जो कोविड से मरी नहीं, उसे वैक्सीन और मोदी सरकार से जोड़ा: सहपाठी की मौत पर प्रोपेगेंडा फैलाते पकड़े गए ‘द प्रिंट’ के शिवम विज

द प्रिन्ट के शिवम विज (बाएँ) और शेखर गुप्ता (दाएँ)

‘द प्रिंट’ के कंसल्टिंग एडिटर ने गुरुवार (22 अप्रैल 2021) को एक ट्वीट किया। यह कॉलेज की उनकी सहपाठी रही शाओली रूद्रा की मौत से जुड़ा था।

विज ने ट्वीट किया, “मेरी कॉलेज की साथी शाओली रुद्र की Covid-19 के चलते मृत्यु हो गई। विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के कारण उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम थी। लेकिन मोदी सरकार ने उसे वैक्सीन के योग्य नहीं समझा, क्योंकि उसकी आयु 45 वर्ष से कम थी। उसने अपने जैसे लोगों को वैक्सीन देने के लिए कई बार ट्वीट करके सहायता भी माँगी। निष्ठुर सरकार।“ अपनी साथी की मृत्यु के शोक के समय भी शिवम विज ने अपना राजनैतिक एजेंडा नहीं छोड़ते हुए केंद्र सरकार को कोसा।  

द प्रिन्ट के सलाहकार संपादक ने शाओली रुद्र का वह ट्वीट भी रिट्वीट किया जिसमें उन्होंने बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) से गंभीर रोगों से पीड़ित 45 वर्ष से कम आयु के लोगों को वैक्सीनेट करने की माँग कर रही थी। रुद्र ने 4 अप्रैल को ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि वैक्सीन उन सभी को दी जानी चाहिए जो गंभीर रूप से बीमार हैं।

शिवम विज के ट्वीट का स्क्रीनशॉट

कोरोना वायरस के इस संक्रमण में भी कई वामपंथी और लिबरल पत्रकार भारत के वैक्सीनेशन कार्यक्रम पर हमला करते रहते हैं। इसी क्रम में शिवम विज ने शाओली रुद्र की मौत के लिए मोदी सरकार और उनकी खराब नीतियों को जिम्मेदार ठहराया। उसने यह भी कहा कि यदि रुद्र को कोरोना वायरस की वैक्सीन दे दी जाती तो उसकी जान बचाई जा सकती थी।

हालाँकि शाओली की कजिन तारिणी बरात ने द प्रिन्ट के शिवम विज को ट्विटर पर टैग करते हुए बताया कि शाओली की मौत Covid से नहीं, बल्कि उसकी बीमारी की गंभीर परिस्थितियों के कारण हुई है।

तारिणी बरात के ट्वीट का स्क्रीनशॉट

यह जानने के बाद कि शाओली की मौत Covid-19 से नहीं हुई और न ही इसके लिए मोदी सरकार को दोषी ठहराया जा सकता है, शिवम विज ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया।

शिवम विज ने किया ट्वीट डिलीट

कोविड-19 संक्रमण पर पहले भी भ्रामक खबर

भारत बायोटेक की वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ के तीसरे फेज के ट्रायल के दौरान हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने वैक्सीन का डोज लिया था। उसके कुछ दिनों के बाद ही अनिल विज कोरोना से संक्रमित हो गए थे। इसके बाद वामपंथी और मोदी विरोधी तंत्र ने भारत की स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन पर सवाल उठाने शुरू कर दिए थे।

शेखर गुप्ता के द प्रिन्ट के सलाहकार संपादक शिवम विज ने भी कोवैक्सीन के खिलाफ भ्रामक प्रचार किया था और अप्रत्यक्ष रूप से यह कहने की कोशिश की थी वैक्सीन के कारण ही हरियाणा के मंत्री संक्रमित हुए।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया