‘आपके इलाके में कोई आतंकी हो तो उसकी हत्या नहीं करेंगे? फिर मानवाधिकार का उल्लंघन कैसे’ : CDS जनरल बिपिन रावत

सीडीएस बिपिन रावत (साभार: आजतक)

टाइम्‍स नाउ के शिखर सम्मेलन 2021 में चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टाफ जनरल बिपिन रावत ने आतंकवाद के मुद्दे पर प्रमुखता से बात की। उन्होंने बताया कि कैसे स्थानीय कश्मीरी लोग अब आतंकियों के बारे में सेना को जानकारी देते हैं और तभी सुरक्षाबल आतंकियों को ढेर करने में सफल होते हैं। उन्होंने बताया कि अब लोकल लोग ही आतंकियों को लिंच करने की बातें करते हैं जो कि एक बहुत अच्छा साइन हैं।

उन्होंने कहा कि अभी तक ये होता था कि बड़ी संख्‍या में स्थानीय आतंकियों को जानते थे, वे कहाँ से ऑपरेट करते हैं ये जानते थे। मगर, सिर्फ गोली के डर से वे जानकारी नहीं देते थे। लेकिन अब वे अलग सोच के साथ आगे आ रहे हैं कि या तो हम उनकी (आतंकियों की) हत्‍या कर देंगे या ऐसा इंतजाम करेंगे कि वे मारे जाएँ।

सीडीएस ने कहा कि आतंकियों के मन में ये डर होना कि इससे पहले वो हमारी (आम जनता) हत्या करेंगे, हम (सेना) उनकी (आतंकी) ही हत्या कर देंगे, ये अच्छा है। उन्होंने पूछा कि आतंकियों को मारना मानवाधिकार का उल्लंघन कैसे हो सकता? उन्होंने कहा आपके इलाके में कोई आतंकी ऑपरेट कर रहा है तो आप उसकी हत्या क्यों नहीं करेंगे।

सीडीएस ने कहा आतंकी किसी एक को निशाना बनाते हैं तो बाकी लोग डर जाते हैं। लेकिन अगर किसी को भी खतरा महसूस होता है तो वो सेना के पास आए। कुछ लोग डर से अपना बेस छोड़कर चले गए हैं जिसपर आतंकियों द्वारा कब्जा कर लिया गया है। लेकिन सेना ऐसा नहीं चाहती। अगर किसी को लगता है कि उनके पास कोई सुरक्षित स्थान नहीं है तो वह सेना के पास आए। यह समस्या अस्थायी है।

उन्होंने पलायन को लेकर कहा कि दुश्मन चाहता यही है कि पलायन हो। लेकिन सेना का मकसद है कि पलायन को रोका जाए। एक दो-हत्याओं पर पलायन शुरू हो जाता है। इसे रोक रहे हैं। कोई आतंकी हमला होता है। 48-72 घंटों के भीतर उन आतंकियों को खत्‍म कर दिया जाता है। आतंकियों को भी यह बात समझ में आ रही है।

सीडीएस रावत ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ तनाव पर बात की और चीन को नंबर एक का दुश्मन बताया। उन्होंने कहा कि LAC पर डिसइंगेजमेंट हो सकता है लेकिन डी-एस्‍केलेशन, यथास्थिति बहाल होने में लंबा समय लगेगा। इसके बाद सीडीएस ने अरुणाचल प्रदेश में चीन के गाँव बसाने की रिपोर्ट्स पर बात की और कहा कि गाँव में निर्माण हमारी सीमाओं पर नहीं हुआ।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया