चीन अब वामपंथी देश नहीं रहा! कम से कम सोशल मीडिया पर तो नहीं। पूरे चीन (उसके शहरों से लेकर नेताओं तक का) का नाम बदल कर हिंदुस्तानी नामों से सजा दिया गया है। सोशल मीडिया वीरों ने यह काम किया है… चीन को ईंट का जवाब पत्थर से दिया है।
शुरुआत चीन ने की। अरुणाचल प्रदेश के 15 जगहों का नाम बदल दिया, भारत को उकसाने के लिए। विदेश मंत्रालय से इसको लेकर विरोध भी दर्ज किया गया। लेकिन सोशल मीडिया पर लोगों ने विरोध अपने अंदाज में किया।
ट्विटर पर हरप्रीत (@CestMoiz) नाम के एक यूजर ने चीन के शहरों के भारतीय नाम क्या-क्या होंगे, उसकी जानकारी दी। आप भी पढ़िए। बीजिंग को ‘भुजंग नगर’ बनाया गया। तिब्बत की राजधानी ल्हासा को ‘लक्ष्मणगढ़’ और गुआंगजौ को ‘घण्टा घर’ में बदल दिया गया।
इस ट्वीट के बाद तो जैसे बाढ़ आ गई। चीन के सबसे बड़े शहर शंघाई को ‘शंभूनगर’ बनाया जा चुका था। शिनजियांग को ‘शिवगंगा नगर’ का नाम दिया गया! चीन या चाइना को भी बदल कर चिन प्रदेश कर दिया गया।
तियानमेन चौक को ‘टैंक चौक’ बना डाला सोशल मीडिया वीरों ने। सिर्फ जगह ही नहीं, चीन के सबसे बड़े वाले नेता शी जिनपिंग को भी नहीं बख्शा गया। अब उनका नया नाम है श्री जटाशंकर।
वुहान के लिए कई नाम आए। फाइनल आप खुद डिसाइड कीजिए – चमगादड़नगर, कोविडपुर, कीटाणु प्रदेश, वायरसपुर।
चीनी शहरों और उनके नेताओं का नाम बदलने का सोशल मीडिया का यह प्रयास रूका नहीं है। रक्षा विशेषज्ञों से लेकर स्थापित लेखकों तक, सभी ने चीन की अरुणाचल वाली हरकत को जोड़ते हुए उनका मजाक उड़ाया।