जहाँ है करतारपुर गुरुद्वारा, वहीं आतंकी कैंप चला रहा है पाकिस्तान: खुफिया रिपोर्ट

करतारपुर कॉरिडोर के पीछे नापाक मंशा तो नहीं? (साभार: times of india)

करतारपुर कॉरिडोर का 9 नवंबर को उद्धाटन होना है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नारोवाल जिले में यह गुरुद्वारा है। खुफिया इनपुट के मुताबिक इस जिले में कई आतंकी कैंप चल रहे हैं। मीडिया रिपार्टों के अनुसार नारोवाल जिले में कई आतंकी कैंप चल रहे हैं। खुफिया एजेंसियों से जुड़े सूत्रों के अनुसार ये कैंप पाकिस्तानी पंजाब के मुरीदके, शाकरगढ़ और नारोवाल में हैं। बताया जा रहा है कि कैंपों में काफी तादाद में पुरुष और महिला रहते हैं और ट्रेनिंग ले रहे हैं।

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टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार पंजाब में सीमा प्रबंधन को लेकर की गई आला अधिकारियों की ज्वाइंट मीटिंग के बाद ये जानकारी निकलकर सामने आई है। कहा जा रहा है इस कदम के पीछे पाक का उद्देश्य सिख भावना को ठेस पहुँचाकर खालिस्तानी एजेंडे को समर्थन देना हो सकता है।

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यह भी आशंका है कि करतारपुर कॉरिडोर का इस्तेमाल ड्रग स्मगलर्स और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल लोग पाकिस्तानी सिम कार्ड्स के जरिए कर सकते हैं। पंजाब में सीमा की सुरक्षा में तैनात एक एजेंसी ने राजस्थान के जिलाधिकारी की तर्ज पर पंजाब पुलिस से पाकिस्तानी सिम कार्ड्स के इस्तेमाल और नेटवर्क को बैन करने का अनुरोध किया है।

इस खबर के अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी इस कॉरिडोर खोलने को खोलने के भी पीछे पाक के नापाक इरादों पर शक जताया है। अमरिंदर सिंह ने कहा कि बाकी सिखों की तरह वह भी करतारपुर साहिब गुरुद्वारा में नतमस्तक होने के बारे में सोचकर बहुत खुश हैं। यह हमेशा ही उनके अरदास का हिस्सा रहा है। हालाँकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनको अभी भी पाकिस्तान की मंशा पर शक है। उनका कहना है कि कॉरिडोर खोलने के पीछे आईएसआई का एजेंडा हो सकता है।

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अमरिंदर ने कहा था कि इसका उद्देश्य जनमत-संग्रह 2020 के लिए सिख भाईचारे को प्रभावित करना हो सकता है, जिसे सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के अंतर्गत बढ़ावा दिया जा रहा है। कॉन्ग्रेस नेता का कहना है कि पाकिस्तान द्वारा कॉरिडोर और गुरु नानक के नाम पर यूनिवर्सिटी शुरू करने जैसे फैसलों पर भारत को पूरी तरह से सतर्क और सक्रिय रहने की जरूरत है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया