ब्लूम्सबरी इंडिया ने कॉन्ग्रेस समर्थकों और वामपंथियों के दबाव में दिल्ली दंगे से जुड़ी किताब के प्रकाशन का फैसला लिया वापस

तस्वीर साभार: मोनिका अरोड़ा

प्रकाशक ब्लूम्सबरी इंडिया ने मोनिका अरोरा, सोनाली चितलकर और प्रेरणा मल्होत्रा की की पुस्तक ‘Delhi Riots 2020: The Untold Story’ के प्रकाशन को वापस लेने का फैसला किया है। उन्होंने इसके पीछे का एक कारण उनकी जानकारी के बिना लेखकों द्वारा आयोजित किए गए वर्चुअल प्री-पब्लिकेन इवेंट लॉन्च करने को बताया। प्रकाशक ब्लूम्सबरी इंडिया ने यह बातें एक प्रेस रिलीज जारी करके कहा।

ब्लूम्सबरी इंडिया ने कहा कि उन्होंने लेखकों द्वारा की गई जाँच और इंटरव्यू के आधार पर सितंबर 2020 में पुस्तक को जारी करने की योजना बनाई थी, लेकिन अब उन्होंने अपने फैसले को रद्द कर दिया है।

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पब्लिकेशन हाउस ने आगे कहा, “लेखकों द्वारा हमारी जानकारी के बिना आयोजित एक वर्चुअल प्री-पब्लिकेन इवेंट लॉन्च सहित हाल ही की घटनाओं को देखते हुए, हमने पुस्तक के प्रकाशन को वापस लेने का फैसला किया है।”

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पुस्तक के प्रकाशन को वापस लेने का निर्णय सोशल मीडिया पर प्रमुख ’बुद्धिजीवियों’ के नेतृत्व वाली वामपंथी उग्र भीड़ के विरोध के बाद आया, जिसने पब्लिकेशन हाउस पर ऐसा निर्णय लेने के लिए पर दबाव डाला था। आक्रोशित वामपंथी भीड़ में विवादास्पद अभिनेत्री स्वरा भास्कर और अन्य प्रख्यात ‘पत्रकारों’ और ‘बुद्धिजीवियों’ जैसे कई व्यक्तित्व शामिल थे।

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दक्षिण एशिया सॉलिडैरिटी इनिशिएटिव ने भी ब्लूम्सबरी इंडिया को पुस्तक का प्रकाशन वापस लेने के लिए धमकी दी। बता दें कि दक्षिण एशिया सॉलिडैरिटी इनिशिएटिव के इस्लामवादियों से संबंध हैं। इसने हाल ही में न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर में राम मंदिर भूमि पूजन के अवसर पर ‘हिंदू फासीवादियों’ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था।

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कॉन्ग्रेस समर्थकों ने भी ब्लूम्सबरी इंडिया को किताब वापस लेने के लिए उकसाया।

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बता दें कि पुस्तक के प्रकाशन को वापस लेने के कारणों में से एक के रूप में उद्धृत किए जाने वाले कार्यक्रम में भाजपा नेता कपिल मिश्रा और ऑपइंडिया इंग्लिश की एडिटर-इन-चीफ नूपुर शर्मा ने भाग लिया था, जिससे वामपंथी भीड़ के बीच भारी रोष था।

ब्लूम्सबरी इंडिया ने लिबरलों, कॉन्ग्रेस समर्थकों और इस्लामवादियों की उग्र भीड़ के दबाव में रहते हुए दावा किया कि वह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का समर्थन करता है। उनका कहना है कि उन्होंने पुस्तक के प्रकाशन का फैसला इसलिए वापस ले लिया, क्योंकि वो ‘समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को लेकर काफी सचेत हैं।’

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया