ड्रग्स की तस्करी में लिप्त 2 रोहिंग्या गिरफ़्तार, मिला आधार कार्ड भी

अवैध रूप से भारत में रह रहे रोहिंग्याओं को लगातार उनके देश वापस भेजने की माँग होती है

हैदराबाद के राचाकोंडा पुलिस ने दो रोहिंग्या मुसलामानों को ड्रग्स के साथ पकड़ा है। पुलिस ने उनके पास से ड्रग्स एवं नारकोटिक्स भी बरामद किए हैं। पकड़े गए दोनों रोहिंग्याओं के नाम अबीबुस रहमान और मोहम्मद रहीम बताया गया। पुलिस ने उनके पास से याबा ड्रग्स की 1400 टेबलेट्स बरामद की। इसे 150 रुपए प्रति टेबलेट के हिसाब से बेचा जा रहा था। बता दें कि ख़तरनाक याबा ड्रग्स भारत में पूरी तरह से बैन हैं। हैदराबाद में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब शहर में इस तरह की आपराधिक गतिविधियाँ सामने आ रही हैं।

ख़बरों के अनुसार पुलिस को सूचना मिली थी कि दो रोहिंग्या शहर में ड्रग्स तस्करी की गतिविधियों में संलिप्त हैं। इसके आधार पर बालापुर पुलिस स्टाफ ने इन दोनों को पकड़ा और इनकी तलाशी ली। तलाशी में पुलिस को बड़ी सफलता मिली और इन्हे रंगे हाथो गिरफ़्तार कर लिया गया।

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पुलिस कमिश्नर महेश भगत ने समाचार एजेंसी एनआईए को इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए बताया कि थाईलैंड और म्यांमार से तस्करी कर लाए जाने वाले इस ड्रग्स को ‘मैड ड्रग्स’ भी कहा जाता है। याबा ड्रग कैथरीन और मेथामफेटामाइन जैसे रासायनिक पदार्थों का ख़तरनाक मिश्रण होता है जोकि एक नशीली दवा है। अधिक जानकारी देते हुए पुलिस कमिश्नर ने बताया;

“मोहम्मद रहीम के पास से एक आधार कार्ड भी सीज किया गया है, जिसमें उत्तर प्रदेश का पता मौजूद था। ज़ब्त किए गए सामान की कुल क़ीमत 2 लाख रुपए से ज़्यादा बताई जा रही है।”

फ़िलहाल, पुलिस द्वारा इस मामले को धारा-8C के अंतर्गत दर्ज़ किया गया। इसमें आरोपितों पर एनडीपीएस एक्ट 1985, 199, 200, आईपीसी 420 धाराएँ लगाई गईं। पुलिस इस बात की जानकारी जुटाने में लगी हुई है कि आख़िर ये ड्रग्स कहाँ से लाया जाता है।

दरअसल, रोहिंग्या मुस्लिम भारत में म्यांमार और बांग्लादेश से अवैध घुसपैठ कर यहाँ बस जाते हैं। सुरक्षा कारणों से इन्हें वापस भेजे जाने की लगातार मॉंग हो रही है और कई रोहिंग्याओं को वापस उनके देश भी भेजा जा चुका है। अब इनके आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त होने की ख़बरों के बाद सुरक्षा बलों के भी कान खड़े हो गए हैं। ख़बरों के अनुसार एक रोहिंग्या परिवार के पाँच सदस्यों को गुरुवार (जनवरी 10, 2018) को मणिपुर की सीमा से म्यांमार भेजा गया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया