‘अभिनन्दन को नहीं छोड़ा तो भारत दाग देगा मिसाइल’: बालाकोट एयरस्ट्राइक से खौफ में था पाकिस्तान, PM मोदी से बात करने को गिड़गिड़ाए थे इमरान खान

विंग कमांडर अभिनन्दन वर्धमान और पूर्व पीएम इमरान खान (तस्वीर साभार: Swarajya & HT)

14 फरवरी 2019 को पुलवामा हमले के बाद भारत में माहौल गर्म था। भारत ने इसके जवाब में 26 फरवरी 2019 की रात को एयरस्ट्राइक की। सुबह पाकिस्तान के जेट भारत की तरफ आए, भारत ने उन्हें मार भगाया और एक लड़ाकू विमान गिराया भी। इसी दौरान भारतीय पायलट अभिनन्दन वर्धमान पाकिस्तानी सीमा में चले गए। उनकी रिहाई को लेकर भारत ने पाकिस्तान को ऐसा झटका दिया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान भारत के प्रधानमंत्री मोदी से बात के लिए गिड़गिड़ाते रहे।

यह सारे खुलासे बालाकोट एयरस्ट्राइक के दौरान पाकिस्तान में भारत के हाई कमिश्नर रहे अजय बिसारिया ने अपनी आगामी किताब में किए हैं। अजय बिसारिया ने अपनी आगामी किताब ‘एंगर मैनेजमेंट: ट्रबल्ड डिप्लोमैटिक रिलेशनशिप बिटवीन इंडिया एंड पाकिस्तान’ किताब लिखी है।

टाइम्स ऑफ़ इंडिया के अनुसार, अजय बिसारिया ने अपनी किताब में लिखा है कि जब कश्मीर के आकाश में लड़ाकू विमानों की लड़ाई के बाद भारतीय फाइटर पायलट अभिनन्दन वर्धमान पाकिस्तान में गिर गए और उन्हें छुड़ाने को लेकर भारत सरकार दबाव बनाने लगी। इसके जवाब में इमरान खान भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से फ़ोन पर बात करने की कोशिश करने लगे।

अजय बिसारिया ने बताया है कि 27 फरवरी 2019 की रात को तब भारत में पाकिस्तान के हाई कमिश्नर सोहेल महमूद का फ़ोन आया। उन्होंने बिसारिया से कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान प्रधानमंत्री मोदी से बात करना चाहते हैं। बिसारिया ने महमूद से कहा कि अगर उन्हें कुछ बात नई दिल्ली तक पहुँचानी है तो उन्हें बता दें वह इस रास्ते से पहुँचा देंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे बाद में एक रैली में ‘क़त्ल की रात’ कहा था।

बिसारिया ने यह भी बताया कि पाकिस्तान की सेना भी इस दौरान भारत के रुख से डरी हुई थी। पाकिस्तानी सेना ने पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश सचिव तहमीना जंजुआ को बताया था कि भारत ने उनकी तरफ 9 मिसाइलें तान रखी हैं और अगर अभिनन्दन वर्धमान को नहीं छोड़ा गया तो यह भारत कभी भी छोड़ देगा।

जब पाकिस्तानी विदेश सचिव को यह सूचना मिली तब वह अमेरिका और इंग्लैंड के राजदूतों के साथ बातचीत कर रही थीं। बिसारिया ने अन्य कई खुलासे भी अपनी किताब में किए हैं। बिसारिया ने बताया है कि जून 2019 में इमरान खान किर्गिजस्तान की राजधानी बिश्केक में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी से हाथ मिलाना चाहते थे।

इसके अलावा बिसारिया ने बताया है कि भारत के 2019 के रुख के कारण पाकिस्तान सकते में आ गया था। बिसारिया ने बताया है कि पाकिस्तान की सेना इस रुख के चलते आतंकियों पर कार्रवाई करने जा रही थी। इमरान खान ने भारत से रिश्ते खत्म किए जबकि सेना भारत से अच्छे रिश्ते रखना चाहती थी।

इसके अलावा बिसारिया ने एक मामले का जिक्र किया है जिसमें पाकिस्तान के किसी व्यक्ति ने उन्हें एक हमले के बारे में बताया था। उन्हें ISI के एक करीबी ने बताया था पाकिस्तान आतंकी जाकिर मूसा की मौत का बदला लेने के लिए बड़ी साजिश रच रहा है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया