LoC पार से बड़ी खबर: PoK के नेताओं ने पाक के विरुद्ध खोला मोर्चा, UN में आत्मघाती हमलों का किया खुलासा

जेनेवा में UNHRC की बैठक (फोटो साभार: ANI)

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से बड़ी ख़बर आई है, जो पाकिस्तान की पोल खोलती नज़र आ रही है। वैसे तो पाकिस्तान, आईएसआई और पाकिस्तानी सेना द्वारा आतंकवाद को बढ़ावा देना किसी से छिपा नहीं है लेकिन अब पाक अधिकृत कश्मीर के नेताओं ने भी इसे लेकर आवाज़ उठाई है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 40वें सेशन के दौरान चल रहे कार्यक्रम में कहा कि पाकिस्तानी सेना भारत के ख़िलाफ़ एक प्रॉक्सी वॉर चला रही है। यूनाइटेड कश्मीर पीपल्स नेशनल पार्टी (UKPNP) के अध्यक्ष सरदार शौकत अली कश्मीरी ने इस्लामाबाद को पाकिस्तानी आतंकियों व आतंकी कैम्पों पर कड़ी कार्रवाई करने को कहा। कट्टरवाद और आतंकवाद से जुड़े ख़तरों की चर्चा करते हुए कश्मीरी ने कहा कि न सिर्फ़ कश्मीर बल्कि पूरा विश्व इस संकट को झेल रहा है।

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उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना कश्मीरियों को इस बात के लिए उकसा रही है कि अब वे हलके-फुल्के हथियारों का प्रयोग न कर के भारत के ख़िलाफ़ आत्मघाती हमलों को अंजाम दें। ऐसा पाकिस्तानी सेना के रिटायर्ड जनरलों द्वारा खुलेआम प्रचारित किया जा रहा है। कश्मीरियों को आतंकी बनने के लिए उकसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ये काफ़ी भयानक स्थिति है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में विभिन धर्मों, सामाजिक संरचनाओं व संस्कृतियों का समावेश है और यहाँ की जनता इन सबके साथ शांतिपूर्वक ढंग से रहना चाहती है। अगर पाकिस्तान ने यूँ ही आतंकवाद और कट्टरवाद को बढ़ावा देना जारी रखा तो राज्य को धर्म के आधार पर हज़ार हिस्सों में टूटने से कोई नहीं रोक सकता क्योंकि कश्मीर में हिन्दू, मुस्लिम, बौद्ध- सभी हैं।

पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए मज़हब का सहारा लेने की बात करते हुए शौकत ने कहा:

“अतिवाद से किसी भी व्यक्ति का भला नहीं हुआ है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान अपनी बुद्धि खो कर आतंकवाद को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करता रहा है। वे मज़हब का इस्तेमाल कर रहे हैं, आतंकवाद का इस्तेमाल कर रहे हैं और यही कारण है कि आज पूरा पाकिस्तान इस से पीड़ित है। पाकिस्तान के नागरिकों व समाज की आवाज़ मुल्लाओं एवं आतंकवादियों द्वारा दबा दी जाती है। क्यों? अगर कोई भी संस्था मानवाधिकार उल्लंघन और आतंकवाद के ख़िलाफ़ शांतिपूर्वक प्रदर्शन करता है तो ये मुल्ले प्रदर्शनकारियों पर हमले करते हैं। हम बहुत गंभीर स्थिति में हैं। इसीलिए, हम संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद और विश्व समुदाय से हस्तक्षेप करने की माँग करते हैं। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में एक फैक्ट-चेकिंग मिशन भेजा जाए तो वहाँ फल-फूल रहे आतंकी कैम्पों पर कार्रवाई करने के लिए पाकिस्तान को विवश करे।”

पाक अधिकृत कश्मीर के एक अन्य मानवाधिकार कार्यकर्ता मिस्फर हसन ने कहा कि पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर- जहाँ भी आतंकी कैम्प फल-फूल रहे हैं, उन्हें तबाह कर दिया जाना चाहिए। पाकिस्तान सरकार को जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए इन ‘नॉन-स्टेट एक्टर्स’ पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि वे न सिर्फ़ क्षेत्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय शांति को भी ख़त्म कर रहे हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया