कैम्प लगा कर हथियारों की ट्रेनिंग दे रहे थे आसिफ-सादिक, भारत को इस्लामी मुल्क बनाने के लिए जुटा रहे थे धन: PFI मामले में NIA की पहली चार्जशीट

पीएफआई के खिलाफ एनआईए की पहली चार्जशीट (फाइल फोटो साभार आजतक)

‘केंद्रीय जाँच एजेंसी एनआईए (NIA)’ ने प्रतिबंधित संगठन पीएफआई (PFI) के 2 सदस्यों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। राजस्थान की अदालत में मोहम्मद आसिफ और सादिक सर्राफ के खिलाफ यह चार्जशीट दायर की गई है। बताया जा रहा है कि केंद्रीय जाँच एजेंसी ने सितंबर 2022 में दोनों आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया था।

आरोप पत्र (charge sheet) के अनुसार मोहम्मद आसिफ और सादिक सर्राफ पीएफआई के लिए नए सदस्यों की भर्ती के साथ-साथ नौजवानों का ब्रेनवॉश कर उन्हें कट्टर बनाने का काम कर रहे थे। मोहम्मद आशिफ कोटा का जबकि सादिक बाराँ का रहने वाला है। चार्जशीट में बताया गया है कि दोनों मुस्लिम नौजवानों को इस्लाम खतरे में होने का डर भर कर उन्हें जिहाद (धार्मिक लड़ाई) के लिए उकसा रहे थे।

चार्जशीट के मुताबिक, दोनों आरोपित भर्ती किए गए नौजवानों को कैंप लगाकर हथियार और बम चलाने की ट्रेनिंग भी दे रहे थे। इसके अलावा दोनों की जिम्मेदारी धन जुटाना और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए नौजवानों को उकसाना था। दोनों आरोपितों की कोशिश हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच भावनाओं को भड़काकर दुश्मनी पैदा कर दंगे कराने की थी। दोनों का उद्देश्य साल 2047 तक भारत में इस्लाम का शासन स्थापित करना था। पीएफआई के मामले में NIA का यह पहला आरोप पत्र है।

बता दें कि एनआईए प्रतिबंधित संस्था पीएफआई के खिलाफ कई मामलों में जाँच कर रही है। कुछ दिन पहले ही पीएफआई के हवाला नेटवर्क का खुलासा करते हुए एनआईए ने पाँच लोगों को गिरफ्तार भी किया था। देश में सीएए विरोधी प्रदर्शनों में इस संगठन पर हिंसा भड़काने के आरोप लगे थे। पीएफआई को स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) का ही नया रूप बताया जाता है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया