अमित शाह के गृह मंत्री बनते ही 5 आतंकियों ने किया सरेंडर, मीरवाइज़ ने भी बदले सुर

गृहमंत्री अमित शाह और मीरवाइज़ उमर फ़ारूक़

एक ओर जहाँ अमित शाह ने आज (जून 1, 2019) गृह मंत्री के रूप में अपना पदभार संभाला, वहीं दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर में कुलगाम जिले के 5 ‘भटके हुए’ नौजवानों ने आतंकवाद और हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण कर दिया। इस बात की जानकारी खुद पुलिस ने दी है।

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पुलिस ने बताया कि अलग-अलग आतंकवादी संगठनों में शामिल हो चुके इन युवकों को परिवार और पुलिस के प्रयासों से मुख्यधारा में लौटा लिया गया है लेकिन अभी सुरक्षा कारणों से उनके नामों का खुलासा नहीं किया गया है।

दरअसल, आतंकियों के आत्मसमर्पण को लेकर पुलिस द्वारा की गई घोषणा के बाद से अब तक बड़ी संख्या में आतंक की राह पकड़ चुके युवक आत्मसमर्पण कर चुके हैं। पुलिस ने स्पष्ट कहा था कि अगर मुठभेड़ के दौरान कोई स्थानीय आतंकवादी आत्मसमर्पण करने की गुजारिश करता है तो उसे स्वीकार लिया जाएगा।

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गौरतलब है आत्मसमर्पण और पुनर्वास की नीति घाटी में सर्वप्रथम 1995 में लाई गई थी। इस नीति की रूपरेखा उसी ‘पुनर्वास प्रोग्राम’ पर आधारित थी जिसे नक्सलियों के लिए शुरू किया गया था।

इसके अलावा खबरों के मुताबिक अमित शाह के गृह मंत्री बनते ही कश्मीर में हुर्रियत नेता मीरवाईज उमर फ़ारूक़ के सुर भी बदलने लगे हैं। अभी तक सरकार की खुलकर आलोचना करना वाले मीरवाइज उमर फारूक ने कहा है कि प्रचंड बहुमत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कश्मीर मुद्दे के समाधान में निर्णायक भूमिका निभाने का मौका दिया है। फारूक ने उम्मीद जताई है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की बातचीत की पेशकश को एनडीए की नई सरकार गंभीरता से लेगी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया