BJP-RSS नेताओं पर हमला करने वाले थे ‘रिपोर्टर्स’, PFI ने तैयार किया था दस्ता: ED की चार्जशीट से खुलासा, विदेशों से आ रहा था पैसा

पीएफआई के खिलाफ ईडी की नई चार्जशीट में गंभीर आरोप (फोटो साभार : पायनियर)

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) ने बीजेपी और आरएसएस के नेताओं, कार्यकर्ताओं पर हमले के लिए एलीट टीम बनाई थी, जिन्हें ‘रिपोर्टर’ कहा जाता था। इन ‘रिपोर्टर्स’ को बीजेपी-आरएसएस नेताओं पर हमले के लिए ट्रेंड किया गया था और किस तरह से उनपर हमला बोलना है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपनी सप्लिमेंट्री चार्जशीट में इस बात का खुलासा किया है। ईडी ने ये चार्जशीट दिल्ली के पटियाला हॉउस कोर्ट में दाखिल की है।

आजतक के मुताबिक, ईडी ने अपनी सप्लिमेंट्री चार्जशीट में कहा है कि बीजेपी-आरएसएस के लोगों पर हमले करने के लिए जिस टीम को बनाया गया, उसे ‘रिपोर्टर्स’ कोडनेम दिया गया। इसमें शामिल लोग अपने लक्ष्य की पहचान करने और उन्हें नुकसान पहुँचाने के लिए तैयार किए गए थे।

ईडी ने कथित 120 करोड़ रुपये के धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) मामले में 12 पीएफआई सदस्यों के खिलाफ कोर्ट में सप्लिमेंट्री चार्जशीट दायर की है। इस सप्लिमेंट्री चार्जशीट में ईडी ने बताया है कि पीएफआई ने 120 करोड़ रुपए अपराध के जरिए कमाई थी। इसमें से 60 करोड़ रुपए सीधे पीएफआई के ही खाते में जमा की गई थी।

ईडी ने कहा कि पीएफआई इस धन का इस्तेमाल अवैध गतिविधियों में कर रही थी। जिसमें हिंसा में शामिल पीएफआई कार्यकर्ताओं को घर देना और उनकी शादियों में पैसों की मदद करना शामिल था। ईडी का दावा है कि पीएफआई ने ट्रेनिंग के नाम पर पीएफआई के मेंबर्स को लड़ाई के लिए तैयार किया। उन्हें हत्याओं के लिए तैयार किया गया। यही नहीं, इस तरह की ट्रेनिंग पाए लोगों को अपराधों में शामिल करने के लिए प्रेरित किया गया।

ईडी की चार्जशीट का पन्ना (फोटो साभार : newindian)

ईडी की जाँच मुख्य रूप से फेमा के तहत रुपए के हेरफेर से जुड़ी थी। लेकिन इस जाँच में ये तथ्य सामने आए कि पीएफआई ने अपने सदस्यों को हिंसक घटनाओं में ट्रेंड करने के लिए भी इन पैसों का इस्तेमाल किया गया। हालाँकि पीएफआई इन आरोपों को खारिज करता रहा है। पीएफआई के राष्ट्रीय महासचिव अनीस अहमद का दावा है कि पीएफआई पूरी तरह से भारत में ही संचालित होता है, लेकिन ईडी ने जो चार्जशीट दाखिल की है, उसमें साफ है कि पीएफआई के सैकड़ों सदस्य खाड़ी देशों में काम करते हैं और पैसे इकट्ठे करके भारत में पीएफआई के पास भेजते हैं।

ईडी ने 14,428 लोगों का ऐसा डाटा तैयार किया है, जो विदेशों में रहते हैं। ये डाटा कोझिकोड के यूनिटी हाउस में जब्त हार्ड डिस्क में मिला था। इसमें जिन लोगों के नाम पाए गए, वो सऊदी अरब की राजधानी जेद्दा, रियाद, दम्माम, यूएई से लेकर कतर, बहरीन, कुवैत, ओमान और एशिया के अन्य देशों में काम करते हैं। जो ये बताता है कि पीएफआई का नेटवर्क कितना विशाल है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया