लश्कर आतंकी अली बाबर ने खोली पाकिस्तान की पोल, बताया कैसे पाक सेना और ISI ने ट्रेनिंग देकर कराई घुसपैठ: देखें वीडियो

लश्कर का आतंकी अली बाबर (साभार: रिपब्लिक वर्ल्ड)

भारत में पकड़े गए 19 वर्षीय आतंकवादी अली बाबर ने पाकिस्तान की पोल खोल दी है। कैमरे के सामने आतंकी बाबर ने खुलासा किया कि उसे पाकिस्तानी सेना और आईएसआई ने ट्रेनिंग दी थी।

अली बाबर ने कबूला है कि वह पाकिस्तान से हथियार सप्लाई करने भारत आया था। उसे भारत आने के लिए ISI ने लालच दिया था और पाकिस्तानी सेना ने ट्रेनिंग दी थी। उसने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उसे उसकी माँ के इलाज के लिए 25,000 रुपए की जरूरत थी। मुझे उन्होंने भारत आने के लिए 20 हजार रुपए एडवांस दिए थे। इसके अलावा मेरे परिवार को 30 हजार रुपए दिए थे।

बाबर ने कहा, “पाकिस्तानी सेना के बिना कोई भी आतंकवादी आईएसआई में नहीं घुस सकता। हमें आईएसआई द्वारा फायर आर्म्स और ट्रेनिंग दी गई थी। हमें मिशन के लिए जाने के लिए कहा गया था, मुझे लश्कर द्वारा भर्ती किया गया था। पाक सेना द्वारा घुसपैठ के लिए कुल 6 आतंकियों को लॉन्च किया गया था। ज्यादातर निर्देश पाकिस्तानी सेना के जवानों ने दिए थे।”

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आतंकवादी ने कहा कि भारतीय सेना ने उसके साथ सम्मानजनक व्यवहार किया है। वहीं, पाकिस्तान की सेना गलत सूचना फैलाकर युवाओं का ब्रेनवॉश कर रही है। वह हिंसा और अपने निजी फायदे के लिए जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों की मदद कर रही है।

आतंकी के मुताबिक उन्हें बताया गया था कि इस्लाम खतरे में है। उसने बताया, “मैं गरीब और गुमराह था। मैं एक लड़के से मिला जो लश्कर-ए-तैयबा का था। मेरे पिता की मृत्यु के बाद मैंने काम करना शुरू कर दिया। मेरी एक बड़ी बहन है और मेरे भाई की मृत्यु हो गई है।”

बाबर ने आगे कहा कि पाकिस्तानी सेना के गड़ी हबीबुल्ला मुजफ्फरबाद स्थित खैबर कैंप में फरवरी 2019 में उसे तीन हफ्ते की ट्रेनिंग दी गई थी। इस दौरान कुल 9 पाकिस्तानी लड़कों को उसके साथ ट्रेनिंग दी गई थी। सभी को कश्मीर में जिहाद के लिए तैयार किया गया था। पाकिस्तानी सेना के एक सूबेदार ने मिलिट्री ट्रेनिंग दी। इसके बाद 2021 में एक रिफ्रेशर ट्रेनिंग कोर्स कराया गया था।

बता दें कि आतंकी पिछले 10 दिन से उरी के पास मौजूद एक नाले में छिपा था। मंगलवार (28 सितंबर 2021) को सुरक्षाबलों ने उसे जिंदा पकड़ा था। उसके पास से AK-47 राइफल और चीन-पाकिस्तान निर्मित कई ग्रेनेड बरामद हुए हैं। जीओसी 19 इन्फैंट्री डिवीजन के मेजर जनरल वीरेंद्र वत्स ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया था कि एलओसी पर सेना ने 18 सितंबर को अभियान शुरू किया था। इसमें छह घुसपैठियों का एनकाउंटर हुआ था। इनमें से चार बाड़ के दूसरी तरफ थे, जबकि दो भारतीय क्षेत्र की तरफ आ गए थे। इनमें से एक को ढेर कर दिया गया, जबकि दूसरे को जिंदा पकड़ा गया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया