विजया गाड्डे पर चलाओ देशद्रोह का मुकदमा: ट्विटर की पूर्व लीगल हेड की गिरफ्तारी की उठी माँग, मनमाने ढंग से करती थीं सेंसरशिप, US चुनावों में भी दखलअंदाजी की

एलन मस्क और विजया गाड्डे

सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर (Twitter) के नए मालिक एलन मस्क (Elon Musk) द्वारा ‘द ट्विटर फाइल्स’ (The Twitter Files) का खुलासा करने के कुछ घंटों बाद अमेरिका के लोगों ने कंपनी की पूर्व कानूनी प्रमुख विजया गाड्डे (Vijaya Gadde) की गिरफ्तारी की माँग शुरू कर दी।

‘द ट्विटर फाइल्स’ में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के बेटे हंटर बिडेन की रिपोर्ट को सेंसर करने से संबंधित इंटरनल कम्युनिकेशन शामिल हैं। इस खुलासे के बाद स्पष्ट हो गया है कि सोशल मीडिया कंपनी में विजया गाड्डे नियमों की आड़ में मनमाने ढंग से सेंसरशिप लगाती थीं।

कंपनी में रहते हुए विजया गाड्डे ने अमेरिकी राष्ट्रपति के आवास व्हाइट हाउस (White House) की प्रवक्ता केलीघ मैकनेनी के अकाउंट को बंद करने के फैसले को सही ठहराया था। उस दौरान विजया ने ‘हंटर बिडेन स्टोरी’ सेंसर को तर्कसंगत बनाने की भी कोशिश की थी। अगर उस रिपोर्ट को सेंसर नहीं किया गया होता तो 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों का परिणाम शायद कुछ अलग होता।

याद रहे कि विजया गाड्डे पर चाइल्ड पोर्न को हटाने से इनकार करने का आरोप लगाया गया था, जबकि पीड़िता के माता-पिता ने इसे हटाने की गुहार लगाई थी। इसके अलावा, उन्होंने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) को ट्विटर से हटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

ट्विटर के पूर्व कानूनी प्रमुख विजया गाड्डे को एलन मस्क ने बर्खास्त कर दिया गया था। अब अमेरिका के लोग उनके कामों के लिए जेल की सजा की माँग कर रहे हैं। रिबेल न्यूज (ऑस्ट्रेलिया) के प्रमुख एवी येमिनी ने लिखा, “विजया गाड्डे चुनावी दखल के लिए जेल में होनी चाहिए।”

अमेरिकी मीडिया हस्ती कैटलिन जेनर ने ट्वीट किया, “जाँच हो, समन भेजा जाए, अभियोग लगाया जाए और देशद्रोह के लिए विजया गाड्डे पर आपराधिक मुकदमा चले!”

लाउड प्रॉफिट्स के सीईओ विक डेग्राममोंट ने पूछा, “विजया गाड्डे को जेल जाने में कितना समय लग सकता है?”

लोकप्रिय ट्विटर यूजर जॉन कर्टिस ने कहा, “हम सभी बहुत पहले से जानते थे कि विजया गाड्डे जैसे लोगों को ट्विटर में इतने शक्तिशाली पद पर नहीं, बल्कि जेल की कोठरी में होना चाहिए।”

यहाँ यह भी उल्लेख करना आवश्यक है कि ट्विटर के ट्रस्ट एंड सेफ्टी विभाग के पूर्व प्रमुख योएल रोथ ने भी हंटर बिडेन की रिपोर्ट को प्रतिबंधित करने को सही ठहराने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा था, “नीतिगत आधार हैक की गई सामग्री है। यह सामने आई ऐसी स्थिति है, जहाँ तथ्य अस्पष्ट हैं। यहाँ गंभीर जोखिमों और 2016 के सबक को देखते हुए हम इस सामग्री को रोकने के लिए एक चेतावनी शामिल कर रहे हैं।”

पॉल ए स्ज़ीपुला ने ट्वीट किया, “योएल रोथ ने कथित तौर पर एक प्रकटीकरण दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करके FEC से झूठ बोला था, जिसमें कहा गया था कि इंटेल अधिकारियों ने ट्विटर से कहा था कि हंटर बिडेन को हैक किया गया था। ट्विटर फाइलों का कहना है कि सरकार ने रोथ को चेतावनी नहीं दी थी और न्यूयॉर्क पोस्ट की हंटर कहानी को विजया गाड्डे द्वारा सेंसर कर दिया गया था। रोथ और गाड्डे जेल में होने चाहिए।”

एक ट्विटर यूजर ने हिलेरी क्लिंटन के साथ विजया गाड्डे की एक तस्वीर पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, “अब यह सब समझ में आता है। आपको देशद्रोह के लिए जेल में रहने की जरूरत है।”

‘हंटर बिडेन स्टोरी’ और विवाद की पृष्ठभूमि

साल 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों से पहले न्यूयॉर्क पोस्ट ने हंटर बिडेन और यूक्रेनी गैस कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी के बीच ईमेल के बारे में विस्फोटक कहानी प्रकाशित की। अपनी रिपोर्ट में समाचार आउटलेट ने आरोप लगाया कि उसने एक क्षतिग्रस्त मैकबुक से सामग्री प्राप्त की थी, जिसे मरम्मत के लिए सेवा केंद्र में लाया गया था। लैपटॉप लाने वाले ग्राहक उस लैपटॉप को लेने के लिए दोबारा नहीं आया।

दुकान के मालिक ने कहा कि उसने बार-बार ग्राहक से संपर्क करने की कोशिश की। हालाँकि वह मालिक को हंटर बिडेन के रूप में नहीं पहचान सके। उन्होंने कहा कि लैपटॉप पर ब्यू बिडेन फाउंडेशन का स्टिकर था। रिपोर्ट में कई दस्तावेज थे और एक वीडियो का जिक्र था, जिससे साबित होता है कि जो बाइडेन यूक्रेन के एक हाई-प्रोफाइल बिजनेसमैन से मिले थे और उस समय वे अमेरिका के उपराष्ट्रपति थे।

रिपोर्टों में कहा गया था कि जो बाइडेन ने अमेरिका के उपराष्ट्रपति के रूप में यह मुलाकात करके यूक्रेन स्थित व्यवसाय में अपने बेटे हंटर के प्रभाव को स्थापित करने में मदद की थी। बाइडेन कैंप ने उस दौरान सभी आरोपों का खंडन किया था। शुरू में वामपंथी और उदारवादी गिरोह ने रिपोर्ट को फर्जी बताकर खारिज कर दिया, लेकिन अंततः यह पुष्टि हो गई कि लैपटॉप की सामग्री वास्तव में हंटर बिडेन की थी।

न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट पर प्रतिबंध के बाद ट्विटर ने कार्रवाई को यह कहते हुए उचित ठहराया था कि उसकी नीतियाँ चुराई गईं जानकारियों को साझा करने से रोकती हैं। चुनाव खत्म होने और जो बाइडेन को राष्ट्रपति घोषित किए जाने के बाद स्पष्ट हो गया कि न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट सच थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया