अरबी पढ़ाने के नाम पर आतंक की ट्रेनिंग, 30 ठिकानों पर NIA की छापेमारी: तमिलनाडु, तेलंगाना में ISIS के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, DMK पार्षद के पति से भी पूछताछ

NIA ने ISIS के ठिकानों पर की छापेमारी (फोटो साभार: स्क्रीन ग्रैब एएनआई )

भारत के दक्षिण क्षेत्र में इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) के ट्रेनिंग सेंटरों का पर्दाफाश राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) कर रही है। इसके तहत एनआईए ने शनिवार (16 सितंबर, 2023) की सुबह तमिलनाडु और तेलंगाना में लगभग 30 संदिग्ध आईएसआईएस सेंटर्स पर छापेमारी शुरू की।

ISIS कट्टरपंथ और भर्ती मामले में एनआईए ने तमिलनाडु के कोयंबटूर में 21, चेन्नई में 3, तेनकासी में 1, तेलंगाना में हैदराबाद/साइबराबाद में 5 जगहों पर छापेमारी की।

बीते साल कोयंबटूर में कार बम धमाका हुआ था। इस मामले में ISIS मॉड्यूल के ताजा सबूत मिलने के बाद इससे जुड़े लोगों की अचल संपत्तियों पर NIA ये छापेमारी कर रही है। इसका संबंध कोयंबटूर के संदिग्धों से हो सकता है। गौरतलब है कि देश के दक्षिणी राज्यों में ISIS और उसके कारिदें युवाओं को अपने जाल में फँसा कट्टर इस्लामिक आतंकवाद के लिए हथियार बना रहे हैं। बीते साल कोयंबटूर में कार बम धमाका कर इन्होंने दहशत फैलाने की कोशिश की थी। NIA अब इन आतंकियों पर शिकंजा कस रही है।

भारतीय और विदेशी मुद्रा सहित कई डिजिटल उपकरण जब्त

तमिलनाडु के कोयंबटूर में, एनआईए की तलाशी कोवई अरबी कॉलेज के आसपास केंद्रित रही। कॉलेज में पढ़ाई करने वालों और इससे जुड़े लोगों के घर एनआईए की जाँच के दायरे में आ गए हैं। कोयंबटूर निगम डीएमके पार्षद के पति से भी पूछताछ की गई। हालाँकि, एनआईए के अधिकारी पूछताछ के बाद कुछ ही घंटों में पार्षद के घर से चले गए।

NIA ने इस छापेमारी में भारतीय और विदेशी मुद्रा के नोटों सहित कई डिजिटल उपकरण और दस्तावेज जब्त किए। एनआईए के सूत्रों मुताबिक, “तलाशी के दौरान भारतीय मुद्रा में 60 लाख रुपए और 18,200 अमेरिकी डॉलर के अलावा स्थानीय और अरबी भाषाओं में कई आपत्तिजनक किताबें भी जब्त की गईं।” यह मामला “भोले-भाले युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए कुछ लोगों के एक समूह के गुप्त अभियान से जुड़ा है।

अरबी भाषा क्लास के बहाने कट्टरपंथ की पढ़ाई

एनआईए के अधिकारियों ने कहा, “उनके क्षेत्रीय अध्ययन केंद्रों में अरबी भाषा की कक्षाएँ आयोजित करने की आड़ में कट्टरपंथी गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा था। इस तरह की कट्टरपंथी गतिविधियों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और व्हाट्सएप्प और टेलीग्राम जैसे मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए से ऑनलाइन प्रसारित किया जा रहा था।

एनआईए की जाँच से पता चला है कि आईएसआईएस से प्रेरित एजेंट खिलाफत विचारधारा का प्रचार कर रहे थे। ये विचारधारा भारत के धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र के संवैधानिक रूप से स्थापित सिद्धांतों के लिए हानिकारक है।

एनआईए के एक अधिकारी के मुताबिक, “मामले में शामिल लोगों ने युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और भर्ती करने की साजिश रची थी, जो बाद में आतंकवादी और गैर-कानूनी कामों और गतिविधियों में शामिल पाए गए। ऐसा ही एक आतंकी हमला अक्टूबर 2022 के कोयंबटूर कार बम विस्फोट से जुड़ा है।”

प्राचीन मंदिर के सामने आतंकियों ने किया था बम धमाका

एनआईए ने सितबंर की शुरुआत में कोयंबटूर के आईएसआईएस से प्रेरित 2022 के कार आईईडी बम विस्फोट आतंकी हमले में एक आरोपित को गिरफ्तार किया था। इसकी पहचान मोहम्मद अजरुद्दीन उर्फ अजर तौर पर हुई। वह इस मामले में गिरफ्तार होने वाला 13वां शख्स था। एनआईए ने 27 अक्टूबर 2022 को मामला अपने हाथ में लिया और फिर से मामला दर्ज किया।

बीते साल ये धमाका कोयंबटूर के उक्कदम में ईश्वरन कोविल स्ट्रीट पर एक प्राचीन मंदिर अरुल्मिगु कोट्टई संगमेश्वर थिरुकोविल के सामने 23 अक्टूबर को हुआ था। कार में मौजूद इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस को मृतक आरोपी जेम्सा मुबीन चला रहा था।

मुबीन और उसके सहयोगी ने स्वयंभू खलीफा अबू-अल-हसन अल-हाशिमी अल-कुरैशी के लिए ‘बायथ’ या शपथ ली थी। इसके बाद से ही वो साजिश रचने और आतंकी कामों अंजाम देने के लिए कट्टर ISIS विचारधारा के हिसाब से काम कर रहे थे। एनआईए की जाँच के मुताबिक, आरोपितों का इरादा इस आतंकी हमले के जरिए ‘काफिरों (इस्लाम को न मानने वाले) से बदला’ लेने का था।

एनआईए ने अब तक इस मामले में एनआईए कोर्ट, पूनामल्ली, चेन्नई में दो आरोपपत्र दायर किए हैं। इस साल 20 अप्रैल को छह आरोपितों और इसी साल 2 जून को 5 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया था। 12वें आरोपी मोहम्मद इदरीस को इसी साल 2 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया