‘इस्लामिक स्टेट आ रहा है अफ़ग़ानिस्तान, भारत के लिए खतरा, मदद नहीं करेगा अमेरिका’

इस्लामिक स्टेट (प्रतीकात्मक तस्वीर, वॉर ऑन द रॉक्स से साभार)

हाल ही में इस्लामिक स्टेट के सरगना अबू बकर अल बगदादी को अमेरिका ने मार गिराया था। बावजूद यह ख़तरनाक इस्लामी संगठन खतरा बना हुआ है। ईरान के विदेश मंत्री जवाद ज़रीफ़ ने दावा किया है कि दुनिया के सबसे क्रूर जिहादियों का गिरोह अपनी गतिविधियों का बेस अफ़ग़ानिस्तान में स्थानांतरित कर रहा है। गौरतलब है कि मूलतः मध्य-पूर्व एशिया के मुस्लिम देशों इराक और सीरिया में बने इस समूह को एक लम्बी जंग के बाद अमेरिका, रूस, इज़रायल आदि पश्चिमी देशों के सैन्य गठबंधन ने इराक और सीरिया से उखाड़ फेंका है।

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कुछ ही दिन पहले (27 अक्टूबर, 2019 को) ‘दाएश’ के नाम से भी जाने जाने वाले इस आतंकवादी संगठन के मुखिया को अमेरिका ने तुर्की में मार गिराया था। ईरानी विदेश मंत्री जवाद ज़रीफ़ ने इंडिया टुडे टीवी को दिए इंटरव्यू में कहा कि इस्लामिक स्टेट का अफ़ग़ानिस्तान जैसे संवेदनशील इलाके में पहुँच जाना भारत, पाकिस्तान, रूस और यहाँ तक कि चीन के लिए भी खतरे की घंटी है। उन्होंने कहा कि उन्हें आईएस के अफ़गानी बेस से ताजिकिस्तान और उज़्बेकिस्तान में जिहादी घटनाओं को अंजाम दिए जाने की रिपोर्ट मिल रही है।

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ज़रीफ़ हालाँकि दुनिया भर में जिहाद के खिलाफ लड़ाई के स्वघोषित चौधरी अमेरिका के रुख को लेकर आशान्वित नहीं दिखते। उन्होंने कहा, “अमेरिका हमारी मदद के लिए नहीं आएगा। हमें अपनी सहायता खुद करनी होगी।”

भारत के लिए चिंता की बात यह भी है कि अफ़ग़ानिस्तान से जोड़ने वाले उसके भूभाग पीओके पर पाकिस्तान का कब्ज़ा है। यानी अगर पाकिस्तान चाहे तो बड़ी आसानी से अपने जिहादी बिरादरों को भारत के काफ़िरों पर कहर ढाने के लिए अफ़ग़ानिस्तान से पीओके, पीओके से कश्मीर और कश्मीर से भारत में उतार सकता है। ऐसे में दुनिया के सबसे क्रूर और नृशंस जिहादियों से देश की रक्षा के लिए पीओके पर भारतीय अधिपत्य दोबारा स्थापित जल्दी से जल्दी करना और भी ज़रूरी हो गया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया