मुंशी प्रेमचंद की यादगार कहानी ईदगाह वाला बच्चा ‘हामिद’ मिज़ोरम के अस्पताल में!

10 रुपए के नोट के साथ मासूम पहुँचा चूजे का इलाज करवाने

दया और निश्छल भाव में मासूम बच्चों का कोई सानी नहीं होता। कोमल मन की पराकाष्ठा के प्रतीक इन बच्चों का दिल सिर्फ़ और सिर्फ़ प्रेम करना जानता है। फिर चाहे वो इंसान हो या कोई छोटा-सा, नन्हा-सा जीव हो। ऐसी ही एक तस्वीर सोशल मीडिया पर ख़ूब छाई हुई है, जिसमें बच्चे के एक हाथ में ₹10 का नोट है और दूसरे हाथ में घायल अवस्था में एक चूजा (मुर्गी का बच्चा) है।

ख़बर मिज़ोरम की है। यहाँ एक बच्चे से ग़लती से अपने पड़ोसी के चूजे पर साईकिल चढ़ जाती है। इस दौरान मासूम बच्चे को अपराधबोध का एहसास होता है। वो उसके इलाज के लिए अपने पास जमा पूरी पॉकेट मनी लेकर तुरंत अस्पताल पहुँच जाता है।

ख़बर के अनुसार, बच्चे ने अस्पताल में डॉक्टर से कहा कि ये पैसे ले लीजिए और चूजे का इलाज कर दीजिए। आप इस तस्वीर को देखकर अंदाज़ा लगा सकते हैं कि बच्चे के मन में उस चूजे को लेकर कितनी करुणा और तकलीफ़ का भाव है, इसे हम शब्दों से बयाँ नहीं कर सकते।

बता दें कि इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर सांगा सेज (Sanga Says) नाम के यूजर ने शेयर किया है। फ़िलहाल इस बात की तो कोई ख़बर नहीं है कि घायल अवस्था में वो चूजा बच सका कि नहीं लेकिन इस मासूम ने अपनी ज़िम्मेदारी को बख़ूबी अंजाम दिया जो वाकई क़ाबिल-ए-तारीफ़ है।

https://twitter.com/Parthibanmku/status/1113404531977576450?ref_src=twsrc%5Etfw

अक्सर हमारे सामने ऐसी ख़बरें आती हैं कि फलाँ दिन सड़क पर कोई किसी को गाड़ी से टक्कर मारकर, घायल अवस्था में मरने के लिए तड़पता हुआ छोड़ गया। इसके अलावा जैसे सड़क किनारे कोई ज़ख़्मी हालत में हो तो वहाँ से गुजरने वाले लोग अक्सर जी चुराकर कन्नी काटने को बेहतर विकल्प समझ आगे बढ़ जाते हैं। ऐसे में इस मासूम की तड़प जो उसे अस्पताल तक ले पहुँची, उन सभी जी चुराने वालों के लिए एक तमाचा है। इससे सीख लेनी की ज़रूरत सभी को है।

इस बच्चे का नाम जो भी है लेकिन इसने हम सब को मुंशी प्रेमचंद के किरदार हामिद की याद दिला दी। ‘ईदगाह’ में हामिद भी अपने पैसों से मेले में कुछ खाने या खिलौने खरीदने के बजाय दादी माँ के लिए चिमटा लेकर जाता है ताकि रोटियाँ बनाते वक्त उनके हाथ न जलें।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया