जम्मू-कश्मीर के नरवाल में हुए आईईडी (IED) धमाका मामले में पुलिस ने आरिफ अहमद को गिरफ्तार किया है। वह एक सरकारी स्कूल का टीचर है। उसके पास से परफ्यूम बम भी बरामद हुआ है। जम्मू-कश्मीर पुलिस का कहना है कि घाटी में पहली बार इस तरह का बम मिला है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया कि नरवाल में 20 जनवरी, 2023 को 2 आईईडी बम लगाए गए थे। 21 जनवरी को पहले धमाके के बाद सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को खाली करा लिया और सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया। सर्च ऑपरेशन के दौरान दूसरा धमाका हुआ। इन धमाकों में कुल 9 लोग जख्मी हो गए थे।
डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया कि 11 दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद आतंकी आरिफ अहमद को गिरफ्तार किया गया। आरिफ जम्मू के रियासी का रहने वाला है। वह वर्ष 2010 में रहबर-ए-तालीम (ReT) स्कीम के तहत शिक्षक बहाल हुआ था। 2016 में वह नियमित कर दिया गया था। दिलबाग सिंह ने बताया कि आरिफ पाकिस्तान में बैठे लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी के संपर्क में था। धमाके के बाद उसे रुपए दिए गए थे।
आरिफ के पास से परफ्यूम बम बरामद हुआ है। डीजीपी दिलबाग सिंह के अनुसार परफ्यूम जैसे बोतल में आईईडी होता है जो छूने, खोलने या दबाने की कोशिश करने पर फट जाता है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के अनुसार दिसंबर 2022 के आखिर में एलओसी पार से आरिफ को 3 आईईडी उपलब्ध कराए गए थे। इसके लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया। 3 में से 2 आईईडी का प्रयोग नरवाल धमाके में किया गया, जबकि बचा हुआ एक पुलिस ने बरामद कर लिया है।
डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया कि आरिफ ने पाकिस्तान में बैठे लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी कासिम के साथ संबंधों की बात मानी है। आरिफ ने बताया कि उसने मई 2022 में कटरा बस धमाके को अंजाम दिया था। बस श्रद्धालुओं को लेकर वैष्णो देवी जा रही थी। इस धमाके में 4 लोगों की मौत हो गई थी और 22 लोग जख्मी हो गए थे। इसके अलावा फरवरी 2022 में शास्त्री नगर धमाके में भी आरिफ का हाथ था।