पेशा -पत्रकारिता और NGO चलाना, असली काम – आतंकवाद और लश्कर-हिज़्बुल की मदद: दबोचा गया इरफ़ान मेहराज, टेरर फंडिंग में NIA की पहली गिरफ़्तारी

पत्रकारिता व NGO की आड़ में आतंकियों के मददगार इरफ़ान मेहराज को NIA ने श्रीनगर से पकड़ा (फाइल फोटो)

टेरर फंडिंग मामले की जाँच कर रही NIA ने श्रीनगर में एक कश्मीरी पत्रकार को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार पत्रकार का नाम इरफ़ान मेहराज है जो कथित तौर पर फ्रीलांसिंग पत्रकारिता करता है। इरफ़ान का संबंध NGO के माध्यम से पैसे जुटाने और उस पैसे को आतंकी घटनाओं के प्रयोग करने वाले नेटवर्क से बताया जा रहा है। ‘खुर्रम परवेज’ से जुड़े इस आरोपित की गिरफ्तारी सोमवार (20 मार्च, 2023) को हुई है। इरफ़ान से पूछताछ की जा रही है। उस पर UPPA के तहत कार्रवाई की गई है। टेरर फंडिग की जाँच के दौरान यह NIA द्वारा पहली गिरफ्तारी बताई जा रही है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इरफ़ान श्रीनगर के मजजूर नगर में रहता है। वह टेरर फंडिंग के उस नेटवर्क से जुड़ा हुआ था जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य आदि अच्छे कामों के लिए NGO बना कर लोगों से पैसे जुटाए जाते थे। बाद में इन्ही पैसों को कश्मीर के अलावा देश के अन्य हिस्सों में आतंकी गतिविधियों को संचालित करने में ख़र्च किया जाता था। जाँच के दौरान इन पैसों को दिल्ली में भी भेजे जाने की जानकारी सामने आई है। NGO के माध्यम से टेरर फंडिंग करने वाली गैंग के लश्कर ए तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी समूहों से भी कनेक्शन बताए जा रहे हैं।

21 मार्च को NIA ने इस गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि जिस संगठन से इरफ़ान जुड़ा था उसका नाम जम्मू एंड कश्मीर कोअलिशन ऑफ़ सिविल सोसाइटीज था। इसे शार्ट में JKCCS नाम से जाना जाता है। इस NGO से जुड़े लोग खुद को मानवाधिकार का काम करने वाले कार्यकर्ता बताया करते थे। NIA का कहना है कि उनके पास इन आरोपों के पर्याप्त सबूत हैं कि JKCCS घाटी में आतंकी गतिविधियों के लिए पैसे जुटा रहा था। NIA ने यह भी बताया है कि सभी प्रकार के रजिस्टर्ड और नॉन रजिस्टर्ड NGO की जाँच करवाई जा रही है।

NIA ने बताया कि कई NGO और ट्रस्ट भारत के खिलाफ न सिर्फ नफरत का माहौल बनाते हैं बल्कि राष्ट्र विरोधी चीजें भी प्रकशित किया करते हैं। ऐसे NGO और ट्रस्टों को NIA ने देश की एकता और अखंडता के साथ सम्प्रभुता के लिए खतरा बताया है। गिरफ्तार किया गया इरफ़ान मेहराज जिस खुर्रम परवेज का करीबी बताया जा रहा है उसे NIA ने नवम्बर 2021 में गिरफ्तार किया था। खुर्रम परवेज और उसके 6 अन्य साथियों पर कश्मीर में तैनात सुरक्षा बलों की ख़ुफ़िया जानकारी जुटा कर लश्कर ए तैयबा आतंकियों को देने का आरोप है।

मई 2022 में NIA ने खुर्रम परवेज और उसके 6 साथियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया