‘7 नवंबर को मतदान कराने के लिए केंद्रों पर ना आएँ अधिकारी’: नक्सलियों ने दी धमकी, PM मोदी की रैली से कुछ घंटे पहले 3 ग्रामीणों की हत्या

छत्तसीगढ़ में नक्सली हमला और पीएम मोदी की रैली (साभार: PTI & ANI)

छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी सभा से ठीक पहले नक्सलियों ने गुरुवार (2 नवंबर 2023) को तीन ग्रामीणों को मौत के घाट उतार दिया। नक्सलियों ने मृतकों पर पुलिस का मुखबिर होने का आरोप लगाया था। इस मामले में नक्सलियों की जन अदालत लगाई और मौत की सजा का फैसला देते हुए तीनों का गला रेत डाला गया।

गौरतलब है कि पीएम मोदी ने गुरुवार को चुनावी राज्य छत्तीसगढ़ में एक रैली को संबोधित किया। चुनावी कार्यक्रम के ऐलान के बाद कॉन्ग्रेस शासित इस राज्य में पीएम मोदी की संभवत: यह पहली सार्वजनिक रैली है। पीएम की रैली दोपहर तीन बजे से कांकेर शहर में हुई।

इस जिले में चुनाव के पहले चरण में मतदान होना है। इससे पहले ही नक्सलियों ने धुर नक्सल प्रभावित मोरखंडी गाँव में तीन ग्रामीणों की हत्या कर दी। नक्सलियों ने चुनाव अधिकारियों को सात नवंबर को मतदान कराने के लिए मतदान केंद्रों पर नहीं जाने की भी चेतावनी दी है। बता दें कि छत्‍तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव दो चरणों- 7 और 17 नवंबर को मतदान होना है। नतीजे 3 दिसंबर को आएँगे।

शुरुआती जानकारी देते हुए पुलिस ने कहा कि महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले से सटे छोटे बेठिया पुलिस स्टेशन (कांकेर) के मोरखंडी गाँव में नक्सलियों ने इस वारदात को अंजाम दिया। इस गाँव के रहने वाले 35 साल के कुल्ले कटलामी, 22 साल के मनोज कोवाची और 27 साल के डुग्गे कोवाची की नक्सलियों ने बुधवार 1 नवंबर और गुरुवार 2 नवंबर की दरमियानी रात को हत्या कर दी।

अधिकारियों के मुताबिक, महाराष्ट्र की सीमा से सटे इस गाँव के तीनों ग्रामीणों पर नक्सलियों को महाराष्ट्र पुलिस के लिए मुखबिरी करने का शक था। इसी वजह से तीनों ग्रामीणों की हत्या कर दी। घटनास्थल पर फेंके गए पर्चे में माओवादियों ने दावा किया कि तीनों महाराष्ट्र पुलिस की विशिष्ट नक्सल विरोधी इकाई सी-60 के लिए मुखबिर के तौर पर काम कर रहे थे।

एक अधिकारी ने पहले बताया था कि राज्य के बीजापुर जिले में एक 40 साल के व्यक्ति मुचाकी लिंग की नक्सलियों ने पुलिस मुखबिर होने का आरोप लगाकर हत्या कर दी। उन्होंने बताया कि बुधवार और गुरुवार की दरमियानी रात को नक्सलियों ने मुचाकी की रस्सी से गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद उसकी लाश को जिले के गलगाम और नदपल्ली गाँवों के बीच सड़क किनारे फेंक दिया।

मीडिया रिपोर्टों में एक अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि नक्सलियों ने चुनाव अधिकारियों को सात नवंबर 2023 को मतदान करवाने के लिए मतदान केंद्रों पर न जाने की चेतावनी भी जारी की है। इस पर बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने कहा कि चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से हों, इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएँगे।

उन्होंने कहा कि बीते चार दशकों में नक्सली 1,700 से अधिक निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतारने के साथ ही करोड़ों रुपए की सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुँचा चुके हैं। बस्तर के मूल निवासी नक्सलियों के इस विनाशकारी रवैये से निराश और नाराज हैं। ये लोग अब सकारात्मक माहौल की आस में हैं।

गौरतलब है कि इसी साल 26 अप्रैल को छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर पिछले कुछ वर्षों का सबसे सबसे बड़ा हमला किया था। ये हमला नक्सलियों ने दंतेवाड़ा के अरनपुर में जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के जवानों पर घात लगाकर किया था। इसमें 10 जवानों सहित एक ड्राईवर की जान चली गई थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया