सेजल, नेहा, पूजा, अनामिका… जरूरी नहीं आपके पड़ोस की लड़की ही हो, ये पाकिस्तान की जासूस भी हो सकती हैं: जानिए कैसे ISI के हनी ट्रैप में उलझ रहे सैनिक-वैज्ञानिक

ISI लगातार हनीट्रैप का इस्तेमाल भारत के खिलाफ कर रही है (प्रतीकात्मक चित्र साभार: Odishabytes)

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के जासूस भारत की सुरक्षा में सेंध लगाने के लिए वैज्ञानिकों-इंजीनियरों को निशाना बना रहे हैं। ISI जासूस भारतीय लड़कियों के नाम से सोशल मीडिया पर आईडी बना कर इन वैज्ञानिकों को हनीट्रैप कर रहे हैं। हाल ही में जासूसी के आरोप में उम्रकैद की सजा पाए ब्रम्होस मिसाइल के इंजीनियर निशांत अग्रवाल के साथ भी ऐसा ही हुआ था।

टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के यह जासूस फेसबुक पर सेजल कपूर, नेहा शर्मा, पूजा रंजन, अनामिका शर्मा और अदिति अग्रवाल जैसे भारतीय नामों से फर्जी आईडी बनाते थे। ISI के झाँसे में आने वाले निशांत अग्रवाल ने भी ऐसे ही एक अकाउंट पर भरोसा किया था।

निशांत अग्रवाल ने सेजल नाम की एक फेसबुक आईडी पर भरोसा करके बातचीत चालू की थी। सेजल नाम का यह अकाउंट पाकिस्तान से चलाया जा रहा था। सेजल नाम का यह अकाउंट पाकिस्तान में ISI के अपने सरगनाओं और भारतीय सुरक्षा कर्मियों और वैज्ञानिकों कसे बातचीत कर रहा था। सेजल ने उसे हनीट्रैप कर लिया था।

निशांत अग्रवाल मामले का खुलासा करने वाली उत्तर प्रदेश ATS के एक अधिकारी ने इस मामले में कई जानकारियाँ दी हैं। UP ATS के एक अधिकारी ने बताया है कि सेजल नाम का यह अकाउंट साइबर अटैक के बारे में भी योजना बना रहा था। सेजल ने खुद को इंग्लैंड की एक कम्पनी में भर्ती करने वाले के तौर पर निशांत को बताया था।

निशांत अग्रवाल को सेजल ने बताया था कि वह हेस एविएशन नाम की एक कम्पनी के लिए लोगों को भर्ती कर रही है। इन दोनों की अन्य सोशल मीडिया माध्यमों से भी बातचीत हुई थी। इस दौरान निशांत अग्रवाल के लैपटॉप पर सेजल ने कुछ सॉफ्टवेयर डलवाए थे। इनके नाम क्यूव्हिस्पर, चैट टू हायर और एक्स ट्रस्ट थे।

सेजल ने बताया था कि यह भर्ती प्रक्रिया का एक हिस्सा हैं। असल में यह सॉफ्टवेयर, वायरस थे जो कि अग्रवाल के लैपटॉप से डाटा चुराने के काम में लिए गए थे। निशांत अग्रवाल के लैपटॉप में ब्रह्मोस से जुड़ा हुआ गोपनीय डाटा था, जिसे पाकिस्तानियों ने इन सॉफ्टवेयर के जरिए चुरा लिया।

पाकिस्तानी जासूसों ने वायुसेना के भी दो पूर्व कर्मचारियों से भारतीय सुरक्षा व्यवस्थाओं के विषय में जानकारी जुटाने की कोशिश की थी लेकिन इसमें वह सफल नहीं हुए थे। इनसे भी फर्जी फेसबुक आईडी के जरिए ही जानकारियाँ जुटाए जाने का प्रयास किया जा रहा था। लखनऊ के एक पूर्व वायुसेना कर्मचारी के साथ यह प्रयास किया गया था।

गौरतलब है कि निशांत अग्रवाल को 2018 में उत्तर प्रदेश ATS ने गिरफ्तार किया था। वह भारत के महत्वपूर्ण रक्षा कार्यक्रम ब्रह्मोस का हिस्सा था। यहाँ वह एक सीनियर सिस्टम इंजीनियर था। उसे नागपुर में चले मुकदमे में गोपनीय जानकारियाँ साझा करने का दोषी पाया गया है। उसे हाल ही में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया