अलगाववादी मीरवाइज़ ने NIA की नोटिस को धता बताया, पूछताछ के लिए हाजिर होने से किया इनकार

मीरवाइज़ उमर फ़ारुख़, कश्मीरी अलगावादी नेता

मीरवाइज़ उमर फ़ारुक़ ने राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) की नोटिस को धता बताते हुए एजेंसी के समक्ष पेश होने से इनकार कर दिया है। टेरर फंडिंग के मामले में एजेंसी ने मीरवाइज़ को नई दिल्ली समन किया था लेकिन उसने उलटा एनआईए को ही श्रीनगर आकर पूछताछ करने को कहा। टेरर फंडिंग के मामले में चल रही जाँच में सहयोग करने से उसने साफ़ इनकार कर दिया है। सोशल मीडिया पर लोगों ने मीरवाइज़ उमर फ़ारुक़ के इस रवैये पर सवाल खड़ा करते हुए पूछा कि क्या वह अपने आप को क़ानून से ऊपर मानता है? हुर्रियत के प्रवक्ता ने कहा कि मीरवाइज़ एनआईए के समक्ष पेश नहीं होंगे बल्कि लिखित में जवाब देंगे। प्रवक्ता ने कहा कि मीरवाइज़ ने क़ानूनी सलाह लेने के बाद यह निर्णय लिया।

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एनआईए द्वारा अलगावादी नेताओं को समन करने के बाद से श्रीनगर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। अलगाववादियों के गुर्गों ने सड़क पर उत्पात मचाया। पिछले सप्ताह एनआईए द्वारा मीरवाइज़ को थमाए गए नोटिस में लिखा था- “एनआईए द्वारा जिस केस की जाँच की जा रही है, आप उसके पहलुओं से परिचित हैं। अतः आपको पूछताछ हेतु एजेंसी के समक्ष 11 मार्च को सुबह 11.30 बजे रिपोर्ट करना आवश्यक है।”

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जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने मीरवाइज़ को नोटिस देने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। महबूबा ने एक ट्वीट में लिखा कि एनआईए का समन हमारी धार्मिक पहचान पर भारत सरकार द्वारा बार-बार किए जा रहे चोट का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि सरकार वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए मीरवाइज़ को बलि का बकरा बना रही है।

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बता दें कि पुलवामा हमले के बाद सरकार कश्मीर के अलगाववादियों व आतंकियों के प्रति सख़्त रवैया अपनाए हुई है। यासीन मलिक को गिरफ़्तार कर लिया गया है। 150 से भी अधिक अलगाववादियों व अन्य कश्मीरी नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली गई है। कुछ दिनों पहले एनआईए ने मीरवाइज़ के श्रीनगर स्थित आवास की तलाशी भी ली थी। एजेंसी के अनुसार, इस छापे में कई अहम दस्तावेज बरामद हुए। जम्मू-कश्मीर में आतंकी वारदातों को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तानियों से हुए अवैध वित्तीय करार के सम्बन्ध में एनआईए ने 2017 में मीरवाइज़ के प्रवक्ता शहीद-उल-इस्लाम सहित 7 अन्य अलगाववादियों को गिरफ़्तार किया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया