इंटरनेट ट्रोल ध्रुव राठी ने साध्वी प्रज्ञा के बहाने पर्रिकर का उड़ाया मजाक, वामपंथी लम्पटों ने दिया साथ

ध्रुव राठी (फाइल फोटो)

कहते हैं घृणा इंसान के विवेक का नाश कर देती है। आज राजनीति इस मोड़ पर आ चुकी है कि अब देश के विकास पर बात न होकर तमाम फर्जी मुद्दों से वोटर का ध्यान भटकाने की, उसे झूठे आरोपों और झूठी खबरों से बरगलाने की कोशिश की जा रही है। इसमें कोई एक नहीं तमाम तथाकथित लिबरल कॉन्ग्रेसी, वामपंथी से लेकर तमाम प्रोपेगेंडा मठाधीश शामिल हैं।

आज एक तरफ अनर्गल राजनीतिक बयानबाजी ने जोर पकड़ा है तो वहीं दूसरी तरफ मोदी की राजनीतिक सफलता से कुढ़न महसूस करते-करते, नफ़रत और घृणा की आग में जलते ये वामपंथी प्रोपेगेंडा पक्षकार संवैधानिक सस्थाओं का मजाक बनाते-बनाते, हदें पार करते हुए अपने कुत्सित प्रयासों में दिवंगत मनोहर पर्रीकर को भी घसीट लाए।

प्रधान मंत्री मोदी के लिए उनकी नफ़रत में, ध्रुव राठी ने गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री, जो कैंसर से पीड़ित थे और एक लंबी बीमारी के बाद जिनका पिछले महीने निधन हो गया, पर कटाक्ष करते हुए, ध्रुव राठी ने कहा कि ‘चौकीदारों’ को अब एक बहाना ढूँढना होगा कि क्यों ‘पर्रिकरजी कैंसर के इलाज के लिए गोबर वाला नुस्खा नहीं आज़मा सके।’

https://twitter.com/dhruv_rathee/status/1120603361777156096?ref_src=twsrc%5Etfw

दरअसल राठी भाजपा और उसके समर्थकों को साध्वी प्रज्ञा को चुनने के लिए भड़काने की कोशिश कर रहा था जबकि एनआईए के क्लीन चिट देने के बाद, 8 साल की हिरासत के बाद जमानत दी गई है। राठी ने फिर से हिंदुओं का मज़ाक उड़ाते हुए अपनी हिंदू घृणा को प्रदर्शित किया कि ‘चौकीदारों’ को जस्टिफाई करना है कि ‘गोबर’ (गाय का गोबर) कैंसर का इलाज कर सकता है। साध्वी प्रज्ञा ने गायों और गोमूत्र के लाभों का उल्लेख किया था कि कैसे गोमूत्र में ऐसे रसायन होते हैं जो कैंसर का इलाज कर सकते हैं। जबकि गोमूत्र कैंसर का इलाज कर सकता है या नहीं? यह बहस का विषय हो सकता है, हालाँकि डॉक्टरों ने सहमति व्यक्त की है कि इसका औषधीय महत्व है।

हिंदुओं का मज़ाक उड़ाने के लिए राठी ने साध्वी प्रज्ञा के स्टेटमेंट को ट्विस्ट कर लिखा कि साध्वी प्रज्ञा ने अपने कैंसर को ठीक करने के लिए गाय के गोबर का सेवन किया। इतना ही नहीं इसके बाद उसने गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का मजाक उड़ाया और कहा कि उन्होंने अपने कैंसर को ठीक करने के लिए ‘गोबर’ का इस्तेमाल क्यों नहीं किया।

प्रोपेगेंडा फ़ैलाने वाला यह पूरा तंत्र कितना मजबूत है इसे जानने के लिए यह जानना आवश्यक है उसके ट्वीट को लगभग 5,500 बार रीट्वीट किया गया और लगभग 19,000 लोगों ने ‘लाइक’ किया। यह ऐसे लोगों का जमावड़ा भी दिखाता है कि मोदी से नफरत में वे अपनी बुनियादी मानवीय शालीनता को भी खत्म करने के लिए तैयार हैं और कैंसर से मरने वाले व्यक्ति का जान बूझकर मजाक उड़ाते हुए ट्विटर पर कई लोगों ने भद्दे और अप्रिय कमेंट किया।

https://twitter.com/Iyervval/status/1120698636881543172?ref_src=twsrc%5Etfw

ट्विटर उपयोगकर्ताओं, विशेषकर जिन्होंने घातक बीमारी में अपने निकट और प्रियजनों को खो दिया है, ने इस अप्रिय ट्वीट के लिए अपनी नाराजगी भी व्यक्त की।

https://twitter.com/shreyaspai7/status/1120635991126093824?ref_src=twsrc%5Etfw

राठी की भाषा शैली में, पुलवामा आतंकी हमले को अंजाम देने वाले आतंकवादी अहमद डार द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा जैसी है। डार ने गोमूत्र पीने वालों को मारने की कसम खाई थी।

राठी ऐसी बद्तमीजी करने वाला एकमात्र व्यक्ति नहीं है कि कैसे पर्रिकर को उनके कैंसर का इलाज करने के लिए गोमूत्र दिया जा सकता है।

https://twitter.com/jairajp/status/1120527215572205568?ref_src=twsrc%5Etfw

जयराज पी, भाजपा-विरोधी ट्रेंडिंग हैशटैग को बढ़ावा देने वाला एक प्रमुख नाम, जिसे विभिन्न कॉन्ग्रेस नेताओं के साथ-साथ आधिकारिक कॉन्ग्रेस के ट्विटर अकाउंट द्वारा भी फॉलो किया जाता है।

https://twitter.com/lindsaypereira/status/1107299583368065025?ref_src=twsrc%5Etfw https://twitter.com/DwaipayanM/status/1014579118619234304?ref_src=twsrc%5Etfw

इससे पहले, कॉन्ग्रेस-समर्थक ट्रोल संजुक्ता ने भी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की किडनी बीमारी का मज़ाक उड़ाया था और सुझाव दिया था कि उन्होंने गोमूत्र के बजाय आधुनिक चिकित्सा की मदद क्यों ली।

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एक अजीबोगरीब हरकत में उसने एक बार अपनी तस्वीर पोस्ट करते हुए पीएम मोदी समर्थकों से गोमूत्र पीने की अपील की थी।

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यह पहली बार नहीं है जब राठी जैसे तथाकथित लिबरल्स और वामपंथियों ने हिंदुओं को नीचा दिखाने के लिए ‘गोमूत्र’ या ‘गोबर’ का उपयोग किया है।

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‘पक्षकार’ सागरिका घोष ने हिंदुत्व के लिए रचनात्मक व्यंजना के रूप में गौशाला का फिर से इस्तेमाल किया है।

https://twitter.com/sagarikaghose/status/736031998402269184?ref_src=twsrc%5Etfw https://twitter.com/sagarikaghose/status/961438251935588353?ref_src=twsrc%5Etfw

गाली-गलौज तक पर उतारू ट्रोल स्वाति चतुर्वेदी भी नियमित रूप से हिंदुओं को अपमानित करने के लिए गौमूत्र शब्द का दुरुपयोग करती है।

https://twitter.com/bainjal/status/866594762119237632?ref_src=twsrc%5Etfw https://twitter.com/bainjal/status/866587764967358464?ref_src=twsrc%5Etfw https://twitter.com/bainjal/status/873395216677457920?ref_src=twsrc%5Etfw

हमने अक्सर देखा है कि कैसे ‘ब्राह्मणवाद’ का उपयोग हिंदुओं को नीचा दिखाने के लिए किया जाता रहा है। हमने यह भी देखा है कि जब भी ‘धर्मनिरपेक्ष’ वामपंथी पक्षकार नेटवर्क हिंदुओं और उनके धार्मिक प्रतीकों को अपमानित करने के लिए मुस्लिमों को ढाल बनाने की कोशिश करता है। इसके लिए हिंदुओं को “गौ मूत्र पीने वालों” के रूप में संदर्भित करना इन लिबरलों के लिए असामान्य नहीं है।

खैर, यह न पहली बार है और न आखिरी, मोदी से नफ़रत में कॉन्ग्रेस की गोद में शरण खोजते ये सभी वामपंथी लिबरल पक्षकार शायद ही कभी अपनी हरकतों से बाज आएँ, यह जब-तब हिन्दू धार्मिक प्रतीकों, उनकी आस्थाओं, कर्मकांडों का मजाक बनाने में ही चरम सुख ढूँढते रहेंगे। लेकिन अब जनता इनके हर प्रोपेगेंडा का उतनी ही तत्परता से जवाब देती है। इनका हर झूठ इनकी मक्कारी का गवाही देता है। पकड़े जाने पर अक्सर अपना पोस्ट या ट्वीट डिलीट कर ये बचने की कोशिश करते हैं। लेकिन अपने गलतियों की माफ़ी ये पूरा गिरोह कभी नहीं माँगता।

शायद इन्हें भी पता है कि किसी एक व्यक्ति से घृणा और कॉन्ग्रेस या केजरी की आप में शरण ढूँढते इन प्रोपेगेंडा ट्रोलों, पक्षकारों को माफ़ी नहीं मिलने वाली और जब तक मोदी सरकार है तब तक इनका देश-विरोधी एजेंडा भी धरा ही रहेगा। तो अपने डूबते अस्तित्व को बचाने के लिए ये सभी वामपंथी, लिबरल गिरोह डूबती हुई नाव कॉन्ग्रेस को कन्धा देने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। चाहे इसके लिए सामान्य मानवीय संवेदनाओं की ही हत्या क्यों न करनी पड़े।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया