कश्मीर: अब परिवार के हवाले नहीं होगा आतंकियों का शव, प्रशासन खुद दफनाएगा

कश्मीर में अब आतंकियों के शव को प्रशासन ही दफन करेगा

जम्मू कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियाँ लगातार जारी हैं। इस बीच जम्मू-कश्मीर पुलिस ने घाटी में मारे जाने वाले आतंकवादियों के शवों को उनके परिवारों को ना सौंपकर दफन करने का निर्णय लिया है। इसके पीछे कारण जनाजे में उमड़ने वाली भीड़ और उनके द्व्रारा लगाए जाने वाले इस्लामिक नारे बताए जा रहे हैं।

साथ ही, कोरोना वायरस के खतरे के बीच उमड़ने वाली भीड़ भी चिंता का विषय बताई जा रही है। अब पुलिस के अधिकारी आतंकवादियों के शवों को स्वयं दफना रहे हैं।

रिपोर्ट्स के अनुसार आतंकवादियों के शवों का अंतिम संस्कार मजिस्ट्रेट की देखरेख में स्थानीय प्रशासन की तरफ से किया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के ही एक सीनियर ऑफिसर ने बताया है कि आतंकवादियों के घरवालों की मौजूदगी में सारे मजहबी रिवाज के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाता है।

आतंकवादियों को दफनाने में भीड़ के उमड़ने की शुरुआत 2015 में देखी गई थी, जब कश्मीर में अंतिम संस्कार के लिए लश्कर-ए-तैयबा के जिहादी अब्दुल रहमान के साथ बड़ी भीड़ जमा होने लगी थी, जिसे अबू कासिम के नाम से भी जाना जाता है। वहीं घाटी से आर्टिकल 370 को निरस्त करने के बाद जिहादियों के अंतिम संस्कार में फिर से भारी मात्रा में भीड़ जुटने लगी थी।

अफजल गुरु को दफनाया गया था तिहाड़ जेल में

अंतिम संस्कार के अलावा उनके DNA के सैंपल भी सुरक्षित रखे जाते हैं और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया में शामिल होने की सिर्फ परिवार के लोगों को ही इजाजत दी जाती है। पुलिस अधिकारी ने संसद हमले के दोषी अफजल गुरु का जिक्र करते हुए कहा कि वो कानूनी तौर पर परिवारवालों को आतंकवादियों का शव देने के लिए बाध्य नहीं हैं, जैसा कि अफजल गुरु को फाँसी देने के बाद दिल्ली के तिहाड़ जेल में दफना दिया गया था।

दरअसल, इसी माह सोपोर में जैश-ए-मुहम्मद के आतंकवादी सज्जाद नवाब, कुलगाम में हिजबुल के आतंकियों को दफनाने में सैकड़ों की तादाद में लोग उमड़ आए थे। जिसके बाद यह फैसला लिया गया है।

सेना ने किया 3 आतंकियों का खात्मा

जम्मू-कश्मीर में कोरोना वायरस की महामारी के बीच भी आतंकवादियों का सफाया जारी है। आज शनिवार (अप्रैल 25, 2020) सुबह पुलवामा जिले के अवंतिपुरा इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने दो आतंकवादियों और उसके एक सहयोगी को मार गिराया है। माना जा रहा है कि कुछ आतंकवादी अब भी छिपे हो सकते हैं।

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आतंकवादियों के खिलाफ सर्च अभियान अब भी जारी है। मारे गए आतंकवादियों की पहचान नहीं हो पाई है। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को ही अधिकारियों ने यह जानकारी दी थी कि साल 2020 में अब तक सुरक्षाबलों ने पचास आतंकवादियों को मार गिराया है। वहीं, पुलिस ने कहा कि इस मुठभेड़ से पहले देशव्यापी बंद के बीच अब तक 18 आतंकवादी घाटी से मारे जा चुके हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया