिकार हुए थे।

https://twitter.com/suvarnanewstv/status/1294255116858429441?ref_src=twsrc%5Etfw

बता दें कि बेंगलुरु में एक फेसबुक पोस्ट के बाद भड़की हिंसा में उपद्रवियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर, कई पुलिसकर्मियों पर हमला बोला था। इसी बीच कुछ मीडियाकर्मी भी घायल हुए थे। लेकिन एडिटर्स गिल्ड ने अपने बयान में हिंसक भीड़ का समर्थन करने के लिए सारा इल्जाम पुलिस पर मढ़ दिया।

बयान में कहा गया, “बेंगलुरु में उस दिन इंडिया टुडे, द न्यूज मिनट और सुवर्णा न्यूज के 4 पत्रकारों पर कथित तौर पर हमला किया गया। ये पत्रकार उस समय ड्यूटी पर थे और शहर में हिंसा के मद्देनजर नुकसान और पुलिस गोलीबारी पर रिपोर्ट कर रहे थे।”

https://twitter.com/IndEditorsGuild/status/1293924408608710656?ref_src=twsrc%5Etfw

एडिटर्स गिल्ड के इस बयान को पूर्ण रूप से खारिज करते हुए सुवर्णा न्यूज ने कहा कि उनके पत्रकारों पर बेंगलुरु पुलिस ने हमला नहीं बोला था। संस्थान ने पत्रकारों के लिए दिखाई चिंता पर एडिटर्स गिल्ड का धन्यवाद दिया। साथ ही यह समझाया कि गिल्ड ने हमलावरों को पहचानने में गलती की।

अपने बयान में सुवर्णा न्यूज ने लिखा, “हालाँकि, हम स्प्ष्ट करना चाहेंगे कि हमारे पत्रकारों पर हमला भीड़ द्वारा किया गया था, न कि बैंगलोर सिटी पुलिस ने, जैसा 13 अगस्त को एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया द्वारा जारी बयान में संकेत दिया गया।”

चैनल ने यह भी बताया कि भीड़ ने उनके तीन पत्रकारों को मारा। इनमें से एक को चोट भी आई। इसके अलावा हिंसक भीड़ ने मीडिया हाउस के एक कैमरा और दो खबर एकत्रित करने वाले वाहन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। चैनल ने बाद में इस संबंध में उपद्रवियों के ख़िलाफ़ बेंगलुरु सिटी पुलिस में शिकायत भी दर्ज करवाई।

सुवर्णा न्यूज के इस बयान से साफ होता है कि उनके पत्रकारों को भीड़ ने नुकसान पहुँचाया। लेकिन एडिटर्स गिल्ड ने इसका आरोप भीड़ को देने की बजाय उस बेंगलुरु पुलिस को हमले का जिम्मेदार ठहराया, जो खुद उस हिंसक भीड़ के निशाने पर थे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया