‘भारत में बनाना था डर का माहौल’: टेरर फंडिंग केस में NIA ने दाऊद और छोटा शकील के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की, D-कंपनी के 3 आतंकी गिरफ्तार

टेरर फंडिंग मामले में NIA द्वारा दाऊद सहित कुल 5 आरोपितों पर चार्जशीट दाखिल की (फाइल फोटो)

राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने टेरर फंडिंग के मामले में माफिया दाऊद इब्राहिम और उसका दायाँ हाथ कहे जाने वाले छोटा शकील के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में इन दोनों के अलावा डी कम्पनी के ही 3 अन्य मेंबर शामिल हैं जिनके नाम आरिफ अबूबकर शेख, शब्बीर अबूबकर शेख और मोहम्मद सलीम कुरैशी हैं। इन तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि दाऊद और शकील को भगोड़ा घोषित किया गया है। इन सभी पर एक साथ मिल कर दुनिया भर में आतंकी गतिविधियों को संचालित करने वाला गिरोह चलाने का आरोप है। यह जानकारी शनिवार (5 नवम्बर 2022) को एक प्रेसनोट के माध्यम से दी गई है।

NIA द्वारा जारी प्रेसनोट में बताया गया है कि यह चार्जशीट 3 फरवरी 2022 को NIA द्वारा मुंबई में दर्ज एक FIR की जाँच के बाद दाखिल की गई है। बताया गया है कि गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपितों का दाऊद गैंग के इशारे पर भारत में कई घटनाओं को अंजाम देने का था। इसी चार्जशीट में यह भी बताया गया है कि आरोपित अपनी हरकतों से आम जनमानस में डर का माहौल बनाना चाह रहे थे।

NIA के मुताबिक गिरफ्तार हुए आरिफ अबूबकर शेख, शब्बीर अबूबकर शेख और मोहम्मद सलीम कुरैशी हवाला के जरिए विदेशों से पैसे पा रहे थे। चार्जशीट में यह भी बताया गया है कि आतंकी और आपराधिक हरकतों को अंजाम दे कर फरार कुछ अन्य संदिग्ध भी तीनों आरोपितों की आर्थिक मदद किया करते थे। इस केस में शामिल सभी 5 आरोपितों पर UAPA एक्ट, मकोका कानून व अन्य कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है। राष्ट्रीय जाँच एजेंसी का कहना है कि इस केस में अभी जाँच जारी है।

गौरतलब है कि गिरफ्तार हुए तीनों आरोपितों में सलीम फ्रूट फरार चल रहे छोटा शकील का जीजा है। वह डी कंपनी की आतंकी गतिविधियों को आगे बढ़ाने, टेरर फंड जुटाने के लिए छोटा शकील के नाम पर प्रॉपर्टी डीलिंग और विवादों के निपटारे के नाम पर उगाही में सक्रिय था।सलीम कुरैशी के संबंध जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैय्यबा और अल-कायदा से भी थे। उसका दक्षिण मुंबई में फलों का व्यापर है। वो सेंट्रल मुंबई के अरब लेन में रहता है। साल 2006 में उसको दुबई से भारत प्रत्यर्पित किया गया था, जिसके बाद 2010 तक वो जेल में रहा।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया