‘कश्मीर छोड़ो-दिल्ली पहुँचो’: आतंकियों से सिख फॉर जस्टिस, बोला पन्नू- 26 जनवरी को मोदी और तिरंगा को ब्लॉक करें

सिख फॉर जस्टिस ने एक वीडियो जारी कर कश्मीर में इस्लामिक आतंकवादियों को 26 जनवरी को दिल्ली पहुंचने और खालिस्तान और कश्मीर के झंडे उठाने को कहा

खालिस्तानी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस (SFJ)’ के प्रमुख गुरुपतवंत सिंह पन्नू (Gurupwant Singh Pannu) ने 20 जनवरी 2022 (गुरुवार) को एक वीडियो जारी किया। इसमें उसने कथित ‘कश्मीरी स्वतंत्रता सेनानियों’ से गणतंत्र दिवस के मौके पर घाटी छोड़कर दिल्ली पहुँचने की अपील की। वीडियो में पन्नू ने देश को तोड़ने की कोशिश करने वाले अलगाववादियों और आतंकियों को ‘स्वतंत्रता सेनानी’ करार दिया है। उसका यह बयान खालिस्तान के लिए ‘अभी या कभी नहीं’ की तर्ज पर था।

प्रोपेगैंडा वीडियो की शुरुआत में बुर्का पहने हुए एक महिला दिखती है। इसमें वो कहती है, “26 जनवरी को हम कश्मीर और खालिस्तान का झंडा उठाकर मोदी और तिरंगे का रास्ता रोक देंगे। 26 जनवरी को दिल्ली पहुँचें। कश्मीर और खालिस्तान को आजाद करें।”

SFJ के वीडियो का स्क्रीनशॉट

महिला के इस स्पीच के बाद पन्नू नजर आता है। वो कहता है, “यह संदेश इंडियन आर्मी का सामना कर रहे कश्मीरी लोगों और स्वतंत्रता सेनानियों (इस्लामी आतंकियों) के लिए है। ये संदेश कश्मीर के उन लोगों के लिए है, जिन्हें भारतीय संविधान और इंडियन आर्मी फेक एनकाउंटर के जरिए मार रही है। ये फ्रीडम फाइटर्स का वक्त है। ये वक्त है कश्मीर के लोगों का। आप सब 26 जनवरी को दिल्ली पहुँचकर मोदी और तिरंगा को ब्लॉक करें। जहाँ सिख समुदाय खालिस्तान के झंडे लहरा रहा है, वहाँ आपको कश्मीर का झंडा उठाना चाहिए।”

अपने प्रोपेगैंडा वीडियो में पन्नू कहता है, “दुनिया में किसी को कोई खबर नहीं है कि आप हर दिन बारामुला, अनंतनाग और शोपियाँ में फर्जी मुठभेड़ों में मारे जा रहे हैं। लेकिन 26 जनवरी को जब आप दिल्ली पहुँचोगे तो दुनिया ये देखेगी कि कश्मीर को आजादी चाहिए। 26 जनवरी को दिल्ली पहुँचना है। सिख आजादी चाहते हैं। अभी नहीं तो कभी नहीं।” उसकी स्पीच के दौरान वीडियो में इस्लामी आतंकियों को भी दिखाया गया है।

SFJ के वीडियो का स्क्रीनशॉट

SFJ के पन्नू के बयान के बाद बुर्के वाली महिला एक बार फिर से वीडियो में दिखती है। वो कहती है, “मेरे कश्मीरी भाइयों और बहनों। सिख फॉर जस्टिस ने सही कहा है कि 26 जनवरी को कश्मीर और खालिस्तान का झंडा फहराकर हमें मोदी और तिरंगे को रोकना चाहिए। कश्मीर को आजाद कराने के लिए हमने अपना खून दिया है। अब समय आ गया है कि जब हम सिख भाई-बहनों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर पंजाब और कश्मीर को आजाद कराने के लिए कश्मीर और खालिस्तान का झंडा उठा लें और तिरंगे को उखाड़ फेंकें। ये संदेश कश्मीर के मेरे भाइयों और बहनों के लिए है। 26 जनवरी को दिल्ली पहुँचें। मुक्त कश्मीर और खालिस्तान। मोदी और तिरंगा को रोको।”

पन्नू ने ये भी कहा कि पहले भारत के संविधान के तहत सिखों की हत्याएँ की जाती थीं, लेकिन उसी संविधान की आड़ लेकर अब कश्मीर के लोगों की हत्या की जा रही है। खास बात ये कि वीडियो में पन्नू के बाईं ओर के फ्रेम में आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का पूर्व कमांडर आतंकी बुरहान वानी भी दिखाई देता है। बता दें कि हिजबुल के पोस्टरब्वॉय को 8 जुलाई 2016 को इंडियन आर्मी ने ढेर कर दिया था।

SFJ के वीडियो का स्क्रीनशॉट

पीएम मोदी और सेना को कोसा

खालिस्तानी आतंकी ने देश में अपराधों के लिए भारतीय सेना, संविधान और पीएम मोदी को कोसा। उसने कहा, “दिन-रात छोटे बच्चों और लड़कियों के साथ रेप किया जा रहा है। इसके लिए इंडियन आर्मी, भारतीय संविधान और मोदी जिम्मेदार हैं। अनुच्छेद 370 हटाकर आपको भारत का हिस्सा बना दिया गया। अभी आपके पास वक्त है, विश्व को संदेश देना चाहते हैं तो बारामूला, अनंतनाग और शोपियाँ में मुठभेड़ों में मत मरो। हथियार उठाकर अपनी जान मत दो। दिल्ली पहुँचो, ताकि दुनिया की हर ताकत, वर्ल्ड मीडिया और वर्ल्ड लीडर ये देखे कि कश्मीर आजादी चाहता है। अभी नहीं तो कभी नहीं। खालिस्तान के झंडे के साथ कश्मीर का झंडा उठाएँ।”

इसके साथ ही एसएफजे ने एक पत्र भी रिलीज किया है, जिसमें उसने आतंकियों और अलगाववादियों से दिल्ली पहुँचने की अपील की है। इसमें बुर्के में नजर आने वाली महिला को पीओके के मुजफ्फराबाद की एक महिला कार्यकर्ता बताया गया है। लेटर में लिखा गया है, “मुजफ्फराबाद स्थित एक महिला कार्यकर्ता के साथ अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने #खालिस्तान2कश्मीर स्वतंत्रता आंदोलन का अंतरराष्ट्रीयकरण करने के लिए कश्मीर के स्वतंत्रता सेनानियों को भारत के गणतंत्र दिवस पर 26 जनवरी को ‘घाटी छोड़ो, दिल्ली पहुँचो’ अभियान के तहत ‘मोदी-तिरंगा को ब्लॉक’ करने का आह्वान किया।”

SFJ के द्वारा जारी पत्र

पत्र में एसएफजे के काउंसल जनरल पन्नू ने बुर्के वाली महिला के साथ मिलकर कश्मीर में स्वतंत्रता संग्राम छेड़ने का आह्वान किया और कहा कि अनुच्छेद 370 को समाप्त करने और खालिस्तान जनमत संग्रह में मतदान के साथ #खालिस्तान2कश्मीर आंदोलन ‘अभी या कभी नहीं’ के चरण में प्रवेश कर गया है। इसके लिए उसने 26 जनवरी को इंडिया गेट और लाल किले पर कश्मीर-खालिस्तान के झंडे लगाने का आह्वान किया है।

‘अभी नहीं तो कभी नहीं’ पाकिस्तान की ISI का खालिस्तान के लिए प्रोपेगैंडा

गौरतलब है कि पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर हाल ही में खुफिया विभाग ने चौकन्ना किया था कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) पंजाब में अशांति फैलाकर चुनाव प्रक्रिया को बाधित करना चाहती है। इसके लिए उसने अपने आतंकी संगठनों को सक्रिय कर दिया है। दरअसल, आईएसआई सोचती है कि मौजूदा पंजाब का विधानसभा चुनाव खालिस्तान चरमपंथ के उभार के लिए ‘अभी नहीं तो कभी नहीं’ के जैसा है। ISI ने न केवल पंजाब, बल्कि उत्तर प्रदेश में भी अपने आतंकी मॉड्यूल के जरिए पंजाब में खालिस्तानी फुटप्रिंट्स को आगे बढ़ा रहा है।

यहीं नहीं, 17 जनवरी 2022 को तो खालिस्तानी आतंकी संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में उसके खिलाफ मामला दर्ज कराने की कोशिश करने वाले वकीलों को भी परिणाम भुगतने की धमकी दी थी। टेरर ऑर्गनाइजेशन के धमकी दी थी कि वो गणतंत्र दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तिरंगा नहीं फहराने देगा। इससे पहले पंजाब में पीएम मोदी के काफिले को रोकने की जिम्मेदारी भी एसएफजे ने ही ली थी। इसी तरह से पिछले साल 13 जनवरी 2021 को एसएफजे ने लाल किले पर खालिस्तानी झंडा फहराने वाले को 1.8 करोड़ रुपए का ईनाम देने का ऐलान किया था। इसके बाद 26 जनवरी 2021 को कथित किसान प्रदर्शनकारियों ने सिखों के पवित्र चिन्ह के साथ दो झंडे फहराए।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया