आतंकियों ने सभी शिक्षकों का ID कार्ड देखा… मारा 2 गैर-मुस्लिमों को… क्योंकि 15 अगस्त को इन्हीं दोनों ने बुलाया था बच्चों को

आतंकियों ने श्रीनगर के स्कूल में घुसकर शिक्षकों की हत्या कर दी (साभार: ट्विटर)

जम्मू-कश्मीर में आतंकी अब हतोत्साहित होकर आम लोगों निशाना बनाने लगे हैं। एक कश्मीरी पंडित सहित तीन लोगों की हत्या के बाद एक बार फिर आतंकियों ने दो लोगों की हत्या कर दी, जिसमें एक हिंदू और एक सिख समुदाय से संबंधित हैं। आतंकियों ने श्रीनगर के ईदगाह इलाके में स्थित एक स्कूल में शिक्षकों को लाइन में खड़े कराकर पहचान करने के बाद दो गैर-मुस्लिम शिक्षकों की हत्या कर दी।

वरिष्ठ पत्रकार आदित्यराज कौल ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के सूत्रों के हवाले से ट्वीट कर बताया कि आतंकियों ने श्रीनगर के सफाकदल हायर सेकेंडरी स्कूल के सभी शिक्षकों को पंक्ति में खड़ा किया, उसके बाद उनके पहचान पत्र और मोबाइल फोन की जाँच की। इसके साथ ही आतंकियों ने उनसे पूछताछ भी की और उनमें से अधिकतर को छोड़ दिया। माना जा रहा है कि जिन शिक्षकों को आतंकियों ने जाने दिया, वे सभी मुस्लिम थे। वहीं, आतंकियों ने सिख समुदाय से संबंध रखने वाली शिक्षिका सतिंदर कौर और हिंदू समुदाय से संबंध रखने वाले शिक्षक दीपक चंद की गोली मारकर हत्या कर दी।

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सतिंदर कौर स्कूल की प्रिंसिपल और दीपक कौल शिक्षक थे। मारे गए दोनों शिक्षक अलोचीबाग के रहने वाले थे। इनमें से एक सिख तो दूसरा कश्मीरी पंडित था। रिपोर्ट के मुताबिक, आतंकी पहले से ही घात लगाए हुए थे और जैसे ही स्कूल खोलने के लिए दोनों शिक्षक वहाँ पहुँचे, आतंकी स्कूल में घुस गए।

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वहीं, ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ नाम के एक संगठन की ओर से गुरुवार (7 अक्टूबर 2021) को एक पत्र जारी किया गया, जिसमें कहा गया है कि शहीद गाजी स्क्वैड (टीआरएफ) ने इस ‘टारगेट किलिंग’ को अंजाम दिया है। पत्र में आगे बताया गया है, इन शिक्षकों ने विद्यार्थियों के माता-पिता को प्रताड़ित किया था और उन्हें धमकाया था कि अगर उनके बच्चे 15 अगस्त के उत्सव में शामिल नहीं होते हैं तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। इसके साथ ही पत्र में अपने घरों और दुकानों के पास सीसीटीवी लगाने वालों को भी धमकी दी गई कि अगर इसे नहीं हटाया गया तो संबंधित लोगों को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

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फिलहाल, आतंकियों की तलाश में सुरक्षाबलों ने भी सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। बीते तीन दिनों के भीतर घाटी में पाँच नागरिकों की हत्या हुई है। इसमें से 4 गैर-मुस्लिम हैं। माना जा रहा है कि इस तरह के हमलों का मकसद गैर-मुस्लिमों को डराना है, ताकि कश्मीरी पंडित घाटी में बसने के लिए तैयार ना हों और जो गैर-मुस्लिम घाटी में हैं, वे डरकर भाग जाएँ।

गौरतलब है कि इससे पहले मंगलवार (5 अक्टूबर 2021) को आतंकियों ने अलग-अलग हमलों में तीन आम नागरिकों की हत्या कर दी थी। मारे गए लोगों में से एक कश्मीरी पंडित माखनलाल बिंदरू श्रीनगर के प्रसिद्ध केमिस्ट थे। आतंकियों ने उनके दुकान में घुसकर उन्हें गोली मारी थी। उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहाँ डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

दूसरी घटना में श्रीनगर के लाल बाजार इलाके में शाम के करीब साढ़े आठ बजे बिहार के गोलगप्पा बेचने वाले व्यक्ति की हत्या कर दी गई। पुलिस के अनुसार, श्रीनगर के मदीन साहब लालबाजार के पास आतंकियों द्वारा मारे गए शख्स की पहचान वीरेंद्र पासवान के तौर पर हुई है। वे बिहार के भागलपुर के रहने वाले थे।

वहीं तीसरी घटना कश्मीर के बांदीपोरा के शाहगुंड इलाके में हुई थी, जिसमें नायदखाई निवासी मोहम्मद शफी लोन की आतंकियों ने हत्या कर दी थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया