कारोबारियों से रंगदारी लेकर रिश्तेदारों को डॉक्टर बना रहे नक्सली, NIA ने किया खुलासा: जब्त किए ₹1.13 करोड़, बताया- बिहार में हो रहा माओवादियों को सक्रिय करने का प्रयास

दोबारा से हो रहा माओवादियों को सक्रिय करने का प्रयास

भारत में प्रतिबंधित नक्सली संगठन कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया(माओवादी) को फिर से सक्रिय करने के प्रयास किए जा रहे हैं। ये खुलासा राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) द्वारा मंगलवार को की गई बड़ी कार्रवाई के बाद हुआ। एजेंसी ने प्रेस रिलीज जारी करके बताया कि मगध जोन में नक्सल को बढ़ावा देने के मामले में एक्शन लेते हुए 1.13 करोड़ रुपए जब्त किए।

रिलीज में बताया गया कि इतनी बड़ी राशि को बिहार और झारखंड के व्यापारियों से वसूला गया था ताकि आरोपितों के एक रिश्तेदार की मेडिकल पढ़ाई हो सके। एनआईए ने बताया कि उन्होंने 1.13 करोड़ रुपए राशि जब्त की कार्रवाई 30 दिसंबर 2021 को दर्ज केस में की। एनआई की जाँच में सामने आया कि ये सारा अमाउंट चेन्नई के मेडिकल कॉलेज में डायरेक्ट ट्रांसफर हुआ था ताकि माओवादी आतंकी के एक रिश्तेदार का एडमिशन हो। इन पैसों की ट्रांजैक्शन भी आरोपित के करीबी के बैंक अकॉउंट से किया गया था।

जाँच एजेंसी द्वारा आगे बताया गया कि व्यापारियों से ये पैसा सीपीआई माओवादियों ने वसूला था और जिसे फायदा पहुँचाने के लिए ये सब किया गया था वो एफआईआर में नामजद सीपीआई (माओवादी) आतंकी प्रद्युमन की भतीजी है। इसके अलावा वह तरुण कुमार की बहन और अभिनव उर्फ गौरव उर्फ बिट्टू की चचेरी बहन भी है। ये दोनों आरोपित हैं और दोनों को गिरफ्तार किया जा चुका है। आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र और पूरक आरोप पत्र भी दाखिल हो चुका है।

बता दें कि एनआईए ने पिछले साल 20 जनवरी को रांची में अपनी विशेष अदालत के समक्ष आईपीसी और यूएपी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दो आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। पिछले साल जून में, इसने एक और आरोपित के खिलाफ मामले में अपनी पहली पूरक चार्जशीट दायर की थी, इसके बाद दिसंबर में दो अन्य के खिलाफ दूसरी पूरक चार्जशीट दायर की थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया