बलिदानी रतनलाल का राजकीय सम्मान के साथ दाह संस्कार: 7 वर्षीय बेटे राम ने दी मुखाग्नि

राजस्थान के सीकर में हुआ बलिदानी रतनलाल का अंतिम संस्कार

दिल्ली हिंसा में वीरगति को प्राप्त हुए हेड कान्स्टेबल रतनलाल का आज राजस्थान में उनके पैतृक गाँव में अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान अंतिम दर्शन पाने के लिए क्षेत्र से हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी। वहीं 7 वर्षीय बेटे द्वारा पिता को दी गई मुखाग्नि को देख हर किसी की आँखें नम हो गई। रतनलाल की अंतिम यात्रा के दौरान भारत माता की जय, वंदे मातरम और शहीद रतनलाल अमर रहें जैसे नारे गूँजते रहे।

बुधवार को राजस्थान के सीकर के जवान रतनलाल का शव अंतिम संस्कार के लिए पैतृक गाँव तिहावली पहुँचा ऐसे ही गाँव में लोगों का हुजूम लग गया। घंटों लोगों ने रतनलाल के अंतिम दर्शन किए। इसके बाद पूरे राजकीय सम्मान कि साथ अंतिम संस्कार किया गया। बलिदानी रतनलाल को सात वर्षीय बेटे राम ने मुखाग्नि दी, जिसे देख हर किसी की आँखे नम हो गई।

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इससे पहले रतनलाल को शहीद का दर्जा न देने की ग्रामीणों ने शव को लेने से इंकार कर दिया था। इसके बाद मौके पर पहुँचे सीकर सांसद सुमेधानंद सरस्वती ने गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी से बात की। जहाँ से जवान रतनलाल को शहीद का दर्जा दिलाने और एक करोड़ के मुआवजे की घोषणा के बाद ही ग्रामीणों ने रतनलाल का शव लिया। वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने हेड कान्स्टेबल रतनलाल की पत्नी को शोक संदेश भेजा और कहा कि पूरा देश इस दुख की घड़ी में बहादुर पुलिसकर्मी के परिवार के साथ है। उन्होंने कर्तव्य निभाते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया है।

बता दें कि राजस्थान के सीकर निवासी मृतक हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल वर्ष 1998 में कॉन्स्टेबल के पद पर दिल्ली पुलिस में भर्ती हुए थे। सोमवार को दिल्ली के गोकुलपुरी में हुई सीएए के नाम पर हुई हिंसा में हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल बुरी तरह जख्मी हो गए थे। गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराए गए जवान ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। रतनलाल की मौत की खबर जैसे ही उनकी पत्नी पूनम को मिली, वह बेहोश हो गईं। देखते ही देखते उनके घर भीड़ जमा हो गई। रतनलाल की दो बेटियाँ और एक बेटा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया