हिंदुओं के कातिल लतीफ और उमर नाजिर सहित 3 आतंकी ढेर: कश्मीर में 2014 के बाद हिंसक घटनाएँ 80% कम, 6000 ने डाले हथियार

कश्मीर के शोपियाँ में सुरक्षा बलों से मुठभेड़ में 3 आतंकी मारे गए

जम्मू कश्मीर के शोपियां में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ की खबर है। मिल रही जानकारी के मुताबिक अब तक 3 आतंकी ढेर किए जा चुके हैं। मारे गए आतंकियों का संबंध लश्कर ए तैय्यबा से बताया जा रहा है जो कश्मीरी पंडित कृष्णा भट्ट के साथ एक नेपाली नागरिक की हत्या में शामिल बताए जा रहे हैं। जवानों ने इलाके को घेर कर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। यह मुठभेड़ मंगलवार (20 दिसंबर, 2022) की सुबह हुई है।

इस मुठभेड़ की पुष्टि करते हुए कश्मीर पुलिस ने बताया कि मुठभेड़ में मारे गए तीनों आतंकियों की पहचान हो गई है। इसमें से पहला आतंकी शोपियाँ का लतीफ़ लोन है। लतीफ़ कश्मीरी हिन्दू कृष्ण भट्ट की हत्या में शामिल रहा था। यह हत्या अक्टूबर 2022 में हुई थी। वहीं दूसरे आतंकी की पहचान उमर नाज़िर के तौर पर हुई है। अनंतनाग का रहने वाला नाज़िर नेपाली नागरिक तिल बहादुर थापा की हत्या में शामिल रहा था। तिल बहादुर थापा की हत्या नवम्बर 2022 में हुई थी।

तीसरे आतंकी की शिनाख्त की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। कश्मीर के एक स्थानीय न्यूज़ पोर्टल के अनुसार, तीसरे आतंकी का नाम दानिश हुसैन काकरू है। वह कश्मीर के बारामुला का रहने वाला बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि आतंकी उमर का कोड अबू सूफियान था, जबकि दानिश काकरू को हैदर मुआविया कोड दिया गया था। हालाँकि इस दावे के आधिकारिक पुष्टि की प्रतीक्षा है।

यह मुठभेड़ मुंझ मार्ग क्षेत्र में हुई है। पुलिस ने मारे गए आतंकियों के पास से 2 पिस्टल और 1 AK-47 रायफल बरामद की है। किसी और आतंकी के छिपे होने की आशंका के चलते सुरक्षा बलों ने इलाके को घेर लिया है और सघन तलाशी अभियान जारी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुरक्षा बलों को आतंकियों की गुप्त जानकारी मिली थी। इसी सूचना के बाद जवानों ने इलाके में पहुँच कर आतंकियों को सरेंडर करने के लिए कहा था। जवाब में आतंकियों ने गोलियाँ चलानी शुरू की। सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में 3 आतंकी ढेर हो गए।

आतंकी घटनाएँ कम होने का दावा

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मोदी सरकार बनने के बाद कश्मीर में आतंकी घटनाओं में तेजी से गिरावट आने का दावा किया है। अनुराग ठाकुर ने अपने दावे के समर्थन में कुछ आँकड़े भी पेश किए। उनका दावा है कि साल 2014 के बाद कश्मीर में हिंसक घटनाओं में 80% और आम नागरिकों की मौत में 89% की गिरावट आई है। इसी के साथ ठाकुर ने कहा कि 2014 के बाद से अब तक लगभग 6000 आतंकियों ने खुद को कानून के हवाले कर दिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अपने बयान में अनुराग ठाकुर ने सर्जिकल स्ट्राइक का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि साल 2015 के बाद वामपंथी उन्माद भी 265% कम हो गया है। पूर्वोत्तर के राज्यों का जिक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मेघालय और त्रिपुरा से अफ्स्पा (AFSPA) पूरी तरह से हटा लिया गया है जबकि असम में इसे 60% कम किया गया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया