भारत शांति चाहता है लेकिन संप्रभुता सर्वोच्च, उकसाने पर मुँहतोड़ जवाब देने में सक्षम: PM मोदी

PM मोदी ने कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में लद्दाख में चल रहे विवाद पर कहा कि भारत शांति चाहता है, लेकिन करारा जवाब देने की क्षमता रखता है।

लद्दाख सीमा पर गलवान घाटी में भारतीय सेना की चीनी सेना के साथ हुई झड़प में वीरगति को प्राप्त हुए भारतीय सैनिकों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अ​मित शाह और 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने श्रद्धांजलि दी।

इसी अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि सैनिकों का यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। भारत की अखंडता और संप्रभुता सर्वोच्च है और इसकी रक्षा करने से हमें कोई रोक नहीं सकता। भारत शांति चाहता है, लेकिन भारत उकसाने पर हर हाल में मुँहतोड़ जवाब देने में सक्षम है, चाहे परिस्थितियाँ कैसी भी हों। पीएम मोदी ने कहा कि हमारे जवान चीनी सैनिकों को मारते-मारते वीरगति को प्राप्त हुए हैं।

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भारत-चीन सीमा पर तनाव की स्थिति पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगामी 19 जून को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। शुक्रवार को शाम 5 बजे बुलाई गई इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के साथ सीमा पर जारी इस संघर्ष को लेकर आगे की परिस्थितियों पर चर्चा करेंगे। विभिन्न राजनीतिक दलों के अध्यक्ष इस ऑनलाइन मीटिंग में हिस्सा लेंगे।

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इसी बीच कॉन्ग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा – “क्या हमारे सैनिक और अधिकारी अभी भी लापता हैं? हमारे कितने सैनिक या अधिकारी गंभीर रूप से घायल हैं? चीन ने किन क्षेत्रों पर कब्जा किया है? चीन हमारी जमीन पर किस तरह कब्जा कर लिया? इससे निपटने के लिए सरकार की क्या नीति है? कॉन्ग्रेस इस संकट में हमारी सेना, सैनिकों, उनके परिवारों और सरकार के साथ खड़ी है।”

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उल्लेखनीय है कि लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात भारत और चीनी सैनिकों के बीच हाथापाई और संघर्ष हुआ, जिसमें भारत के 20 जवान वीरगति को प्राप्त हुए जबकि चीन के 40 से अधिक जवानों के हताहत होने की सूचना सामने आई हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि भारतीय ऑफिसर और उनके दो जवानों पर चीनी सैनिकों ने पत्थरों और लोहे की रॉड से हमला बोल दिया था। इसके बाद भारतीय सैनिक चौंक गए और इसका जवाब दिया गया। इसके बाद आधी रात तक हिंसक झड़प चलती रही। चीन अभी तक अपने सैनिकों की मौत का आँकड़ा छुपा रहा है और सीमा पर संघर्ष के लिए भारत को ही दोषी ठहरा रहा है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया