घाटी में आतंक को बढ़ावा देने के लिए आतंकियों ने जारी की बारामूला में सुरक्षाबलों पर हमले की बॉडी कैमरा फुटेज: 72 घंटे में हुए ढेर

पहली बार आतंकियों ने हमले की बॉडी कैमरा फुटेज जारी की है साभार - पत्रिका

हाल ही में जम्मू-कश्मीर के बारामूला स्थित क्रीरी में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इसमें कुल 5 सुरक्षाकर्मी बलिदान हुए थे और 3 आतंकवादी मारे गए थे। घटना के दो दिन बाद आतंकियों ने घटनास्थल पर हुई गोलीबारी का वीडियो इंटरनेट पर साझा किया है। पूरे वीडियो में आतंकवादी अपनी बहादुरी और गोरिल्ला कौशल दिखाते हुए नज़र आ रहे हैं। People’s Anti-Fascist Front (PAAF) ने यह वीडियो साझा किया था। जम्मू कश्मीर पुलिस के मुताबिक़ यह संगठन लश्कर-ए-तैय्यबा से संबंधित है।    

यह वीडियो 3 आतंकवादियों ने मिल कर बनाया है जो इस हमले में शामिल थे। वीडियो में यह साफ़ तौर पर देखा जा सकता है कि कैसे वह घात लगा कर छिप कर हमले की तैयारी कर रहे थे। उन्होंने योजना कुछ इस तरह बनाई थी कि जैसे ही सुरक्षाबल मौके पर पहुँचते। आतंकी उन पर गोलीबारी शुरू कर देते। इनमें से 3 आतंकी जो सेब के पेड़ों के पीछे घात लगाए बैठे थे सुरक्षाबलों  के आते ही उन पर गोली चलाना शुरू कर देते हैं। वह तब तक गोली चलाना जारी रखते हैं जब तक पक्का सड़क के नज़दीक नहीं पहुँच जाते हैं।    

उसी जगह पर सुरक्षाबलों का वाहन भी मौजूद था। वीडियो में यह भी देखा जा सकता है कि दो आतंकी लगातार गोलियाँ चला रहे हैं जबकि तीसरा उन्हें कवर दे रहा है। घटना के दौरान एक मौक़ा ऐसा भी आता है जब उसे मैगज़ीन बदलते हुए भी देखा जा सकता है। यह वीडियो फिलहाल सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इस वीडियो को एडिट भी किया गया है जिसके बाद इसमें म्यूज़िक भी जोड़ा गया है। तीन हमलावरों को प्रभावी रूप में दिखाने के लिए इफेक्ट्स भी जोड़े गए हैं।    

5 मिनट के इस वीडियो में दो सुरक्षाबलों को सिर गोली लगती है और मौके पर ही उनकी मृत्यु हो जाती है। लेकिन वीडियो में यह साफ़ नहीं हो पाता है कि जब सुरक्षाबलों के वाहन के नज़दीक गोलीबारी होती है तब क्या होता है। गोलीबारी तब रूकती है जब एक आतंकवादी अपने दूसरे साथी से कहता है “थावो” (रुको)। इस वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए पुलिस ने कहा कि इस हमले के 72 घंटे के भीतर सभी आतंकियों को मार गिराया गया है।            

https://twitter.com/KashmirPolice/status/1296635844720173057?ref_src=twsrc%5Etfw

पुलिस ने इस घटना पर ट्वीट करते हुए लिखा, “इस तरह का वीडियो साझा करके वह आतंकवाद को सम्मानित करना चाहते हैं। लेकिन वह ऐसा नहीं कर सकते हैं। हमने आतंकियों को इसका मुँह तोड़ जवाब दिया है। हमारे अभियान में अभी तक उनके कई कमांडर मारे जा चुके हैं। सज्जाद हैदर, तैमूर खान, अबू उस्मान (वीडियो में भी नज़र आया था), नसीर, साद भाई, अली भाई, दानिश यह सब 72 घंटे के भीतर मारे गए हैं।” 

इसके पहले भी आतंकवादी बनने वाले नए युवा सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी साझा करते थे। यह सब पिछले 1 दशक के दौरान देखा गया था। पिछले एक दो बार की घटनाओं में ऐसा देखा गया है कि शूटआउट के वीडियो साझा किए जाते हैं। लेकिन इस घटना में देखा गया था कि वीडियो गो प्रो जैसे बॉडी कैमरा से शूट किया गया था। पहली बार किसी गोलीबारी की घटना रिकॉर्ड करने के लिए गो प्रो कैमरे का इस्तेमाल किया गया है।       

इसके पहले साल 2013 में सुरक्षाबलों पर आतंकियों द्वारा की गई गोलीबारी का वीडियो इंटरनेट और सोशल मीडिया वायरल हुआ था। एक स्थानीय आतंकी कमांडर इरशाद गनिया और उसके साथियों ने श्रीनगर स्थित हैदरपुरा बाईपास के नज़दीक इस हमले को अंजाम दिया था। इसमें हमले में कुल 8 जवान शहीद हुए थे और हमला करने वाले दो आतंकवादी लश्कर-ए-तैय्यबा से जुड़े हुए थे।    

कुछ महीने बाद कमांडर इरशाद गनिया भी पुलिस और सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। दो साल पहले श्रीनगर से 14 किलोमीटर दूर स्थित पम्पोर में सुरक्षाबलों की बस पर आतंकवादी हमला हुआ था। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया और इंटरनेट पर खूब वायरल हुआ था। दो आतंकी बस पर सीधे गोली चलाते हुए नज़र आ रहे थे वहीं एक और आतंकी दूसरी तरफ से एके 47 से बस पर गोलियाँ चला रहा था।    

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया