‘बेब! इस मिसाइल को मैंने डिजाइन किया है’: पाकिस्तानी ‘हसीना’ को गुप्त जानकारियाँ भेज रहा था DRDO वैज्ञानिक, चार्जशीट में खतरनाक खुलासे

DRDO वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर (साभार: इंडिया टीवी)

हनीट्रैप में फँसकर खुफिया जानकारी पाकिस्तान को देने वाले रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया है। महाराष्ट्र एटीएस द्वारा कुरुलकर के खिलाफ दाखिल 1837 पन्नों की चार्जशीट में कहा गया है कि कुरुलकर पाकिस्तानी महिला इंटेलिजेंस एजेंट की ओर आकर्षित थे। इन महिलाओं के साथ उन्होंने भारतीय डिफेंस प्रोजेक्ट की जानकारी दी।

वैज्ञानिक से बात करने वाली महिला जासूस ने अपना नाम जारा दासगुप्ता बताया था। उसने कहा था कि वह एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है और इंग्लैंड में रहती है। वह बुजुर्ग वैज्ञानिक से मादक बातें करती थी। इतना ही नहीं, वह अपना फोटो भी शेयर भी करती थी। दोनों मैसेज, वॉइस और वीडियो चैट के जरिए संपर्क में थे।

महाराष्ट्र ATS ने कुछ महीने पहले ही DRDO के वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर को गिरफ़्तार किया था। कुरुलकर DRDO (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) के प्रमुख वैज्ञानिक के रूप में कार्यरत थे। उन पर रिसर्च और विकास स्थापना (R&DE) इंजीनियर्स (E) के निदेशक की भी ज़िम्मेदारी थी। 

महाराष्ट्र ATS ने आरोप पत्र में कहा है कि कुरुलकर ने अपने फोन में कुछ सॉफ़्टवेयर डाउनलोड किया था, जिसमें मैलवेयर था। एजेंसी ने आशंका जाहिर की है कि हो सकता है कि पाकिस्तानी खुफ़िया संगठन (PIO) ने उस सॉफ़्टवेयर की सहायता से उनके फ़ोन का उपयोग करके कई संवेदनशील जानकारी प्राप्त किए हों।

आरोप पत्र में कहा गया है कि पाकिस्तानी खुफिया हैंडलर ज़ारा दासगुप्ता से संवेदनशील और क्लासीफाइड जानकारी को साझा किया था। ATS ने अपने दावे को साबित करने के लिए दोनों के बीच हुए सोशल मीडिया चैट्स को भी चार्जशीट में शामिल किया है।

पहले चैट में कुरुलकर ज़ारा से सर्फ़ेस टू एयर मिसाइल (SAM) के संदर्भ में बातचीत किया है, जो इस तरह है-

ज़ारा – बेब, क्या आप इस पर काम कर रहे हैं?
कुरुलकर –हाँ, मैं एसएएम (SAM) पर भी काम करता हूँ।
ज़ारा – यह कब तक पूरा होगा बेब?
कुरुलकर  – अगले कुछ हफ़्तों में
ज़ारा – आप इसे आर्मी को देंगे या एयरफोर्स को?
कुरुलकर – आर्मी और वायु सेना दोनों को
ज़ारा – तो टेस्टिंग और ट्रायल्स पूरे हो गए?
 
इस चैट में कुरुलकर सारे से ब्रह्मोस मिसाइल के बारे में भी बात की है।

ज़ारा – ब्रह्मोस भी आपका आविष्कार था बेब?
ज़ारा – यह बहुत खतरनाक है
कुरुलकर – मेरे पास प्रारंभिक डिज़ाइन रिपोर्ट हैं (कुछ और भी चीजें कुरुलकर ने कहीं लेकिन यह जानकारी संवेदनशील है)
ज़ारा – बेबी…
ज़ारा – यह एक एयर लॉन्च वर्जन है ना ?
ज़ारा – जिस पर हमने पहले चर्चा की थी?
कुरुलकर – हाँ (आगे संवेदनशील जानकारी साझा की)

ATS ने चार्जशीट में आगे बताया है कि आरोपित ने ब्रह्मोस और अग्नि 6 मिसाइल लॉन्चर, सर्फ़ेस टू एयर मिसाइल, एंटी-सैटेलाइट मिसाइल, रुस्तम लड़ाकू ड्रोन, मेंटर मिसाइल, राफेल, एके सिस्टम एयर टू एयर मिसाइल सहित कई डिफ़ेंस परियोजना से जुड़ी जानकारियाँ साझा की थीं।

चार्जशीट के मुताबिक़, कुरुलकर के मोबाइल से डिफेंस प्रोजेक्ट में इस्तेमाल किए गए मैटेरियल के कंपोज़िशन, गुजरात के एक डिफ़ेंस के इंवेंट में दिखाए गए पावर पॉइंट प्रेज़ेंटेशन, आकाश लॉन्चर की जानकारी, नेशनल एरोस्पेस लेबोरेटरीज के पास क्या है, VTOL एनोनामस एरियल वेहिकल सिस्टम आदि की जानकारी मिली है।

महाराष्ट्र ATS ने चार्जशीट में कहा है कि पाकिस्तानी जासूस जारा दास गुप्ता कुरुलकर से जुड़े परियोजनाओं से संबंधित लिंक भेजा करती थी। इसके बाद कुरुलकर उसके साथ उन परियोजनाओं के बारे में पूरी जानकारी साझा करते थे। ATS ने आरोप पत्र में कहा कि महिला की आईपी ऐड्रेस जाँच करने पर वह पाकिस्तान का पाया गया।

कुरुलकर ने भारतीय सरकार को रक्षा संबंधित उपकरण देने वाली एक निजी कंपनी के CEO की जानकारी भी पाकिस्तानी जासूस से साझा की थी। यह कंपनी डिफ़ेंस रोबोट बनाने में एक्सपर्ट है। इसके साथ ही डीआरडीओ से जुड़े लोगों की जानकारी भी महिला से साझा की थी।

ATS ने जाँच के दौरान यह भी पाया कि कुरुलकर ने महिला के साथ DRDO के ड्यूटी चार्ट तक शेयर किए थे। इतना ही नहीं, वैज्ञानिक के दो अन्य महिलाओं से भी संबंध थे। उनमें से एक DRDO की पुणे कार्यालय की वेंडर थी। कुरुलकर उस कार्यालय के हेड थे। ATS ने इन महिलाओं के भी बयान लिए हैं।

दोनों जून 2022 से दिसंबर 2022 तक संपर्क में थे। उनकी गतिविधियाँ संदिग्ध पाए जाने के बाद DRDO ने आंतरिक जाँच शुरू की थी। उससे पहले ही कुरुलकर ने फरवरी 2023 में जारा का नंबर ब्लॉक कर दिया था। इसके बाद उन्हें एक भारतीय नंबर से वॉट्सऐप मैसेज मिला। इसमें पूछा गया कि ‘आपने मेरा नंबर क्यों ब्लॉक किया’?

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया