जेल में बंद कैदियों से करवाएँ बम ब्लास्ट, बदले में मिलेंगे ₹500000: खालिस्तानी आतंकियों के ISI कनेक्शन का भंडाफोड़, हुए कई खुलासे

करनाल से पकड़े गए खालिस्तानी आतंकी (फोटो साभार: इंडिया टुडे)

हरियाणा के करनाल में पकड़े गए खालिस्तान के चार आतंकियों (Khalistani Terrorists) ने पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा किया है। खालिस्तानी चरमपंथ को बढ़ावा देने और आतंकियों को मदद करने में पाकिस्तान (Pakistan) और उसकी कुख्यात खुफिया एजेंसी ISI की भूमिका सामने आई है। पाकिस्तान से आतंकियों को हथियारों की सप्लाई हुई थी।

करनाल से पकड़े गए चारों आतंकी RDX जैसे विस्फोटकों को पहुँचाने के लिए तेलंगाना जा रहे थे, इसी दौरान बीच उन्हें गुरुवार (5 मई 2022) को गिरफ्तार कर लिया गया था। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि पाकिस्तान ड्रोन के जरिए विस्फोटकों, हथगोलों और हथियारों को पंजाब में भेजता था।

आरोपितों ने बताया कि इन्हें अभी तक दो जगहों पर पहुँचाए गए। पहला, अमृतसर-तरनतारन राजमार्ग, जहाँ इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) और हथियार रखे गए थे। आईईडी और ग्रेनेड की दूसरी खेप नांदेड़-हैदराबाद हाईवे पर रखी गई थी। वहीं, तीसरा खेप तेलंगाना के आदिलाबाद में पहुँचाना था। इसे पहुँचाने के दौरान वे करनाल में पकड़े गए।

आरोपित अमनदीप और गुरप्रीत ने आगे बताया कि पाकिस्तान स्थित बब्बर खालसा इंटरनेशनल (Babbar Khalsa International) का आतंकवादी हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा (Harwinder Singh alias Rinda) ड्रोन का इस्तेमाल करके पाकिस्तान से आईईडी और हथियार भेजा था। इसी तरह से सीमा पार से ड्रग्स भी भेजे गए थे।

आरोपितों ने पंजाब में एक डीलर को ड्रोन से भेजी गई दवाओं को बेचकर पैसे हासिल किए थे, जबकि विस्फोटक, हथियार और गोला-बारूद को निर्धारित स्थानों पर पहुँचाया गया था। करनाल पुलिस ने इस ऑपरेशन से जुड़े पंजाब में हवाला ऑपरेटर और बड़े ड्रग तस्कर के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है।

खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, ISI के नये प्रमुख नदीम अंजुम ने भारत में अशांति फैलाने के लिए खालिस्तान आतंकी रंजीत सिंह नीता और वाधवा सिंह बब्बर सहित सभी खालिस्तानी नेताओं से लाहौर में बुलाया था। इसमें उसने कहा था कि भारत में हथियारों को बाँटने के लिए पंजाब के गैंगस्टरों और जेलों में बंध कैदियों का सहारा लें और उन्हें संगठित करने का काम करें।

इसके साथ ही ISI प्रमुख ने इन आतंकियों को कहा कि भारत के जेलों में बंद कुख्यात कैदियों को भारत में ब्लास्ट करने के लिए कहें। उन्हें हर ब्लास्ट के लिए 5 लाख रुपए दिए जाएँगे। केेंद्रीय एजेंसियों को आशंका का है कि इस नेटवर्क के अन्य संदिग्ध पंजाब, तेलंगाना, महाराष्ट्र, दिल्ली, मध्य प्रदेश और राजस्थान में छिपे हो सकते हैं। इन खुलासों को बाद एजेंसियाँ सतर्क हो गई हैं और इनसे जुड़े लोगों का पता लगाने की कोशिश कर रही हैं।

दरअसल, पाकिस्तान के नापाक इरादों का भंडाफोड़ करते हुए हरियाणा की करनाल पुलिस ने विस्फोटक और हथियारों को तेलंगाना पहुँचाने जा रहे चार संदिग्ध ‘खालिस्तानी’ आतंकवादियों को करनाल में पकड़ा था। उनकी इनोवा गाड़ी से हथियार, गोला-बारूद और IED बरामद किए गए थे।

इन आरोपितों की पहचान पंजाब के रहने वाले गुरप्रीत, अमनदीप, परमिंदर और भूपिंदर के रूप में हुई है। इस गाड़ी का इस्तेमाल पहले टैक्सी के रूप में किया जाता था। उनके खिलाफ विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, 1908 और आर्म्स एक्ट की धारा 25, 54 और 59 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने आतंकवाद से जुड़े दो मामलों में राष्ट्रीय राजधानी और उत्तर प्रदेश से IED बरामद किया था। उन्हें पता चला था कि आतंकियों के पास से बरामद विस्फोटक पहले पाकिस्तान से पंजाब पहुँचा था और फिर वहाँ से गुर्गों को भेजे गए थे। वहीं, पंजाब में ठिकाने लगाए गए विस्फोटकों और हथियारों को खोजने का काम तेज हो गया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया