पाकिस्तान ने आतंकी मसूद अजहर को गुपचुप छोड़ा, निशाने पर सियालकोट-जम्मू-राजस्थान का इलाका

मसूद अजहर की पाक जेल से गुपचुप रिहाई

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने की बौखलाहट में पाकिस्तान ‘एक बड़े हमले’ की साजिश रच रहा है। सियालकोट-जम्मू-राजस्थान का इलाका उसके निशाने पर है। साजिश को अंजाम देने के लिए उसने जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी सरगना मौलाना मसूद अजहर को गुपचुप तरीके से जेल से रिहा कर दिया है।

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) ने राजस्थान के पास सीमा पर अतिरिक्त पाकिस्तानी सैनिकों की तैनाती के बारे में सरकार को सचेत किया है। बताया जा रहा है कि आर्टिकल 370 हटाए जाने की भनक नहीं लगने से पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी आईएसआई पर कार्रवाई करने का बहुत ज्यादा दबाव है। यह एजेंसी के इतिहास की सबसे बड़ी विफलता मानी जा रही है।

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अधिकारियों के मुताबिक आईबी के इनपुट से जम्मू और राजस्थान सेक्टरों से संबंधित सीमा सुरक्षा बलों और सेना को अवगत करा दिया गया है। उन्हें पाकिस्तान आर्मी और आतंकियों के किसी भी सरप्राइज गतिविधि से अलर्ट रहने को कहा गया है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा के ‘किसी भी हद तक जाने की’ धमकियों के बीच यह खबर सामने आई है। 7 सितंबर को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल ने भी बताया था कि करीब 230 आतंकी सीमा पर घुसपैठ की फिराक में हैं। उन्होंने कहा था कि सेना पाकिस्तान के नापाक मंसूबों से कश्मीरियों की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है।

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आईबी इनपुट के मुताबिक अपने मंसूबों को पूरा करने के लिए पाकिस्तान ने चुपचाप अजहर को रिहा कर दिया है ताकि वह अन्य आतंकी संगठनों के साथ मिलकर इसे अंजाम दे सके। पुलवामा में 14 फरवरी को आतंकी हमले के बाद उसे हिरासत में लेने की खबरें सामने आई थी। जैश के इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। जवाब में भारत ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में जैश के शिविर को एयरस्ट्राइक से तबाह कर दिया था।

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2016 के पठानकोट एयरबेस पर हमले सहित भारत में कई आतंकी हमलों में अजहर वांछित है। वह उन चार आतंकियों में शामिल है जिन्हें चार सितंबर को नए यूएपीए कानून के तहत आतंकी घोषित किया गया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया